00:00रूची लेते हैं एक दुसरों को मदद भी करते हैं और एक अच्छा समाज उनका एक संगटित हुआ है आप देखते होंगे कि मैंने प्राइट हैंड में जो एक भवन बना है ऐसी भवन और बहुत जगे हैं मैं जिस संभाजी नगर से आता हूँ तो संभाजी नगर में भी �
00:30बंद रहा है अवी पुरा हुआ नहीं लेकिम बहुत बड़ा बंद रहा है वह भी मैंने देखा है और ऐसे सामाजी उपयोग का उपयोग करने वाले और समाज को बांदिल की रखने वाले ये सबी का सबी को में नमन करता हूँ उनकुछ वेच्चा देता हूँ और अपने �
01:00वो समस्कुर्टी ही अपनी वैची की वैची रखी है आप जानते होगे कि बगवान महावीर तो इस्वितन पहले हुए इस्वितन पहले हुए बाध के जमाने चे वहा हुए
01:21लेकिन महावीर जी को भी उत्ता मैं तकलिब देने वाले लोग नहीं थे यह नहीं बहुत तकलिब ही दिये वह तपश्यार को बैटे दे तो उनको तपश्यार भंग करने के लिए उनको भी बहुत तकलिब दी कुई मच्चर छोड़े कुई बक्या छोड़ी कुई और कु�
01:51चर्या बंग हुई नहीं और ऐसे समाज के जो प्रिंदेता है ऐसे समाज का जुनों ने गठन किया और ऐसे समाज को जुनों ने विचार दिए विचार के लिए यहां अपन काम करते हैं मैं रनक पूर गया था और रनक