00:00कह रहा है इलोन मस्क कि टी अफार घटता जा रहा है 2.2 मलब आकला है हुमेनिटिक क्राइजिस में है
00:30दूसरी बात अगर हो रही हो तो उससे शुभ घटना कोई हो नहीं सकती
00:36नगे प्रतिशन गिरीब पर कैपिटा कंजम्षन दस प्रतिशन बढ़ गया तो कंजम्षन के क्या हुआ है
00:42शोर मचाएंगे, population collapse, population collapse, भाई हमें population collapse चाहिए, इन सब मुद्दों की जो काठ है वो बताए दे रहा हूं, इन सब मुद्दों की काठ क्या है?
00:53इन सब मुद्दों की प्रजाती के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता क्या?
01:17बाकी सब जो प्रजातियां हैं, वो क्या हैं, हमारे दुश्मन हैं या वो हमारे बच्चे हैं, किसने कह दिया, जब हम कहते हैं कुछ घटता जा रहा है, तो समझिएगा, बुद्धी लगाईएगा तर्क से, माली जी हम 800 करोड हैं आज, जब हम कह दे हैं कि 800 करोड से हम कम हो �
01:47जहां पर जो है, अब TFR इस लेवल पर आ गया है, कि पॉपुलेशन स्टेबलाइज हो गई है, या माइनर डिक्रीज है, कुछ देश है बस ऐसे, तूसरी बात हम यह कहें भी अगर, कि पॉपुलेशन डिक्लाइन कर रही है, तो उसमें हम यह कहना चाहते हैं कि 800 करोड तो ह
02:17158 हो गया, 158 हो गया, अरे 158 हो गया, तो शुभ बात है, अच्छी बात है, कौन से फॉर्मूले ने बताया है, कि 160 किलो वजन होना चाहिए तुमारा, सिर्फ इसलिए कि कोई सफल व्यापारी है, इसलिए यह सिद्ध हो जाता कि बुद्धी भी है उसके, मैं फिर पूछ र
02:47डिकलाइन फ्रॉंग वाट लेवल, एक आदमी 50 किलो का है, उसका 2 किलो वजन कम हो गया, यह बुरा हुआ, एक आदमी 160 किलो का है, उसका 2 किलो वजन कम हो गया, यह बहुत अच्छा हुआ, पॉपुलेशन डिकलाइन पहली बात तो हो नहीं रही, दूर दूर तक पॉपु
03:17और अगर आपको अपना पर कैपिटा कंजम्शन बढ़ाना है जो कि बढ़ेगा क्योंकि दुनिया के बहुत सारे मुल कभी बहुत गरीब है और हमारा जो विकास का दुन
03:40उसमें जब आपके पास सम्रिद ही आती है तो आपके कंजम्शन बढ़ता है तो पर-capita consumption तो बढ़ेगा यह बढ़ेगा तो इसको भी
03:50neutralize करने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा पॉपुलेशन कम करनी पड़ेगी नहीं समझे अभी अगर 50 unit का
04:00consumption हो रहा है और 50 unit consumption ऐसे हो रहा है कि population है 10 और पर-capita consumption है पांच 10 की population है मान लो पूरे
04:09globe की और पांच पर-capita consumption है तो total consumption कितना है पचास और यही जो total consumption है यही total carbon
04:18emission direct correlation consumption and carbon emission directly correlated तो 50 बराबर 10 गुड़ा 5 ठीक यह जो पांच है पांच क्या है प्रतिव्यक्ति
04:29उपभोग consumption यह बढ़ेगा ही क्योंकि दुनिया में अभी कैसे लोग बहुत है गरीब लोग बहुत है उनके पास जब पैसा आएगा तो क्या करेंगे
04:37वह consumption करेंगे एक गरीब का घर था जिसके पास पंकह भी नहीं था उसके पास पैसा आया है वह पंकह और
04:44कूलर खरीद रहा है हम यह नहीं कह सकते कि यह गलत कर रहा है गलत कर रहा है बिल्कुल गलत नहीं कर रहा है एक दम ठीक कर रहा है भारत जैसे देश में अगर किसी घर में कूलर भी नहीं है तो यह क्लाइवेट एक्टिविजम की बात नहीं है यह पावल्टी है सीधी सीधी ह
05:14तो आदमी जब गरीवी से थोड़ा सही इस तर पर जाएगा तो कंजम्शन तो बढ़ेगा, बने पचास बराबर दस गुड़ा पांच था, उसमें यह जो पांच का अकड़ा है इसे तो बढ़ना पढ़ेगा, और इसके बढ़ने में कोई बुराई नहीं है, बिल्कुल कोई
05:44खरीदे, उसमें बुराई है, पर एक गरीव आदमी है, वो अपने कंजम्शन बढ़ा रहा है, तो जरूरी है बाबा, वो फटे कपड़े पहनता था, वो कपड़े पहनना शुरू करेगा, तो कपड़े पहनने में भी कुछ कारबन एमिशन होता है, उसको हम बुरा नहीं �
06:14हम गोल्स लेके आते हैं कारबन एमिशन के, उसमें हम क्या बोलते हैं कि जो पचास कांकड़ा इसको अभी कम करना है न, कम करना, और नहीं बढ़ात लगते, जितना है, उते नहीं क्लाइमेट चेंज जितना हो गया, अब पचास बराबर दस गुड़ा पांच, पांच को त
06:44मूर्खता है कि बाते हैं, हमें चाहिए पॉपॉलेशन को लैप्स, भई, हमें चाहिए है, और वो हो नहीं रहा है, कहीं से नहीं हो रहा, जापान की अबादी ही कितनी है, जापान में अगर 0.5% डिक्लाइन पॉपॉलेशन हो गया, उसे पूरी दुनिया की अबादी पर क
07:14विक्सित देश भी है, उनमें सबसे बड़ा विक्सित देश है, जो बात Elon Musk बोलेंगे, नि उनका अपना देश, अमेरिका, वहां पर आबादी जबर्दस तरीके से बढ़ रही है, जापान का उधरन बार बार दे रहे हो, डेवलेप्ट कंट्री में से एक ही है, जिसकी आ�
07:44तो कुल मिला करके दुनिया की आबादी काफी तेजी से बढ़ ही रही है, और एक बात और समझना, कुछ बाते परस्पेक्टिव में रखनी ज़रूरी है नहीं, तो हमें आंकडों के माध्यम से धोखा दे दिया जाता, एक आदमी का वजन नब्बे किलो था, उसका नब्�
08:14एक आदमी का वजन नब्बे किलो था, माइक दीजेगा आपको, एक आदमी का वजन नब्बे किलो था, नब्बे से बढ़के पिचानवे हो गया, और एक आदमी का वजन एक सो साथ किलो था, एक सो साथ से बढ़कर एक सो बांसाथ हो गया, दोनों में से ज्यादा खतरनाक
08:44वह पांच किलो की गति से बढ़ता था दोई किलो से बढ़ रहा है इसका मतलब यह है कि सब ठीक है तुम यह नहीं देख रहा हो कि पहले जब बढ़ रहा था तब बेस नाइंटी का था नब्बे से पिचानवे हो गया और शायद उसकी जान बच जाए पर एक सो साथ का जो है
09:14यह आपको नहीं बताया जाएगा यह आपको खुद सोचना पड़ेगा समझ में आ रही बार नहीं समझ में आई यह बार अच्छा फिर पूछता हूं एक आदमी चालीस की स्पीड पर कार चला रहा था उसने चालीस से बढ़ाकर सत्तर है
09:44कर दी स्पीड यह आपको समझ में आएगा आप चालीस पर चला रहे थे आपने चालीस से बढ़ाकर सत्तर कर दी स्पीड कुछ खत्रा बढ़ा होगा यह खत्रा ज्यादा बढ़ा चालीस से सत्तर पर आ गए या एक आदमी एक सो चालीस पर चला रहा था उसने एक सो पचास
10:14बात नहीं है, पर 140 से 150 होना बहुत खत्रे की बात है,
10:18140 से तो आपको निगेटिव जाना है, पर जब निगेटिव जाओ तो शोर मचाएंगे,
10:22population collapse, population collapse, भाई हमें population collapse चाहिए,
10:29चाहिए, हो नहीं रहा है, पहली बात तो हो नहीं रहा,
10:33दूसरी बात अगर हो, तो बहुत अच्छी बात है,
10:37जितने लोग हैं प्रत्वी पर 800 करोड, प्रत्वी इनका consumption नहीं झेल सकती,
10:42sustainable population levels अभी जितनी है उसकी आधी होंगी,
10:45और इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों को मार देना है,
10:48population अपने आप कम हो जाएगी,
10:50मृत्यों अपने आप आजाती है,
10:54बस आप अंधा धुंद पैदा करना बंद करो,
10:58अगर आप तथ्वी को, सब प्रजातियों को और मानो प्रजातियों को भी बचाना चाहते हो,
11:02तो मर नहीं हो, आगी लगानी हो, तो आपकी मर्जी हो,
11:06मैं एंपी कटनी से आया हूँ, और बलराम नाम है मेरा,
11:21और पिछले दस महने से आपके सत्रों से जुड़ा हूँ,
11:24सर मेरा सवाल था कि जैसे गाउं में पांच-छे-छे बेटियां पैदा कर रहे हैं,
11:28और परिवार के वारिस के चक्कर में कि लड़का ही चाहिए परिवार चलाने के लिए,
11:35तो अब छट में ये साथ में लड़का चाहिए,
11:40और चिंता इसलिए नहीं है कि सरकार तो दे रही है खाने के लिए,
11:43तो चिंता क्या करना,
11:44और इसी से अब फिर मंदर भी तयार हैं मंदर कह रहा है कि इस बार लड़का होगा और इस चक्र से एक दो तीन चार पाँच से बढ़ते जा रहे हैं इसमें मंदर मंदर सर नहीं समझा क्या बोल रहे हैं
12:01सर, जो मंदिर में पंड़ा बैठा है, वो बता रहा है, कि यह नियस्वाल लड़का ही होगा.
12:15इसमें कई तरीके के चुटकुले बनाए जा सकते हैं, पर अभी मौका ठीक नहीं है.
12:22तो क्या किया है हमने, हमने आम आदमी को जुनुणा दे दिया है, कि ले भाई, तुझे मुफ्त खाना मिलता रहेगा, तु जुनुणा वजा, बाकी दुनिया भर की तरक्की, सब अमीरों के पास रहे, सारी ताकत सत्ताशीनों के पास रहे,
12:52सारी आयाशियां एक बहुत छोटे से दल के पास रहे,
12:59a group of very privileged individuals,
13:06और आम आजमी जुनजुना बना रहा है,
13:09उसे मंदिर भेज दो,
13:12जो भी पंदा जी है उनके पास,
13:15तो उसे मंदिर में जुनजुना बजाएगा,
13:17उसे मुफ्त का खाना पीना दे दो,
13:19खुश है, क्या रहा है, आठ बच्चे भी कर लो,
13:21सरकार से आ जाता है, मुफ्त का खाना बढ़ियां बात है,
13:24ठीक है,
13:27और अब तो बाकाइदा चुनावों के समय हैं,
13:30अलग-अलग दल, इस तरह की योजना है निकालते हैं,
13:34कि अगर बेरोजगार है तो उसे हर महीने इतना दे देंगे,
13:38महिला है तो उसे हर महीने इतना दे देंगे,
13:42और भी कुछ निकालते होंगे, अगर आपका नाम रह से शुरू होता है,
13:47तो आपको मिलेंगे हर महीने तीन हजार रुपए,
13:50है यह हमारा चुनावी घोषणा पत्र है कुछ भी हो सकता है इन सब मुद्धों की जो काठ है वो बताई दे रहा हूं इन सब मुद्धों की काठ क्या है आत्मग्यान एक बार आप समझ गए ना आपके भीतर कौन सी चीज जो आपको ब्योकूफ बनाती है
14:15आपके भीतर ऐसा क्या है जिसका उपियोक करके पूरा संसार आपको मूर्ख बनाता है फिर आप बच जाओगे
14:24जोटा सब संसार है पूना अपना मीर
14:38जोटा सब संसार है जोटा सब संसार है पूना अपना मीर
14:48राम नाम को जानि ले चले सो भौजल जी तरे सादो चले सो भौजल जी
15:04जोटा सब संसार है पूना अपना मीर
15:16जोटा सब संसार है पूना अपना मीर
15:26राम नाम को जानि ले चले सो भौजल जी तरे सादो चले सो भौजल जी
15:42सादो यह संसार है जैसा से मलपूर
15:54सादो यह संसार है जैसा से मलपूर
16:06दिन दस के व्यवहार में जोटे रंग ना भूल
16:16रे सादो जोटे रंग ना भूल
16:23जागो लोगो मत सो ना करो नींद से प्यार
16:35जैसे सपना रैन का ऐसा यह संसार है जैसा यह संसार
16:55नींद निशानी मौत की उठ कभी राजाग
17:01नींद निशानी मौत की उठ कभी राजाग
17:14नींद निशानी मौत की उठ कभी राजाग
17:26और रसायन छोड़ कर नाम रसायन लाग रिसादो नाम रसायन लाग