00:00यह कोई पेड़ पोधो का नरसरी नहीं बलकि अखिलेश कुमार अमबस्ट का आवास है जी हाँ यह कोई नरसरी से कम नहीं है बलकि यहाँ कई दुरलब प्रजातियों के पेड़ पोधे भी लगे हैं प्रकृति प्रेम का यह एक अनुठा मिशाल है आईए देखते हैं इनके
00:30आज परियावरन दिवस है ऐसे में इस खास दिन को और खास बनाते हैं कल्प तरुका है जो डुरंडा में तीन पेज चार पर बोलते हम लोग उसका हम लोग किये हैं और आपने यहां पर और कुछ दिखाया था यह देखे रुद्राज का पोजा है गमला में जगर नहीं च
01:00पृपली ओपली पांगर ना किसा में पर बाते हैं कारि म एक ग्लाल चंदर हैं मंदीर के लिए त्यार कर रहे हैं कि राति शीना मंदीर उसमें लगाई गया
01:22Yes, you do.
01:24Do you have any places where the trees are?
01:27Yes, there are the high school centers, the I.S. club, the food centers.
01:32The whole area is good to see the trees.
01:35Yes, you do.
01:37In the country, there are many places.
01:39Yes, we started working in the 90s, in the RACI, the I.S. club,
01:44the local Indian, the Shippuri, the high school centers, the high school centers.