Kawad Yatra 2025 Start and End Date: सावन आते ही माहौल में कुछ अलग ही खुमारी छा जाती है ऊपर से कांवड़ यात्रा का नाम सुन लो तो दिल-दिमाग दोनों में एकदम जोश भर जाता है। ये कोई आम यात्रा नहीं है ये तो शिवभक्तों के लिए जैसे साल का सबसे बड़ा महोत्सव है। आस्था का असली इम्तिहान और भक्ति का त्योहार है कांवड़ यात्रा। अगर 2025 में आपने भी कांवड़ उठाने का मन बना लिया तो चलो थोड़ी काम की बातें कर लेते हैं। आखिर कब से शुरू (Kawad Yatra 2025 Date) हो रहा है ये सफर? जलाभिषेक का बेस्ट टाइम कौन सा है? और सबसे खास दिन कौन सा रहेगा ये सब जानना जरूरी है।Kawad Yatra 2025 Start and End Date: Kawad Yatra Kab Se Shuru,Jalabhishek Kab Kare | Jal Time Kawad Yatra 2025 Start and End Date: As soon as Sawan arrives, there is a different kind of intoxication in the atmosphere, and on top of that, if you hear the name of Kawad Yatra, then both the heart and mind get filled with enthusiasm. This is not an ordinary journey, it is like the biggest festival of the year for Shiva devotees. Kawad Yatra is the real test of faith and a festival of devotion. If you have also decided to carry Kawad in 2025, then let's talk about some useful things. After all, when is this journey starting (Kawad Yatra 2025 Date)? What is the best time for Jalabhishek? And which will be the most special day, it is important to know all this.
00:00सावन आते ही माहौल में कुछ अलग ही खुमारी चा जाती है उपर से कामवड यात्रा का नाम सुन लो तो दिलो दिमाग दोनों में एकदम जोश भर जाता है ये कोई आम यात्रा नहीं है ये तो श्रिव भक्तों के लिए जैसे साल का सबसे बड़ा महोत्सव है आस्था का अ
00:30से शुरू हो रहा है कावड यात्रा जलाबिशेक का बेस्ट टाइम कौन सा है और सबसे खास दिन कौन सा रहेगा ये सब जानना आपके लिए जरूरी है काशी के जोतिशियों की माने तो 2025 में सावन की शुरुवात 11 जुलाई दिन शुक्रवार से होगी उसी दिन से कावड
01:00जुलाई की मद्रात्री दो बच कर छे मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 जुलाई को दो पहर दो बजे तक चलेगी उद्यातिति के आधार पर 11 जुलाई को ही सावन का पहला दिन होगा तो इसी दिन से कावड या बंबं भोले के जैकारों के साथ शुरू हो जाएंगे श
01:30दिन पर है लोग उसी दिन जला भी शेक करते हैं पूरे सावन में शिवलिंग पर जल चड़ाना तो वैसे भी अच्छा है पर कावडियों के लिए इस दिन का अलग ही इंतजार रहता है
01:3911 जुलाई से शुरू हुई ये पावण यात्रा 23 जुलाई को सावन श्रिवरात्री के दिन समाप्त होगी
01:45पैसे तो भगवान श्रिव स्वेम ही महा काल है उन पर काल का कोई प्रभाव नहीं होता इसलिए उनकी पूजा में राहुकाल या किसी भी अश्रुब मुहुर्द की गर्णा की ही नहीं जाती
01:55सावन में ब्रह्म मुहुर्द से ही मंदरों में भक्तों की भी लग जाती है और जलाबिशेक का क्रम पूरे दिन चलता है
02:02कावड यात्री भी ब्रह्म मुहुर्द से लेकर पूरे दिन कभी भी जलाबिशेक कर सकते हैं
02:07फिल्हाल इस वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक और शेयर करें