Eid Ul Adha 2025: पूरे देश में 7 जून को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा. बकरीद को इस्लाम के पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है. इस त्योहार को इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने के 10वें दिन सेलिब्रेट किया जाता है. इस दौरान बकरे की कुर्बानी दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बकरीद पर बकरे की कुर्बानी से पहले उसके दांत क्यों गिने जाते हैं.
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00:00बकराईद का तेवहार मुसल्मानों का एक एहम तेवहार है। इस तेवहार में बकरे सहित कुछ जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस साल भारत में 7 जून को बकराईद यानि एदुल अजहा मनाई जाएगी। तारिख का एलान 10 दिन पहले चांद दिकने के बात किया �
00:30गिने जाते हैं। दरसल बकराईद को बलिदान का प्रतीक माना जाता है। ये परंपरा लंबे वक्त से चली आ रही है। इसलाम के पेगंबरों में से हज़रत इबरहीम की वज़ह से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई। इसलामिक मानताओं के मताबिक लला ने �
01:00गरदन पर छुरा रखा तब ही उसी जगा दुमबा गया। तब ही से बकराईद का देवार मनाया जाता रहा है। ये तो सब जानते हैं कि बकराईद पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि बकरे की कुर्बानी से पहले उसके दात गिने ज
01:30च्छे से ज्यादत दांत होने पर भी बक्रे की कुर्बानी जाये तो बक्राईद पर नहीं नवजात और नहीं बुजर्ग बक्रे की कुर्बानी दी जाती है।
02:00कर लिया है तो वो कुर्बानी के लिए जायज है।
02:30की गुलाबी या पूरी तरह से सफैद हो गई हो तो इसका मतलब बक्रे के पेट में पैरसाइड है जो उसका खून चूस रहे हैं।
02:36चूस रहे हैं। ऐसे बक्रे को बिलकुल ना खरी दें।
02:38कुर्बानी के बक्रे और जिभा करने वाले का मूँ कबला की तरफ होना चाहिए।
02:44इसके लावा ईद पर सबसे पहले सुबह ईदका और मजजितों में नमाज अदा की जाए। उसके बाद कुर्बानी दी जाती है।
02:50कुर्बानी हर उस बंदे पर फर्ज जिसके बाद 50,000 से ज़्यादा रकम हो। आर्तिक रूप से कमजोर लोगों पर कुर्बानी फर्ज नहीं है।
02:57फिलाल इस वीडियो में इतना ही। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हूँ तो इसे लाइक करें, शेयर करें और चानल को सब्सक्राइब करना बिलकुल ना भूरूर।