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  • 5/25/2025
Eid-ul-Adha 2025 Date In Saudi Arabia, India, Moon Sighting Time: ईद-उल-अजहा को बकरीद के नाम से भी जाता है। ये इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो हजरत इब्राहीम की अल्लाह के प्रति पूर्ण समर्पण और उनके द्वारा दी गई परीक्षा की याद में मनाया जाता है। जानिए 2025 में यह पर्व कब मनाया जाएगा।

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~PR.115~ED.118~HT.336~

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Transcript
00:01मुसल्मानों का दूसरा सबसे बड़ा तेवहार यानी बक्राईद जिसे एदुल अज़ा के नाम से भी जाना जाता है अब वो बेहत करीद है
00:08ऐसे में आईए जानते हैं साओधी अरब और भारत में एदुल अज़ा का चांद कब दिखने वाला है
00:12दरसल एदुल अज़ा का तेवहार इसलामी कैलेंडर के बार्मे महीने जुल हिज़ा की दस्मी तारीख को मनाया जाता है
00:19ये तारीख चांद के दिखने पर निर्भर करती है
00:21बकराईद पर मुसल्मान हजरत इबराहीम की उस यकीदे और कुर्बानी को याद करते हैं जो उन्होंने अल्ला के लिए दिखाई थी
00:29अल्ला के एक हुक्म पर उन्होंने अपने सबसे करीबी औलाद की कुर्बानी देने का फैसला ले लिया था
00:35चलिए जानते हैं साल एदुल अज़ा कब बनाई जाएगी और इसका धार्मिक महत्व क्या है
00:40सौधी अरब में दुलहिज्जा 1446 का चांद 27 मई 2025 को देखा जाएगा
00:46अगर यहां चांद 27 मई को दिखाए देता है तो 28 मई यानि बुद्वार को दुलहिज्जा का पहला दिन होगा
00:52और ऐसे में सौधी अरब में एदुल अज़ा कतेवार 6 जून को मनाया जाएगा
00:55और भारत में 7 जून को
00:57भारत में दुलहिज्जा 1446 का चांद 28 मई 2025 बुद्वार को दिखने की संभावना है
01:03अगर चांद उस दिन दिखाए देता है तो 29 मई 2025 को दुलहिज्जा का पहला दिन होगा
01:09और भारत के लोग 7 जून 2025 को ईद मनाएंगे लेकिन अगर 29 मई को चांद दिखता है तब ईद कतेवार 8 जून को मनाया जाएगा
01:16मुस्लिम धार्मिक मानेताओं के मताबक इस दिन हजरत इबरहीम ने अल्लह की हुकम पर अपने बेटे हजरत इसमाईल को कुर्बान करने का फैसला लिया था
01:24तब अल्लह ने उनकी नियत और एमान को देखकर इसमाईल की जगा एक दुमबा यानी मेंडा भेज दिया
01:28कहते हैं तबी से इस कुर्बानी देने की परंपरा की शुरुआत हुई
01:32ये दिन इनसान को सिखाता है कि जब अल्लह की रह में कोई छोड़ना पड़े तो उसे खुशी से छोड़ देना चाहिए
01:37इस दिन कुर्बानी के जानवर का मांस तीन हिस्सों में बाटा जाता है
01:40एक गरीबों को एक रिष्टदारों को और एक खुट के लिए होता है
01:44बकरईब का मतलब सिर्फ कुर्बानी से नहीं बलकि इसका धार्मिक मतलब बहुत ही गहरा है
01:49ये तेवहार अल्ला के लिए समर्पन, त्याग और दान से जुड़ा हुआ है
01:53दरसल बकरईब पर कुर्बानी के हिस्से को तीन भागों में बाटा जाता है
01:56पहला हिस्सा गरीब और जरुवतमंदों को दिया जाता है
01:58दूसरा हिस्सा लोग अपने दोस्तों रिष्टदारों में बाटते हैं
02:01वहीं तीसरा हिस्सा अपने घर परिवार के लिए रखते हैं
02:03इस तरह से बकरईब का तेवहार सीख देता है कि कोई भूका न रहे
02:07हर कोई खुश रहे और सब को बराबरी का दर्जा दिया जाए
02:11फिलाल इस वीडियो में इतना है आप क्या कहेंगे
02:13कॉमेंट सेक्शन में हमें लेकर जरूर बताएं
02:14वीडियो को लाइक करें शर करें और चैनल को सबस्क्राइब करना बिलकुल लब भूलें

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