Parents and Children Relationship:अगर बच्चों को बचपन से ही बातचीत का सही तरीका सिखाया जाए तो यही उनकी आदत में भी आ जाता है। वहीं अगर बच्चे गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं तो आगे चलकर ऐसा करना उनके भविष्य के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को कम्युनिकेशन स्किल्स का सही महत्व बताएं। तो चलिए बताते हैं कि कैसे.Parents and Children Relationship: How to make children emotionally strong, how to communicate?
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~PR.114~HT.336~
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00:00बच्चों से conversation किस age में शुरू करनी चाहिए?
00:02बच्चों से conversation हमें
00:04Communication skill अगर बहुत strong करना हो
00:07या उनका confidence high करना हो
00:10तो उसके लिए parents को क्या करना चाहिए?
00:11माम, communication अगर बच्चे का improve करना है तो बच्चे
00:15Parents को किस तरीके से बच्चों से emotionally connection बनाना चाहिए?
00:19बच्चे का पहला school होता है उनका घर और पहले teacher होते हैं उनके parents
00:26लेकिन क्या हम अपने बच्चों से सही तरीके से बातचीत कर पा रहे हैं?
00:30आज हम बात करेंगे कि कैसे parents और बच्चों के बीच की बातचीत उनके विकास की बुनियाद दनती है
00:36इसके लिए हम welcome करते हैं हमारे special guest डॉक्टर तरंजीत कौर का
00:40Hello, welcome to our show मैं
00:42सबसे पहले मेरा सवाल आप से ये है कि बच्चों से conversation किस age में शुरू करने चाहिए और क्यों?
00:50मैं, बच्चों से conversation हम एक साल की उमर से भी शुरू कर सकते हैं
00:55बच्चों से conversation हमें उनके childhood से start कर देने चाहिए रधर early childhood से
01:00because age से 7 तक का developmental stages है और उन stages में ही बच्चा हमसे बहुत कुछ सीखता है
01:08तो जैसे आप बोलते हैं, जैसा आप पहवार करते हैं, बच्चा उसी को replicate करता है
01:15इस से उनके emotional development पर क्या effect पड़ता है?
01:19माम family की बात करना, माबाब का बात करना, बच्चे को emotionally strong बनाता है
01:28वो बच्चे को ये कहता है कि I am one who is being cared for
01:34हमें बहुत सारे माबाब तेखे हैं जो बच्चे को दिन में दो बार, दस बार कभी भी बोलते हैं I love you
01:40but rather than saying I love you, आपको बच्चे को feel कराना है that you are loved and you are cared for
01:49और जब आप ये बच्चे को feel कराते हैं, you are giving emotional strength to the child
01:57मतलब पहले से parenting बहुत change हो चुकी है, तो बच्चों से बहुती openly parents बात करते हैं, तो क्या इसके बीच कोई दाइरा होना चाहिए?
02:07मादि मेरे हिसाब से दाइरा खाली उनकी age और उनकी maturity का होना चाहिए
02:15और parents उनसे कैसे बात करते हैं ये बहुत important है
02:20या बात करते हैं इससे ज्यादा important है कि आप कैसे बात करते हैं
02:27अब अगर आप देखें तो हमें बच्चों से उनकी age और उनके level और उनकी maturity के हिसाब से बात को करना चाहिए
02:38आप अगर उनसे property की बात करेंगे बच्पन में तो बच्चा नहीं पुशवाएगा
02:44अगर आप बच्चे को उसके अपने concerns पढ़ाई क्यों जरूरी है हमें कितना समय खेलना चाहिए फिजिकल फिटनेस कैसे होनी चाहिए
02:54यह सब बाते बच्चा बच्चपन से ही समझ सकता है and that is very important for the child
02:59तो मतलब पहले तो बच्चे फिर भी प्लेग्राउंड में खेलते थे आजकल सिर्फ फोन और लैप्टॉप पे ही सीट है तो इसके लिए क्या करना चाहिए पैरेंट्स को किस तरीके से वो अपने बच्चे का डवलप्मेंट करें कि वो emotionally strong हो उसे चीजे समझ में आए
03:17माम आजकल बहुत सारे ऐसे पेरेंट्स हैं जिन्हों ने यह देखा आया कि उनके बच्चों का screen time बढ़ गया है और इसके लिए वो खुद effort कर रहे हैं इसका तरमतलब है माइने है कि हम अपने बच्चों के साथ पे ग्राउंड में खुद जाएं हम उनको activities में involved करें बट �
03:47किसी भी school में भी डालते हैं तो सिर्फ थोड़ी देर के लिए game खिलाएंगे या फिर वो भी indoor ही होता है outdoor game तो बच्चों के लिए एक्दम खतम हो चुका है
03:57माम यह वेरी करेक्ट अगर आप ऐसे कह रहे हूं यह बात मैं समझती हूं कि वर्किंग बेरंस के पास
04:04quality time नहीं है quality time है उस quality time को भी हम कितना judiciary काम करते हैं उस पे यह बहुत important है
04:15आप weekend में बच्चे को भाड़ ले जाए आप weekend में उसके साथ खेलिये so that he understands the importance of playing outside also
04:26हमने बच्चों को इतनी सारी सहूलतें घर के अंदर देती हैं कि वो भार जाना ही नहीं जाते हैं
04:33अगर शायद हम उसको कम करें मेरा एक आपके माध्यम से मैं parents को कहना चाहती हूँ
04:41कि हम parents एक role model है अपने बच्चों के लिए अगर हम physical activities में involved होंगे हम अपना screen time कम करेंगे तो बच्चे भी अपना screen time कम करने के लिए तयार होंगे
04:56बच्चे से यह मानना कि उसका screen time कम हो जाए और हमारा continued रहे that is not going to work
05:04so you have to be a role model for your child मतलब emotionally stable और family values को enhance करने के लिए
05:13school और college का क्या role होता है माम एक व्यक्ति एक बच्चा अपनी जिदेगी के या दिन के जितने भी घंटे हैं उसमें से आदे घंटे दिन में घर में निकालता है
05:26और आदे स्कूल में निकालता है तो स्कूल का और parents का 50-50% का योगदान है तो अगर आप देखें जो safe environment, valued, life, अगर schools जो हैं वो बच्चे को lifelong learning सिखाते हैं
05:44अब बच्चे को अगर स्कूल में भी value किया जाएगा, बच्चे को बोलने का मौका दिया जाएगा, स्कूल भी वोई चीजें कम्यूनिकेट करेगा, जो family कम्यूनिकेट करती है
05:57I think it is going to be a wonderful combination and it will add to the personality of the child
06:05एहां पर यह सब और जाहां पर यह होता है वहां के students में और जहां नहीं होता है उनके students में अम दोनों में अंतर देख सकते हैं
06:20तो schools are the foundations for our children and they will continue to remain that
06:27So, हमें schools को उतनी importance देनी चाहिए, हमारे बच्चों के लिए teacher को available होना चाहिए
06:37So that हमारे बच्चे वहाँ पे भी emotionally safe अपने आपको महसूस कर सके
06:44क्या आपने कभी ऐसा notice किया है जो बच्चे communication जिनकी family में बहुत जादा होता है parents से
06:52उनके अंदर क्या confidence होता है उनका behavior कैसा होता है
06:56माम वो अपनी feelings को बहुत healthy way में express कर सकते हैं
07:01एक सबसे बड़ा difference यह है
07:03क्योंकि उनके parents ने उनको वो trust दिया है कि we are at your back
07:09तो in case वो बच्चा कुछ गलत भी करता है तो उसमें confidence होता है
07:15for that acceptance of that mistake
07:18in comparison to other students
07:22जहां पे family बहुत open नहीं है
07:25environment हमने open नहीं दिया है
07:27वहां पे बच्चा अपने parents चीजों को छुपाना चाहता है
07:31ना कि बताना चाहता है
07:34बच्चेन families में communication open होता है
07:37बच्चा अपने parents से कुछ हाइड नहीं करना चाहता है
07:40क्योंकि उसे पता है कि अगर मेरे से कोई गलती भी हो गई है
07:44तो मेरे parents मुझे support करेंगे इस गलती से बाहर आने में
07:49बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो घर में बहुत active होते हैं
07:54बहुत बात करते हैं सारी चीजे खेलना सब कुछ करेंगे
07:57लेकिन स्कूल में जाके वो एकदम शान्त होके पीछे बैट जाते हैं
08:02किसी सब टीचर से बात नहीं करते या डरते हैं
08:05तो उनके लिए आप क्या कहना चाहेंगे
08:07माम देखिए परसनालिटी जो होती है वो बच्चे की डाइनमिक होती है
08:14बदलती रहती है बट ऐसी नहीं बदलती है कि स्कूल में और घर में इतना बड़ा परिवर्तन हो
08:19अगर बच्चा घर में पेरेंट से बात करता है और स्कूल में बहुत अक्टिव नहीं है
08:25प्रॉबबिली तेरा रीजन बिहांड इन उसके पीछे कोई रीजन है
08:30उसके बीछे कुछ ऐसा इंस्टेंज हो सकता है जिससे वो बच्चा अपने आपको अपने दाइरे में करके रख चुका है
08:38उसने एक बाद टीचर से बात करी जो बाद टीचर से बात करी और दोनों बाट टीचर ने उसको डांड दिया
08:47या कहा go back to your seat क्योंकि टीचर के पास 40 बच्चे हैं एक लास में तो वो बच्चा शायद इतना sensitive था कि उसको लगा कि मैम मेरे को पसंद नहीं करती है और वो बच्चा अपने आपको एक दाइरे में बांध लेता है
09:06आज कल बच्चे हो भी रहें कि मतलब बहुत जल्दी मतलब ऐसे होते ना कि टीनेज में भी या भी इस्पूल में भी छोटे बच्चे जब होंगे तो उन्हें लगता है कि अब मुझे बात नहीं करने चाहिए बहुत जल्दी गिव अप करना या किसी से बहुत जल्दी बात �
09:36माम हमें अपने बच्चे को हर समय हर सिचुएशन में confidence देना है
09:45जिन्दिकी में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका कोई solution नहीं है
09:53हो सकता है थोड़ा देर हो, हो सकता है थोड़ा समय लगे बट solution होगा
10:00तो parents को वो trust देना है अपने बच्चों को, वो confidence देना है
10:06अगर आप से कोई गलती हो भी गई तो we will support you, we are there in every circumstances
10:14राइट, but the fact is कि अगर आपको आज दिखता है कि आपका बच्चा बात नहीं कर रहा है
10:21तो आप बच्चे का अपने तकाने का weight ना करें आप बच्चे से खुद जाके बात करें और बच्चे से पूछे कि कुछ हुआ है
10:30कोई ऐसी चीज है जो तुम disturbed हो या this is physical tiredness that you don't want to speak today
10:38मैम शायद हमने एक दाइरा बना रखा है जहां पर हमारे बच्चे अपनी girlfriend या boyfriend के बारे में हमसे बात नहीं करते हैं
10:47क्योंकि हम as parents we are judgmental for it
10:51Please understand you have to give up आपको वो openness अपने बच्चों को देनी है
10:57वो confidence अपने बच्चों को देना है कि वो आपके साथ चीजों को आके share कर सकते है
11:04जैसे हमारे टाइम पर होता था हमारे parents भी हमें मारते थे डाटे थे
11:09यह हमारे teacher भी school में अब नहीं मारते कि बच्चों को नहीं मारना है यह डाट से ही काम चलाना है
11:15पर हमारे school में भी बहुत मार पड़ी है हमारी सारी लेकिन अब करने पर बच्चे बहुत जल्दी
11:21detach हो जाते हैं अपने parents से तो इस situation में क्या करना चाहिए ऐसा parents को
11:27क्योंकि माम शायद मारने के बाद हमने से बात करी है
11:33परे parents ने जब हमको मारा था जैसे आप कह रही हैं हमें भी बहुत मार पड़ी है
11:39बड़ी फैक्ट इस कि शायद तब हमारे ममी पापा ने आके हमसे बात करी थी
11:45हमें बताया था कि हम मारना नहीं चाहते थे
11:49बड़ी तुमने रियाक्शन ही ऐसे दिया कि हम कुछ करनी पाए
11:53या हमसे कंट्रोल नहीं हो पाया
11:55मादम बच्चे को मारना या नहीं मारना
11:59is not a solution
12:01the only thing is that the realization of the fault has to come with the child
12:06बच्चे से गल्ती हुई है और यह गल्ती है इं बच्चे को बस इतना ही
12:11रलाइस कराना है
12:13वो पहले जमाने में मार के कर लेते थे अभी हमें थोड़ा बच्चे से बात करके उसको explain करना है
12:21कि जो आपने किया वो ठीक नहीं था
12:24एं बच्चे आज की तारीक में यह भी बूचते है कि क्यों ठीक नहीं है
12:28तो आप में वो श्रमता होनी चाहिए
12:31वो patience होना चाहिए कि आप अपने बच्चे को explain कर सके कि यह क्यों गलत है
12:38बच्चे का communication skill अगर बहुत strong करना हो
12:44या उनका confidence high करना हो तो उसके लिए parents को क्या करना चाहिए
12:48माम, communication अगर बच्चे का improve करना है तो बच्चे को आप chance दीजिए बात करने का
12:56अगर बच्चे के बोलने से पहले ही आप उसको चुप करा देंगे
13:01या उसके हर sentence में उसकी गलती निकालेगे आप बच्चे को complete करने दीजिए
13:07बोलिये, it is very good, it was very nice, it was wonderful
13:11बट ये दो-तीन चीजे हैं जो तुम्हें improve करनी है
13:17माम, जो शुरू का sentence है ना, first half of the sentence makes a lot of impact
13:24बच्चे के दिमाग में ये आता है कि मेरी तारीफ करी गई, मुझे गुड कहा गया
13:31और फिर बाद में है कि छोटे-छोटी गलतियां
13:34बट पेरिंस क्या करते हैं, गलतियां पहले बताते हैं
13:37और बच्चे को वही रोट देते हैं
13:40अगर हमें बच्चे को प्रैक्टिस करानी चाहिए, आप बच्चे से बोलिये आप किचन में काम कर रहे हैं
13:49बच्चे से बोलिये न्यूस पेपर पढने के लिए
13:52लेट जाइल्ट रीट ती नियूस पेपर रहे हैं
13:59बच्चे से बोलिये उसको के लिट आप जानकर उसको रोज मरह के जिन्दगी में प्रैक्टिस करें
14:09अब बच्चे करें
14:14जाते-जाते मैं मैं यह पूछना चाहते हूं कि आज के digital के जमाने में पेरेंट्स को किस तरीके से बच्चों से emotionally connection बनाना चाहिए अपना
14:24मैं, कोई भी जमाना हो, चाहिए डिजिटल का जमाना है, चाहिए इंटरनेट का जमाना है, यह AI का जमाना है
14:34बट जहां पे आपकी भावनाओं का कनेक्शन होता है, वहां पे यह सब फेर है
14:40मैं भी जो एक लास्ट सिंटेंस पेरंस को आपके माध्यम से कहना चाहूंगी
14:54उनके लिए है, you are there for them, no matter what it is like, so your love for your child needs to be unconditional, it cannot have lot of conditions
15:08तुमने ऐसा किया तो हमने ऐसा किया, यह नहीं हो सकता, आपका प्यार as parents unconditional होना चाहिए, support unconditional होना चाहिए
15:19Thank you so much मैं हमारे साथ जुढने के लिए, I hope मेरे वीवर्स को यह सारी बाते बहुत अच्छे सा समझा ही होंगी
15:26और next series में हम ऐसी मिलेंगे और आपसे ऐसी parenting पे बात करेंगे, thank you so much मैं
15:33Thank you so much