00:00एक आदमी टॉयलेट में बैठा था, जब उसने कुछ भयानक देखा, अब दुनिया का अंत आ चुका है, लेकिन अचानक उसके पीछे कुछ लोग उसकी और बढ़ते हुए नजर आये, खत्रे को भापते ही वह बिना खुद को साफ किये भाग खड़ा हुआ, वह तुरंत अ
00:30कुछ ही दूरी पर हैं, जंग जेल चुके अरजुन ने मौत की आहट महसूस की, और तुरंत जरूरी सामान समेटना शुरू कर दिया, अब इस शरनस्थल को छोड़ना ही एक मातर विकल्प था, लेकिन राहुल तो डर के मारे कुछ कर ही नहीं पा रहा था, क्योंकि बिस्त
01:00जाएंगे, इसलिए उसने तुरंत टॉयलेट का धकन हटाया और राहुल प्रिया को अंदर छेपा दिया, खुद अकेला उन लोगों से भिरने निकल पड़ा, बहादुर अर्जुन ने कुछ दुश्मनों को मार गिराया, लेकिन अकेला होने की वज़ह से वह ज्यादा दे
01:30की सख्त जरूरत थी, लेकिन वो सारी दवाईयां तो उन लोगों ने ले ली थी, प्रिया की तड़प को देखकर राहुल ने तकिया उठाया ताकि उसे मार दे, लेकिन खुद से लड़ने के बाद वह ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा सका, वह नहीं चाहता था कि अपने
02:00पतले कपडों में राहुल ठंड से कांप रहा था, भूक और सर्दी ने उसे कमजोर कर दिया और वह जमीन पर गिर पड़ा, धीरे धीरे उसकी चेतना भी धुंधली पड़ने लगी, तभी उसने दूर एक बच्चे को गुजरते देखा, राहुल ने उस बच्चे का पीछ
02:30नहीं था कि उसकी इस हरकत से दादा पोते की जान खत्रे में पड़ जाएगी, जैकेट पहन कर वह फिर निकल पड़ा, खून की बूंदों के रास्ते उसे एक अलाव दिखा और राक में कुछ हड़्ियां मिली, इन हालातों में इनसान ही इनसान का खाना बन गया है, राह�