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  • 2 days ago

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Transcript
00:00आज ज verste में अपने बूड़े माबाब की नाकडरी करने वालों
00:08एक दिन वो जरूर आएगा कि माबाब हमें बहुत याद आएगे
00:13लेकिन कब्र जब वो कब्र की मिट्टी तले चुप चुप चुप चुप के होंगे
00:18ये चमकते हुब फे चांद और सूरच
00:22जिस दिन कबर की मिट्डी में दब जाएगे
00:26उस दिन तुम्हे माबाप याद आएगे
00:28लेकिन उस दिन पश्टाने से काम नहीं चलेगा
00:31मेरे आका ने फरमाया
00:33जो एक बार प्यार से अपने माबाप का चेहरा देखे
00:38अल्ला उसको मकबूल हज का सवाब अता फरमा

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