Puri की Rath Yatra से कैसे अलग है Ahmedabad में Jagannath Jalyatra ? क्या मिलता है पुण्य
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00:00एहम्दाबाद में भगवान जगनाथ मंदिर से निकलने वाली रतियात्रा पुरी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रतियात्रा मानी जाती है
00:11इसके लिए तीन रतों का दो महीने पहले से रख रखाव और उन्हें सजाने का काम शुरू हो जाता है
00:18जिसमें भगवान जगनाथ उनके भाई बल्दीव और भेहन सुवद्रा विराजमान होते हैं
00:31आज एहम्दाबाद में जगनाथ जलियात्रा निकाली जा रही है जिसमें खूब ढोलता शे बजाय जा रहे हैं
00:48भगवान जगनाथ जी की रत्यात्रा ये अमदाबाद एवं गुजरात के प्रत्येक लोगों के लिए अमदाबाद की रत्यात्रा एक बहुती बड़ा सुर्दा का कैंद्र है
01:03लाखों की संख्या में लोग बगवान जगनाच जी के दर्शन के लिए असाड़ी भीच के दिन खास तौर पर गुजरात के लोग अमदावाद आते हैं और बगवान जगनाच जी के दर्शन करते हैं
01:17ये रतियात्रा ये अपने आप में एक खास तौर पे एक विशेश यात्रा है जिससे लोगों के आस्ता जूड़ी है।
01:25अगवान जगनाच जी की रतियात्रा से पहले कही दिनों पहले अलग-अलग जो विधी होती है उसमें आज खास तौर पे जलियात्रा निकाली जाती है।
01:55सबसे बड़ी जात्रा है।
02:25कि इस रतियात्रा में शामिल होने का पुण्य बहुत ही कम लोगों को मिलता है। उस पर भी जिसे रत हीचने का मौका मिल जाए वो तो विरले भी बड़ भागी होते हैं।
02:36इस मौके पर जानते हैं कि दोनों जगाओं की रतियात्रा में क्या बुनियादी अंतर है।
02:45पुरी में ही भगवान जगनात का मुख्य और प्राचीन मंदिर है। रतियात्रा की शिरुवात पुरी से ही हुई थी और इसका पौरालिक महत्रों भी है।
02:55हाला की एहंदबाद में ऐसा नहीं है। वहाँ बाद में ये कारिक्रम शिरू किया गया था। और अब तक यहां करीब 147 रतियात्राएं निकाली जा चुकी है।
03:09दोनों ही जगे ये रतियात्रा महत्राव करीब 10 दिनों तक चलता है। जोरान देश-विदेश से लाखों की संक्या मिभक्त दोनों जगहों पर पहुचते हैं।
03:39झाल