00:00ऐसे आदमी पर जिन्दगी भी फिदा हो जाती है, जिसका सब कुछ तूटा बिखरा पड़ा हो, उसके बीच में वो क्या बोल रहा है, और खुद भी तूटा बिखरा है बंदू, शरीर से, मूँ भी तूट गया है, और तूटे हुए मूँ से क्या बोल रहा है, खुल भी न
00:30जूटा, जब चारो तरफ सब अस्त, बेस्त, धुस्त पड़ा हो, साफ दिख रहा हो, दुनिया कह रही हो कि आदमी बरबाद हो गया, और आपको सारी बरबादी तबाही के बीच में ही मुस्कुरा सको, तब मैं कह रहा हूँ, जिन्दगी खुद फिदा होती है आपके