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  • 6 days ago
धमतरी में भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ गए हैं.जिनका उपचार औषधीय काढ़ा से हो रहा है.जिसका लाभ भक्तों को भी मिल रहा है.

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00:30यहाँ पर सिर्फ काढ़ा भगवान को ही नहीं पिलाया जाता बलकि उनके भक्तों को भी दिया जाता है।
01:00यहाँ जाता है।
01:02यहाँ जाता है।
01:06हर साल का यह मतलब एक नेगर टाइप का है।
01:10बुला जाए।
01:12पहले भगवान जी का उस्चार क्या उनका कुछ पॉब्लम हो भया था तो उसके उस्चार किया गया।
01:19मंदिर के पुजारी और ट्रस्ट के सदसी के माने तो मंदिर में कभी भी कोई बिना काढ़ा लिये नहीं जाता।
01:43इस साल मंदिर में 600 लीटर काढ़ा बाटा जा रहा है। आने वाले दिनों में इसमें भी बढ़हुत्री होगी।
01:50वाइरल अपन लोग को भी होता है सफर करते हैं बरतात में खास करके।
01:57और यह जो आयूर में काणा है। यह वाइरल का ही काट है। वाइरल की समझे समझे हुआ है।
02:05रिमेडी है सभी होता है। तो अठारा जड़ी बुटी से बनता है। अपन जो मान्यत्ता चलिया रिक भगवान तो भी वाइरल हुआ है।
02:13बीमार है भगवान और इसी लिए औस दी के रूप में काणा होता है।
02:17यह एक सफ़ारा साल से चल ज्यादे ही हो गयोंगे।
02:35इसे माननेता है कि रथियात्रा के पूर्व महस्नान के साथ ही प्रभू अस्वस्त हो जाते हैं।
03:04जिने विराजित स्थल से गर्भ ग्रिह में विराजमान कर औशधी जड़ी बूटी से निर्मेद काढ़ा पिलाया जाता है।
03:11इस दौरान विशेश पूजा अर्चना की जाती है।
03:14भगवान के इलाज के लिए पिलाय गए काढ़ा को भगतो को मंदिर परिसर में प्रसाथ के रूप में बाटा जाता है।
03:20प्रभु को दिया जाने वाला काड़ा, जिस भी भक्त द्वारा ग्रहन किया जाता है, वह साल भर निरोगी रहता है।
03:27अभिशेक मिश्रा, ETV भारत, धमतरी

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