US Rejects Indian Mangoes: हाल ही में, अमेरिका ने भारत से भेजे गए 15 आम की खेपों को डाक्युमेंटेशन(Documentation) में गड़बड़ी के कारण रिजेक्ट कर दिया। इससे भारतीय एक्सपोर्टर्स(Indian Exporters) को लगभग ₹4.2 करोड़ का नुकसान हुआ। इन खेपों में अल्फांसो और केसर(Alphonso & Kesar) जैसी प्रीमियम वैरायटीज़ शामिल थीं, जिन्हें न्यू मैक्सिको में USDA अप्रूव्ड फैसिलिटी में रेडिएशन ट्रीटमेंट से गुज़ारा गया था। फिर भी, डाक्युमेंटेशन में डिस्क्रिपेंसी के कारण ये खेपें अमेरिका में रिजेक्ट हो गईं।
00:00तो आज हम बात करने वाले हैं कैसे मुद्दे की जुसने इंडिया के fruit export sector को जटका दिया है और वो भी हमारे सबसे प्यारे fruit यानी आम को लेकर
00:10इस बार की गर्मियों में आम के मिठास उस वक्त फीकी पड़ गई जब अमेरिका ने भारत से भेजे गए 15 आम के shipments को reject कर दिया ये सिर्फ एक normal return का मामला नहीं था इसके पीछे वज़े थी कुछ documentation errors और इस वज़े से इंडियान एक्सपोर्टर्स को करीब 4.2 करोड उपय का
00:40पर जानते हैं कि आखर ये मामला था क्या भारत से जो 15 खेपे अमेरिका भेजी गई थी उनमें अलफानसो और केसर जैसे premium varieties के आम थे ये fruits न्यू मैक्सिको में USDA approved facility में irradiation यानि की radiation treatment से गुजरे थे ताकि उसमें कोई insect या pathogen ना रहे लेकिन जब ये shipment अमेरिका पहुचे त
01:10Form PPQ203 जो अमेरिका में entry के लिए जरूरी होता है उसमें incomplete या mismatching information थी यही बना वज़य कि पूरे shipments को या तो destroy करना पड़ा या return shipping करनी पड़ी जो की cost effective बिलकुल भी नहीं था
01:26अगर हम नुकसान की बात करें तो 15 shipments में cool value थी लगभग 5 लाग डॉलर यानी Indian currency में 4 करोड 20 लाग रुपे ये नुकसान सीरिय सीदे इंडिया के top exporters को हुआ है जो इन hot selling summer products को अमेरिका के high profile market में भेज रहे थे
01:41ये आम आमोमन pre-order base पर भेजे जाते हैं यानी पहले ही customer fix होते हैं अब जब delivery नहीं हो पाई तो ना सिर्फ exports को नुकसान हुआ बलकि उनकी blind image और future business trust को भी बड़ा जटका लगा है अब सवाल ये उटता है कि क्या अमेरिका ने ज्यादा सकती दिखाए या फिर गलती पूरी
02:11documents error भी shipment rejection का कारण बन सकता है इस वार मामला सिर्फ quality का नहीं था पेपर वर्क गलत था इसलिए technically अमेरिका ने नियमों के तहती काम किया लेकिन ये एक बहुत बड़ा अरलाम है कि हमारी supply chain में अब भी documentation और standard operating process को लेकर गड़बढ़िया हैं जब हम international markets में competition कर रहे हैं तब स�
02:41digital tracking पर ज्यादा ध्यान देना होगा अब बात करते हैं इंडिया के long term impact ही तो हाँ ये एक बहुत बड़ा जटका है लेकिन साथ ही ये एक मौका भी है सीखने और system को और बहतर बनाने का इस घटना ने हमें ये दिखाया कि Indian export ecosystem को अभी भी professionalism और international standards की जरूरत हैं अगर हम इस �
03:11global scope भी है भारत दुनिया का सबसे बड़ा arm production देश है 2023 में इंडिया ने लगभग 2,000,000 टन arm export किये जिसमें अमेरिका, यूरोब, Middle East और South East Asia शामिल है अगर हम सही तरीके से हर स्टेश को control करें form से लेकर destination तक तो भारत अपनी arm industry को 10,000 करोड का export vertical बना सकता है इस पूरे मामले
03:41diplomatic intervention हूँ, future में documentation गडबर ना हूँ, इसके लिए digital certification system लागू किया जाए और सरकार ने शुरुवाती level पर संग्यान लिया है लेकिन अभी तक कोई public statement सामने नहीं आया है
03:53आने वाले सीजन में exporters और एजन्सियों को मिलकर SOP बनानी होगी हर step, irradiation, packaging, cooling, documentation और logistics को सक्थ monitoring के साथ follow करना होगा
04:05Indian embassies को भी चाहिए कि वो international water एजन्सियों के साथ direct connection बनाया रखे ताकि इस तरह की घटनाओं में QR action लिया जा सकी
04:14तब पूरी report पर आपकी क्या राया है हमें अपनी राय comment box में दे और ऐसे ये updates के लिए देखते रहिए good returns
04:20हमारे चैनल को like और subscribe करना बिलकुल भी मत भूलिएगा