00:00यह जबलपुर के पनागर में रैपुरा गाओं में एक निजी अस्तवल है
00:04दरसल सचिनतेवारी नाम के एक ब्यापारी जबलपुर में एक निजी रेशकोर्ष सुरू करनी की तयारी में थे
00:12उन्होंने हैदराबाद से 57 गोडे बलवाए थे
00:15शुरूआत में सब कुछ ठीक था गोडे स्वस्थ थे लेकिन धीरे धीरे गोडों की तवियत खराब होना शुरू हुई
00:22और इनमें से आट गोडों की मौत हो गई
00:25जब एक एक करके घोडे मर रहे थे तो सचिनते बारी डर गए और उन्होंने जिलाप्रशासन को इसकी सूचना दी कि कहीं घोडों को कोई संक्रामग बीमारी तो नहीं हो गई है
00:36जिलाप्रशासन ने ग्लेंडर्स नाम की एक बीमारी के सक में तुरंत विटनरी विभाग की चार्टी में बनाई और सचिनते बारी के फॉर्म पर इन्हें भेज दिया
00:49विटनरी डिपार्डमेंट के अधिकारी प्रपुल मून ने बताया कि बीते 15 दिनों से लगातार गोडों के सेंपल लिये जा रहे हैं
00:59और उन्हें हर्याना के राष्ट्रिय अस्त्व अनुसंदान के अंदर में जाच के लिए भेज़ा जा रहा है
01:05क्योंकि ग्लेंडियर नाम की जो विमारी है यदि वो गोडों में पाई जाती है तो यह खतरनाक है
01:12अभी तक 44 गोडों की रिपोर्ट निगेटिव आई है पांखी की रिपोर्ट आने की इंतिजार किया जा रहा है
01:19इसलिए टीम अभी वी यहीं मौजूद है यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो ग्लेंडियर निमारी के प्रोटोकॉल के तहट काम किया जाएगा
01:31अधिक गर्मी के कारण चुकि वहां का बातवन और यहां का बातवन में काफी अंतर है तो उसके कारण से शुरू में होर्सेस इनके बिमार पढ़ना शुरू ही वेस्ट्रेस के कारण
01:51और फिर तीन-चार होर्सेस को कोलिक भी हुआ है तो उसके कारण से उनकी मौत हुई है कुल आठ होर्सेस की अभी तक मौत हुई है किन्तु अभी इस्टती कंट्रोल में है और हमने 57 होर्सेस के ब्लड सैंपल एन रसी ले अर्याना में भिज़वाया है विसार में तो 44 होर्
02:21कि करवाई आठ गुरे बताया है कि बिमारी नहीं थी इनको क्या होट इस एकमास्फियर से आये थे वहाहे एग्लाबास से और स्ट्रेस के कारण यह ऐसा हो जाता है एज़ेस्ट होने में थोड़ा सा टाइम लगता है यहां पर यह ज़ग है ज़ग है इनके लिए पर्यास क
02:51It's not actually the only way it has to be.
02:54So the space is quite low and the hides is very low.
03:00So it's not really making it with their movement.
03:05So what do the technical department do you need to do?