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00:00गरभाशय जो होता है वो एक hot spot होता है chemicals का और वो इतने hormones उत्सरजित करता है कि महिला के पूरे शरीर पर कबजा कर लेता है वो
00:08किसी महिला लेखिका ने एक बार कहा था कि in those days I feel like a uterus from the head till toe
00:16उन दिनों में मैं यहां से लेके नखशिक अनुभाव करती हूँ कि जैसे मैं मातर एक गरभाशय हूँ
00:22जैसे मेरी और कोई हस्ती ही नहीं है प्रक्रति मुझ पर पूरी तरह कबजा कर लेती है
00:26इसी तरीके से एक अन्य महिला लेखिका ने लिखा था कि मैं सिर्फ uterus नहीं हूँ मैं एक brain भी हूँ
00:32don't treat me like a uterus और ये बात आत्मग्यान कहलाती है जानना कि जिसको मैं अपनी भावना कह रही हूँ
00:39वो बस मेरे गरभाश है और अंडाश है के कुछ chemicals हैं और कुछ नहीं है ये ममता मात्रत्तो और वो हटा दिये जाए अगर chemicals hormones तो जितनी भावनाई है एक भी भावना नहीं उठेगी
00:49ममता बिलकुल यंत्रवत चीज है ममता प्रेम नहीं होती प्रेम आता है चेतना से और ममता आती है शरीर से पदार्थ से ममता भौतिक है प्रेम अभौतिक है