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विशेष: कश्मीर से कन्याकुमारी आजतक के साथ, देखें कैसे अद्भुत बना ये सफर
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00:00जम्मो कश्मीर की बर्प से ढकी चोटियों से लेकर कन्या कुमारी के गहरे समुद्रत भारा देख
00:30इस यात्रा में भारत की विविधता की एक अनूठी श्रंखला देखने को मिलती है
00:42भोजन, भाशा, संस्कृति, परंपरा वार्मान्यताओं में अनेकता में एकता की एक शांदार मिसाल
01:00कश्मीर से कन्या कुमारी तक का सफर आसान नहीं है लेकिन भारती रेलवे ने अभी से बेहद सुविधा जनक बना दिया है
01:13रेलवे की पटरियों ने इन दूर दरास के इलागों को इस तरह से जोड़ा है कि अब कोई भी इस अवश्वस्ती अदभुत यात्रा को आसानी से कर सकता है
01:23तो कश्मीर के शिर्णगर रेलवे स्टेशन से वंदे भारत ट्रेन जो सभी सुविधाओं से लैस है वो चलने को त्यार है
01:33ये ट्रेन कटरा तक का अपना सफर तीन घंटे दस मिनट में पूरा करेगी जिसमें लगबख 38 टनल और 900 से जादा ब्रिजों को पार करकर ये ट्रेन कटरा पहुंचेगी
01:45आपको बतादें कि इस ट्रेन के माध्यम से भारत वासियों को कश्मीर तक की ओल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी यानि की ठंड में भी अगर आप आएं तो बर्फ की चादरों को चीरती हुई ट्रेन कश्मीर पहुंचेगी और कश्मीर से वापस जम्मू का सफर अराम से �
02:15शिरिनगर से वन्दे भारत फ्रेन में सवार होकर शांदार यात्रा का अनुख करने के लिए लोग दूर दूर से आये हैं
02:21यह स्पेशल वन्दे भारत ट्रेन जब तीन घंटे का सफर तै करती है तो इस सफर में एक लंबा रास्ता टरनल से होते हुए गुजरता है
02:31और लोग जो है हलक ही जब भार का नजारा दिखते हैं तो उच्छाहीत होते ही हैं लेकिन साथ साथ जब टनल इस आ जाती है तो उसके बाद अलगलग तरह की जो जो चीजें जो गेम्स हैं उसके माधिम सफना टाइम पास करते हैं फिलाहल तो मैं अब हार का नजार अच्�
03:01सदócते यह गई कोई प्राबलम नहीं हो रही है नहीं तो आपनी από टृब्ली के साथ अद मैं सारी आजिब्स को लेते हैं यहां बैठीं हो बहुतध अच्छा अच्छा लग रहा है
03:27मैं बहुत मजा रहा हैं पूरा इस पूरी जर्णी में और इतिंक सुम लोग नहीं लोगों से इंट्राइक कर पारे था
03:35उनकल से मिले जो बनारस से थे मैं से मिले मैं भी कहीं और जगह से हैं और जैसे मैं हूं मेरी मदर-इन-लोग जैपूर से आई
03:46तो गाना सुन रहे हैं पर बहुत खुबसूरत गाना सुन रहे हैं
03:57सर जो है यह ऐसा जो है ट्रेन का सफर ही इतना सुहाना है कि मन दिल दिमाग सब कुन गुनाने का मन कर रहा है
04:05और जो है मैं अब इस जो है गाना गाना भी गा के सुनाता हूँ आओ हुजूर तुमको सितारों में ले चलू तुम जाए ऐसी बहारों में ले चलू यही मैं कर सकता हूँ
04:31आपके दुमांग में आप तक कोई बढ़िया गाना सर अक्चली मैं बहुत अच्छी सिंगर नहीं हूँ मेरे हस्बेड बहुत अच्छी सिंगर है तो आइधिंक सो वह कैमरा थोड़ा शाय है वह कैम देक आगे निवाएंगे आइधिंक सो आप मुझे सजेस्ट कर सकते हो क
05:01है यात्रा के दौरान यात्रियों ने भारती रेलवे के गर्म जोशी भरे आतिप्त का आनंद लिया और स्वादिष्ट नाष्टे का लट लट लटाया
05:11जैसा ही ट्रेंड चनाप ब्रिज पर पहुँची सभी ने अपने मोबाईल फोन पर तस्वीरे क्लिक करने शुरू करती
05:21उद्सा और जोश के भीच यात्रा किसी के हसास करने से पहले ही कट्रा पहुँच जाती है
05:31कश्मीर से करने कुमारी का रुमांचक सफर लगातार जारी है
05:41एक दिन कट्रा में बिताने के बाद अब हमारा अगला पड़ाव देश की राजधानी दिल्ली होने वाला है
05:47और दिल्ली पहुचने के लिए हम आप चुके हैं श्री माता वैशन देवी कटर रेलवे स्टेशन और यहां से हम वंद्य भारत ट्रेन लेकर दिल्ली पहुचेंगे और उसके बाद दिल्ली से करने कुमारी तक का सफर जारी रहेगा
06:01आईए हमार साथ
06:02शिरिनगर से कटरा तक की शांदार यात्रा के बाद अब हम कन्या कुमारी की ओर अपनी यात्रा जारी रखने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ेंगे
06:19वंदे भारत ट्रेन के सर्ये कटरा से दिल्ली की यात्रा आठ घंटे में पूरी होती है
06:25कश्मीर से कन्या कुमारी तक वंदे भारत की कनेक्टिवटी से ना केवल समय की बचत होती है बलकि यात्रा और भी आराम दायक हो गई है
06:34सफर में पॉस्टिक भूजन, शांदार सेवा और ट्रेन में आराम दायक बैठने की दुवस्था है
06:42बहुत असान हो गया भी है अगर सिंगल रूट की लाइन मन गई है तो अगर अकनेक्टिविटेश नहीं तेज होगी तो अतना अच्छा फाइदा रहेगा
06:49पु हि अच्छी सर्विसे हैं हलदीराम और सबका खाना आ रहा है और बहुत ही मजा और खातेपटे लिजाते हैं सबसे बड़ी बात है कि लोगों के टेस्ट का और हेल्थ का
07:02दोनों का ध्यान रखा है जैसे आपने अभी जिकर किया है लोकी की सबजी है और बाकी वेजिटेबल्स भी है पनीर भी है प्रोटीन भी है तो डेफिनेटली रेलवे ने काफी अच्छा लोगों का ध्यान रखा है पर हम लोग लास्ट 20 येर से वैशनोदेवी आ रहे हैं ब�
07:32चले जाना तो दो दिन में हम इस पूरे ट्रावल को कवर कर लेते हैं जो कि पहले हमें पांच-पांच दिन लग जाते थे चैनल्स बहुत अच्छी हुती है और यह सब देखने में मिलता है फास में तो नाच्रली बहुत मज़ा आते हैं तक भी 38 टैनल बनी है मैम और बहु
08:02प्राक्तिक द्रिशों का भी आरंद लिया कट्रा से नई दिल्ली का लगबग 640 किलोमीटर लंबा सफर टैक करने के बाद अब हम आप पहुंचे हैं देश की राजदानी नई दिल्ली में इस पूरे सफर में जो कट्रा से ने दिली तक रहा इसमें वंद्य भारत ट्रेन क�
08:32नई दिल्ली पहुंच गई है दूसरा पढ़ाव अब डिली से कञ्या कुमारी का है और यह सफर कश्मीर से कर्या कुमारी का लगातार जारी है आए हमारे साथ
08:43तो श्रीनगर से नई दिली तक का सफर टेख करने के बाद अब हम आ चुके हैं दिली के हजरत निजामधिन डिलबे स्टेशन पर
08:58हमने आप तक लगबख 800 km तक का रास्ता जो है वो तैय किया और यहां से यानि की हजरत निजामुतु दिल्वे स्टेशन से हमारी कश्मीर से कन्या कुमारी तक की यात्रा का तीसरा पढ़ाव शुरू होने वाला है और यह पढ़ाव बहुत महत्पूर होगा क्योंकि इस पढ
09:28कई लोगों से हम लोग बात करेंगे और भारत के अलग लग रंगों से आपको रूप रूप कराएंगे आई हमारे साथ
09:35अब भारत के दिल दिल्ली से गुजरते हुए हमारी यात्रा चन्नई की और जारी है
09:51करीब 30 घंटे के स्यात्रा में हम देश का बिलकुल अलग रूप देखेंगे
09:58रंग, संस्कृती और चरित्र में
10:03यमना नदी और मा कालका मंदिर के पास बसा निजामों की रेलवे स्टेशन जो कई राजधानियों को जोड़ता है
10:11वहां से दिली चन्नई राजधानी एक्सप्रेस चलने के लिए त्यार है
10:15मैं और मेरे सेयों की अमित बदवार भी इस ट्रेन के माद्यम से चन्नई तक का सफर तै करेंगे
10:20हमारा सफर राजधानी एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी क्लास में होगा
10:24और हम आपको दिखाएंगे कि कैसी ये पूरी ट्रेन है आप ये देखिए ये फर्स्ट एसी अश्रीनिक का जो डबा है
10:30ये आखरी में लगता है ट्रेन के सबसे आखरी में ये डबा लगता है
10:34और इस ट्रेन के ठीक साथ में एक और डबा लगता है जिसको गाड केबिन कहा जाता है और इसके अंदर पारसल भी जाता है अगर दिली से चलनही की तरफ कोई समान जा रहा है तो वो इस डबे का उसमें इस्तिमाल किया जाता है और दीरे दीरे जो ट्रेन है वो आगरा, गौ
11:04ट्रेन यात्रा शुरू होने के कुछ समय बाद ही हमें भारती रेल ने स्वाधिस्ट भोजन परूशा
11:16खाना न केवल स्वाधिश्ट था बलके स्वास्थ वर्धक भी था
11:22हमने रेल सफर का वो दौर भी देखा है कि अगर जब आप ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकलते थे तो इस बात को सुनुश्चित करते थे कि आपके लगेज के साथ साथ एक बड़ा डबा खाने का भी हो ताकि खाना जो है वो घर का हो साफ सुत्रा खाना हो क्योंकि ट्र
11:52आयर सिटीसी के दूआरा जो है खाना सर्व किया जाता है और आप देखिए कि यहां पर जो खाना हमको Alrighty
12:22दिली से चन्नाई की यात्रा का पहला पड़ा वागरा था
12:27ताज महल के खूपसूर्ती और पेठे के लिए मशूर आगरा रेलवे स्टेशन कई मायनों में खास महत्तु रखता है
12:33दिली से चलकर ट्रेन आगरा पहुँच गई है और आगरा लगबग दो मिनट का स्टॉपेज है और इसलिए समय काफी कम है
12:42लेकिन आगरा वो जगा है जो विश्व प्रसित जगा है यहां पर विश्व प्रसित ताज महल है आगरा का पेठा बहुत मशूर है
12:50लाखो परेटक जब आते हैं दिली तो ज़रूर वो इस बात को सुनिशित करते हैं कि वो आगरा आएं और आगरा का जो पेठा है वो ज़रू खाएं साथ साथ ताज महल का दिदार भी करें और राजधानी एक्सप्रेस जो दिली से चलकर चनने ही जाती है उसका पहला स्ट
13:20पालियर के लिए राजधानी एक्सप्रेस लगबग 150 किलोमेटर परती घंडे के रफतार से दोड़ती हुई इस वक्त हम को नजर आ रही है और आप देखेंगे जैसे जैसे आगरा से होते हैं मद्यपरदेश के तरफ जब गारी बढ़ती है तो फिर मौसम में बदलाव आत
13:50पानी में बदलाव जो है वो भी आपको देखने को मिलेगा शाम होते ही हमारी यात्रा जासी की ओर बढ़ती है
13:58उत्रपरदेश के आगरा मद्यपरदेश का ग्वालियर और फिर वापस से उत्रपरदेश के जासी जंक्षन पर दिल्ली राजदानी एक्सप्रेस पहुंच चुकी है और यहां पर यह ट्रेन लगबग पांच मिनट तक रुकेगी और जासी रेलवे स्टेशन एक बहुत मह
14:28बिजी रेलवे स्टेशन है बलकि इसके साथ साथ ये कई बड़े रेलवे स्टेशन में शुमार होता है यहां पर दिल्ली से आने वाली जो राजदानी ट्रेने जो मुंबई जाती है सिकंद्राबाद जाती है जो बैंगलो जाती है उन सभी का जो है हॉल्ट यहां पर होता
14:58आगे बढ़ चलेगी रात गहराती जाती है जादा तर्यात्री या तो सो रहे हैं या सोने की तैयारी कर रहे हैं भोपाल जंक्शन पहुँचने पर हमारी यात्रा करीब आधी पूरी हो जाती है
15:12सुबह 3.35 मिनट पर शुरू हुई दिली चनेई राजधानी एक्सपरस अब भोपाल जंक्शन पहुच चुकी है और यहां पर यह ट्रेन लगबग 10 मिनट के आसपास रुकेगी आपको बता दें कि लगबग लगबग आधा सफर पूरा हो चुका है और यहां से भोपाल के ब
15:42कि कल पूरा का पूरा जिन लगातार जो है ट्रेवल रहेगा और कुछ जगाओं पर सिर्फ कुछ देर के लिए राजधानी एक्सपरस रुकेगी शेहरों गाउं खेतों जंगलों और नदियों को पार करने के बाद अब हम चन्नाई की और बढ़ रहे हैं
15:59दिली से चलकर उत्रपरदेश और उत्रपरदेश के बाद मद्यपरदेश और अब महराष्ट में दिली चन्नाई राधन ये एक्सपरस पहुंच चुकी है इस वक्त बलार्शा रेलवे स्टेशन पर ये ट्रेन खड़ी है और यहां पर ट्रेन का स्टॉपज सिर्फ पांच
16:29ड्रेन चलंगाना के तरफ बड़े की विच्वड़ा रेलवे स्टेशन पर हम लिए और यहां पर एक चीज जो नहीं देखने को मिली वह कि यहां पर जो है खाने कि जगा यानि कि जगा पर फूर्ट्स पर जादा
16:42अंगूर भी जो है वो यहां पर दिया जाता है और लंबी ट्रेन जो है वो दिली से जब चन्ने की तरफ आती है तो लोग जो है फ्रूट्स पर भी ज्यादा आफ फोकस करते हैं कैसा रहा आप तक का आपका सफर बहुत बढ़िया रहा सब कुछ ही अच्छा है मेंटरेंस भी
17:12बिल्कुल ऐसी अच्छी सर्विस हैस होंगी तो जरूर घूमने का मानों बाकि अब इतक जितना रहा है सब बढ़िया रहा है
17:21विजयवारा से गुजरते हुए अब हम चन्नाई पहुँच चुके हैं
17:27कश्मीर से लेकर कन्यकुमारी तक की यात्रा का हमारा तीसरा पड़ाव पुरा हो चका है
17:34यानि की हम पहुँच चुके हैं चन्नाई और ठीक मेरे पीछे खुबसूरत चन्नाई रेलवे स्टेशन मौजूद है
17:40ये चन्नाई के पहचान है ये 100 साल से भी पुराना रेलवे स्टेशन है जो चन्नाई को कहीं नई पहचान भी देता है
17:49क्योंकि इस रेलवे स्टेशन का मौडरनाईजेशन भी हुआ है और इसमें नई टेकनोलोजीज का इस्तमाल भी हुआ है
17:55इसमें कई अलगलग सुविदाओं को भी आपरदान किया गया है
17:58ये दक्षिन भारत का सबसे बिजी रेल्वे स्टेशन है
18:01जहां पर से लगबग एक हजार से ज़्यादा ट्रेने रोजाना चलती है
18:05और साथ लाग से ज़्यादा यातरी रोजाना इस रेल्वे स्टेशन का इस्तमाल करके सफर करते हैं
18:11अब यहां से हमारी आगी की यातरा यनिकी कन्यकुमारी की यातरा शुरू होगी
18:16तो आईए इस रोमांचक सफर का लुफ उठाईए
18:20चिन्नई दक्षिल भारत का प्रमुख परियट नस्थल और सबसे बड़ा शहर है
18:26चिन्नई में मरीना बीच है
18:29जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समुद्रतट है
18:33जहां सबसे ज़्यादा परियटक आते हैं
18:36सुबह के चार बचकर 30 मिनट हो गए हैं
18:42और चिन्नई में कुछ समय बिताने के बाद
18:44अब समय है इस लंबी यात्रा के आखरी पड़ाव पे जाने का
18:50यानि भारत के आखरी चोर करने को मारी पहुँचने का
18:53इसके लिए हम आ गए हैं चिन्ने के एगमोर रेलवे स्टेशन पे
18:57जिसका इतिहास भी शतापदी से एक शतापदी से ज्यादा पुराना है
19:01और ये चन्ने के चार बड़े रेलवे स्टेशन में से एक रेलवे स्टेशन है
19:05जो दक्षिन भारत के कई बड़े-बड़े शहरों को जोड़ता है
19:10ठीक मेरे पीछे आपका स्वीर देख सकते हैं
19:12वंद्य भारत रेन आ चुकी है जो एगमोर से चलकर नागर कोईल जाएगी
19:16और नागर कोईल से महज आदे घंटे के दूरी पर है करन्या कुमारी
19:21तो आईए चल पड़ें अपने आखडी पड़ाव के पंजिक पर
19:40चन्नही के खूपसूरत सडकों, होटलों और समुद्र तटों का अनुभाव करने के बार
19:49अब हम कन्या कुमारी की ओर बढ़ रहे हैं
19:51जब कश्मीर से चले थे तो उचे उचे पहाड और वादिया नजर आए थी
20:03जब उत्रपरदेश पहुंचे तो खेत खलियान नजर आए, जब मध्रपरदेश पहुंचे तो कई नदियों के संगम के उपर से गुजरे
20:10लेकिन अब जब दक्षिन भारत में आप आएंगे तो आपको खेत खलियान के जगा, केले के बड़े बड़े पेड और नारल के लंबे लंबे पेड नजर आएंगे
20:20आपको खेत भी नज़र आएंगे लेकिन उसके साथ-साथ जादा नज़ार आपको वो नारल के पेड़ों के देखने को मिलेंगे
20:27हमारी वंदे भारत ट्रेन अभी अभी रवाना हुई थी
20:35जब एक बार फिर यात्रियों को रेलवे ने उनका मन पसंद खाना परोसा
20:39जैसे जैसे हम कन्या कुमारी के करीद पहुँचे नजारा बदलने लगा
20:46चिन्ने से लगबख साड़क चार सो क्लिमेटर का सफर ते करने के बाद
20:53अब हम आ गए हैं मदुरही जो तमिलनाडू की संस्कृतिक राज़दानी भी कही जाती है
20:58वगे नदी के किनारे बसा ये शहर जो है वो एजुकेशन और इंडस्ट्रिल हब के नाम से भी जाना जाता है
21:06साथी साथ इस जगा से कई बड़ी बड़े शहरों को जोड़ा जाता है
21:11मदुरही वो रेल्वे स्टेशन है जहां पर लगबग 11 प्लैटफॉर्म्स हैं और यहां से कई ट्रेंज जो है वो चलती है
21:19यहां का वैधर भी काफिस्टों आना है जब हम यहां पहुंच रहते तो हमने कई बड़ बड़े पहाड लंबे उचे उचे जो है पेड़ देखे नारल के पेड़ थे केले के पेड़ थे
21:32तो मौसम में बदलाव हो गया है संस्कृतियों में भाषा में और लोगों के बोलचाल में भी पूरत्रा से बदलाव यहां पर देखने को मिल रहा है
21:40अब हम तमिल्नाडू के संस्कृतिक राजधानी मदुराई पहुच चुके हैं
21:46वन्दे भारत यात्रा के दौरान हमने नकेवल भौगोलिक और भाषाई अंतर देखा
21:53बलके संस्कृतियों के सम्रिध्ध विविधता का भी अनुभव किया
21:58पांच दिनों की यात्रा के बाद हम आखिरकार कन्या गुमारी पहुँच गए
22:04इन पांच दिनों में हमने अपनी नजरों से विशाल भारत की अलग अलग खूपसूर्ती को देखा
22:15जिसे आप तक भी पहुँचाया और सुन्दर सत्य यही सामने आया कि कश्मीर से कन्या कुमारी तक एक है भारत
22:22श्रेश्ट है भारत
22:23कश्मीर से कन्यकुमारी तक की इस एथियासिक यात्रा का आज समापन हो गया पाँच दिन अंगिनत स्टेशन लेकिन एक ही अहसास ये है अपना भारत इस यात्रा में हमने भारत के अनेक रंग अनेक रूप देखे बर्फ से धकी वादियां तपते मैदान खरीयाली से जजी �
22:53जो हर जगा एक जैसी थी वो था इस देश का अपनापन कह सकते हैं इन पांच दिनों में हमने सिर्फ दूरी नहीं तया की बल्कि भारत की आत्मा को जाना इस सफर पर हमने ना सिर्फ रेल की पट्रियों पर सफर किया बल्कि दिल से दिल को जूड़ते हुए देखा कश्मी
23:23हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ
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