00:27को आगे बढ़ाने के लिए कई अस्तर पर काम किये जा रहे हैं सराई केला जिला प्रसासन ने 20 महिलाओं के समु को हजारी बाग डोकरा आठ सिखने की प्रसिक्षन के लिए भेजा है ताकि डोकरा के जरिये महिलाओं को रुजगार से जोड़ा जा सके और वे आत्म निर्भर
00:57कि लोग इस कला को जीवित रखे हुए हैं पिछले 15 सालों से हजारी बाके जहार क्राफ्ट केंद्रे में गुडन मलहार डोकरा आठ का प्रसिक्षन दे रहे हैं
01:08कि डोकरा का डिजाइन हो रहा है एक कला हम लोग का खंदानी पेसा है मैं यहां अर्बन हाट में 15 साल से माश्टरी कर रहा हूं अभी लड़की लोग आई है सराइक इला से साइट बारा तारिक से इन लोग को ट्रेनिंग में सिखा रहे हैं अभी कुछ-कुछ एक दूएट
01:38इसमें लगता है कड़वा पेल अर्धुमन और मोम को गला के हम लोग धगा बनाते हैं और दीजाइन फिनीसिंग होने के बाद मीटी से इसको कवर कर देते हैं तो मीटी कवर करने बाद इसमें दीजाइन मीटी में आ जाता है यह तो जल के सारा आग से निकल जाएगा यह �
02:08इसको गला करके इसमें डालते हैं और इस साचा भी हीट होता है पीतल भी पानी जीसे गलाते हैं यहां डालते हैं तो इस फर्मा बन जाएगा पीतल वहां जाता है अपना जगह जगह में बैट जाता है
02:22सराइक केला से 20 महिलाओं का समू हजारी बाग पहुचा है महिलाएं भी कहती है कि टोकरा आठ सीखने का एक अच्छा मौका मिल रहा है इससे दो फाइदा होगा पहला तो अपने छेतर में जाकर अन्य महिलाओं को प्रसिक्षित करेंगी ताकि वह भी टोकरा आठ के जरिये
02:52को जीवित रखने का प्रयाज किया जा रहा है सबी सरैकेला जिला से सभी दिदी लोग आई हुई हैं हम मिलाके 21 जीदी आई हैं वहां से अर हम लोग यहां डोकरा आठ सीखने के लिए जैसे यह जो आर्ठ हम लोंग का बनता है अंड्ट प्हूलते जा रहेता है तो एक तर