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  • 5/17/2025
Mohabbat Ek Saza – Episode 44 | Full Episode | [Release Date]
Tensions rise in Episode 44 of Mohabbat Ek Saza as emotions run deep and relationships face the ultimate test. Will love conquer betrayal, or will fate take a different turn? Don’t miss this powerful and emotional episode that keeps you hooked till the end!

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Transcript
00:00नूर आओ, हम उदर बैठते हैं, चलो. आओ.
00:09यहाँ पर?
00:12अल्मास, तुम्हें टीम के साथ बैठने चाहिए.
00:14किसकी?
00:16मुझे मॉडल से कुछ जरूरी बाते करनी है.
00:19देखो, टीम महाँ पर है.
00:23ठीक है.
00:25अब हम इन मैडम की टेबल पर भी नहीं बैठ सकते हैं.
00:28मेरी आगों के सामने आगे बढ़ रहे हैं वो.
00:32बहुत गर्मी है.
00:34यह टीम की टेबल है.
00:36क्या हुँ, अल्मास साहिबा?
00:37यह जगह आपको पसंद नहीं आई?
00:39नहीं तो.
00:40पसंद आई?
00:41बहुत जाधा.
00:44बहुत अच्छा काम किया.
00:46हमारे फोटोग्राफर साहब अर्किसी की तारिफ नहीं करते.
00:50तुम मेरे लिए वाकिए बहुत बड़ी धर्याफ थो, नूर.
00:55तुम ठीक तो होना, क्या हुआ?
00:57मेरा दम गुट रहा है.
00:58पर्फियूम.
00:59उसकी वज़े से हो रहा है.
01:00पर्फियूम छड़को, ऐसे छड़को, ऐसे पोस दो, ऐसे पोस दो.
01:04उस वज़े से दबियत खराब हो रही है.
01:11प्लीज ये बात दुबारा जोर से मत कहना, इश्तियार देने वाले सुन लेंगे.
01:15उनकी हसि तो देखो सरा.
01:17काश ये सब तमारे शोर भी देख लेता.
01:24वैसे यू नहीं देख सकता.
01:27एक पर समझ की समझ पर परवाल है.
01:30काश समझ की समझ पर बच़ा रहा हो.
01:32धिष्यार पर क्या ऐसे समझ बना है?
01:34काश ये सब तुम्हारा शोहर भी देख लेता।
01:41वैसे यू नहीं देख सकता।
01:51सभी बता रहा हूँ, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा।
02:04बहुत मज़ा आ रहा है।
02:12मज़ा तो आ रहा है, लेकिन तुम्हारा मूड कुछ ठीक नहीं लग रहा।
02:16जिसम तो यहाँ है, लेकिन दिमाग मूड के पास है।
02:34नूर का जो दिल चा रहा है, वो कर रही है।
02:37देखो, इनसान ने बनायन स्क्रूस को, और लहरों की ताकत लगाने के बावजूद भी, यह डूब नहीं रहा, तो बिल्कुल उसी तरह मैं भी इन लहरों की तरह नूर के सामने हार चुका हूँ।
02:47उसके आगे नहीं चल रहा मेरा जोर बिल्कुल भी। मुझे लगता है, हमारा कुछ नहीं हो पाएगा।
02:55वाह भाई, तक्टीर के आगे ना जुकने वाला आदमी, एक औरक के मुफबत के आगे जुक गया।
03:01बोलो फाजल... फाजल... इश्तिहार की शुटिंग मतलब? पर्फियों का इश्ठिहार?
03:09हाँ, ठीक है, समझ गया सकता है।
03:13मैंने फाजल पर पाएगा। वो बोलो, तक्तिर के आगे ना जुकने वाला आदमी, एक औरक के मुफबत के आगे जुक गया।
03:19बोलो फाजल
03:21फाजल
03:25इश्टिहार की शुटिंग मतलब
03:27पर्फियूम का इश्टिहार
03:29हाँ ठीक है समझ गया
03:31तुम उसका ताकूब करते रहो मैं तुम से राप्तों में रहोगा
03:33चलो ओके बाई समझ गया
03:39हसी क्यों आ रही है
03:41बीवी की पीछे आदमे लगा कर पता करवाते हो
03:43कि वो किस इश्टिहार के लिए गई है
03:47हस लो हस लो
03:49बस लेकिन एक बात याद रखने तो
03:51बिल्कुल सीरियस
03:53मैं तुम्हे फेक दूँगा नीचे
03:55कसम का रहो मैं
03:57चोड़ो यार कहाँ फेकोगे
03:59जब ना फेक दूँगा नी उसके बाद मतर चलेगा
04:01हदे
04:13बहुत शक्रिया
04:17चलतंबसे वही बात दुबारा करते हैं
04:19ज़िए तुम्हे बिल्कुल पसंद नहीं
04:23क्या कहा
04:25जियादा हसो तो
04:27क्या कहा?
04:28ज्यादा हसो तो रोना भी पड़ता है.
04:31अभी कुछ देर पहले तुम हस रही थी.
04:33और अब ऐसा लग रहा है कि अगर तुम्हे छूँँ तो तुम रो पड़ोगी.
04:36दिमाग शोहर के पास चला गया न?
04:39अजीब सा लग रहा है.
04:42यनी जब अली और मैं एक दुसरे की तरफ कदम बढ़ाते हैं तो फिर...
04:46फिर तुम दोनों टकरा जाते हो.
04:49लगता है अब तुम भी समझ गए हो.
04:53नूर, अब ये सब कुछ छोड़ दू कि कैसा लगता है कैसा नहीं.
04:58मतलब मैं तुम्हारे शोहर का कजन हूँ.
05:00और अब मैं तुम्हे थोड़ा बहुत जानने भी लगा हूँ.
05:03लेकिन मैं आपको अब तक सही से नहीं जानती.
05:05यनी अली से आपका क्या मसला है?
05:10मैं नहीं जानती कौन सा बदला लेना है.
05:14मैं भरोसा नहीं कर सकती हूँ आपका.
05:17दिल से इज़द भी नहीं कर पाती हूँ.
05:22वैसे अच्छी खासी इंट्रेस्टिंग परस्नालिटी हो तुम.
05:24मैं तुम एली के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा हूँ, तुम जानती हूँ.
05:27और तुम होनी भी देती हूँ.
05:30लेकिन अच्छानक मेरी बेतकल्लुफी पर मुझे टोक दिती हूँ.
05:32तुम मुझे तुम क्यों नहीं कहती हूँ, नूर?
05:35ऐसा क्यों करती हो तुम?
05:38मैं क्या करती हूँ, क्या नहीं, आप नहीं समझ सकते हैं.
05:42ये दिल की बाते हैं.
05:53चलो.
05:55चलो दोस्तों, एजन्सी वापस चलते हैं, फटा-फट.
06:06हाँ अमी हाँ, अभी निकली हूँ, बोले.
06:09तमारी फिकर हो रही थी, नाजान अभी टेक्सी से उतरी है.
06:13तुम लोग तो साथ गए थे, तो फिर वो अगेने क्यों आई?
06:16थोड़ी दिर में पता चल जाएगा, आपको नाजान को अंदर तो आने दे, फ़ौरं पटर-पटर सब बताएगी.
06:21रूको, रूको.
06:27अब क्या हो गया, फिर से चगडा किया ना?
06:29अरे अमी जल्दी क्या है, आपको नाजान आ गए है ना?
06:32तुम घर कब आओगे, रात की खाने के लिए तयार नहीं होगी क्या?
06:36नहीं, मुझे अभी कहीं जाना है, मैं एक गंटे बाद खुद आजाओंगी.
06:39अली के पास?
06:47या लाह!
06:52खुशाम दीद, नाजान.
06:56खैरियत बहुत जल्दी आ गए?
06:57आपकी बेटी के साथ गए थी, तो खैरियत कैसे हो सकती है?
07:01खैरियत तो है, क्या हो गया?
07:03ये बात अपनी बेटी से पूछेंगा.
07:05अगर उससे शरम नहीं आती और गुस्सा नहीं आता, तो वो ही आपको बताएगी कि क्या हुआ?
07:09दमीज से बात करो.
07:10बता नहीं अब तुमने क्या बततमेजी की होगी कि उसका पाला चड़ गया?
07:14मुझे यकीन है कि तुम भी ने कुछ किया होगा, इसलिए बेज़द हुआ लीना से.
07:18बस बहुत हो गया.
07:20इस दफ़ा ये मामला यहीं ख़तंग नहीं होगा, आयतुल सहबा.
07:24अब ये बात ख़त्म नहीं होगी.
07:28बहुत कुछ अलग होगा.
07:31माजी में जो हुआ था, मैंने सब बोला कर, आपकी बततमेज बेटी, लाडली बेटी पर तरस खाकर सच्चे दिल से हाथ बढ़ाया था.
07:39चाए हमारे जितनी भी जगड़े होगे हो, वो मेरी नन्द है, मैंने सब ignore किया है क्योंकि हम एक ही खांतान से है.
07:46मैंने तो अपना दिल साफ कर लिया था, लेकिन अलीना ने मेरे दिल के इतने तुकड़े कर दिया है कि मैं अब चाहकर भी जोड नहीं सकती.
07:55इसलिए मैं भी उसे ऐसा ही जखम दूँगी, मैं भी उसको ऐसा जखम दूँगी कि याद रखेगी.
08:01कैसी बाते कर रहे हो, क्या किया आया अलीना ने, साफ साफ बताओ मुझे.
08:05आप जानना चाहती हूँ उस दे क्या किया, उस दे आज मुझे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मना लिया.
08:23या रिया मैं क्या करूँ, सिर्फ इसी की दुश्मनी बाग ही रह गयी थी.
08:28अलीना, नाजान के साथ तुमने किया क्या है आखेर?
08:35सोचो नाजान, सोचो.
08:39कहां से और कब कैसी वार करना है, सोचो.
08:43ऐसा वार करना है कि उससे मौत भी ना आया और तरप भी रहे.
08:50देखो, हम कितने सारों से एकी इच्छट के नीचे हैं.
08:53मैंने नाजान को कभी ऐसा नहीं देखा.
08:56मतलब ही, एकी घर की और तुम्हें ऐसी दुश्मनी, तुम आखेर कर क्या रही है अलीना?
09:01अब क्या आप नाजान से भी डरेंगी है, अम्मी? अल्ला, अल्ला.
09:04हद हो गई, मतलब चाहें वो उससे कितना ही जलती रहे.
09:07देखो, दुश्मनी से नहीं डरती हो, इसलिए दुश्मन मना रही हूँ, बेटा?
09:13हाँ? और? और तुम दोलों एकी जट के निज़े रहते हो, वो तुमारी भाबी है.
09:18चाहें मैं उससे कितना भी डाटों, लेकिन मुझे ये सब पसंद नहीं है, मैं तुम दोलों की सुला कर बाओंगी.
09:22अरे अम्मी, मैं सच में सोचने पर मज़बूर हो गई हूँ. अच्छा चलें, मैं भी ड्राविंग करें हूँ, मुझे और परिशान मत करें.
09:27अब बस मैं यही सोचती रहा हूँ, कि नाजान से दुश्मनी हो गई है, मेरे पास और भी मसलें यार.
09:31अल्ला अल्ला, कोई काम ही नहीं बचाए मेरे लिए.
09:33अल्ला अल्ला, कोई काम ही नहीं बचाए मेरे लिए.
10:03अल्ला अल्ला, कोई काम ही नहीं बचाए मेरे लिए.
10:24ओ, यहां तो जान पेचान वाले है.
10:28गब्रा गईं, क्या जाहिट को मेसेज कर रही थी बैट कर?
10:31नहीं तो, मैं क्यों करूँगी?
10:34गब्राओ मत, वैसे भी मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं.
10:37मैं तो बस आपको यहां जानक देखकर हैरान हो गई, पर आप सा...
10:40कोई बात नहीं, तुम जहमत मत करो प्लीज.
10:42मेरा सर्प्राइस खराब मत करो.
10:44इन तस्वीरों में कोई औरी हैं ऐसा लग रहे है.
10:52मेकट कितनी अजीब चीज़ है न?
10:54ये लाइट्स, ये कॉस्ट्यूम, मैं घुद को पैचान नहीं पारें.
10:58नुमर सेविन नकाबली यकीन है.
11:02इस तस्वीर में तो बहुत मुखतलिफ लग रहे हूँ.
11:04नुमर नाइन ज्याता दिलकश है मेरे ख्याल में.
11:09अलीना सहबा?
11:13अरे क्या हो गया है?
11:15ऐसा लग रहे है जैसे कोई बूत देख लिया हो तुम लोगों ने.
11:18मैं यहां करीब में शौपिंग कर रही थी तो मेरे दिल ने कहा,
11:20अलीना, तुम्हारे शोहर के कजन ने एजनसी खोली है,
11:23तो तुम्हे एक गिफ लेकर उसे बेस्ट विशिस देने चाहिए, बस इसलिए मैं आ गई.
11:27मेरा दिल चाहा था बस इसलिए लिए.
11:31बहुत शक्रिया अलीना.
11:32यहाँ कोई अजनबियत महसूस नहीं हो रही है, एक तरफ अलमास, दूसरी तरफ नूर.
11:36यह जगह तो फाम हाऊस के छोड़ी शाख बन गई है.
11:39हाँ, बिल्कुल ऐसा ही है.
11:41नूर, वैसे पिक्चर्स तो बहुत अच्छी आई है.
11:44तुमने वागई अच्छा किया नूर. फरात ने भी अच्छा साथ दिया.
11:47और शूटिंग कैसी रही, मुझ्किल तो नहीं होई?
11:50नहीं, अच्छी रही.
11:53नूर, तुमने वागई अच्छा किया नूर.
11:55फरात ने भी अच्छा साथ दिया.
11:58तुमने वागई अच्छा किया नूर.
12:00फरात ने भी अच्छा साथ दिया.
12:02और शूटिंग कैसी रही, मुझ्किल तो नहीं होई?
12:04नहीं, अच्छी रही.
12:07नूर, तुम आराम से बैठ कर यहाँ तस्वीरे देखो.
12:10मैं अलेना को अपना ओफिस दिखाता हूँ.
12:28तुम जानते हो, मैं यहाँ तुमारा ओफिस देखने नहीं आई हूँ.
12:31जानता हूँ. कहीं ऐसी जगा बैठने हैं, जहाँ आराम से बात कर सके.
12:52तुम्हें यहाँ देखकर हैरत हुई.
12:54मैं इतनी बेवकुफ नहीं हूँ कि फाम हाऊस में तुम से बात करूँ.
12:57कल रात के रवयी के बाद मुझे बस यही ठीक लगा कि यहाँ आचाओं बात करने के लिए.
13:02शायद तुम अली के रवयी की बात कर रही हो.
13:04फरहाद, मैं तुम से कह रही हूँ कि चले जाओ.
13:25क्यों? अगर मैं शीख के बोलूंगा तो कुछ होगा क्या?
13:30तुम पागल हो गए हो क्या? हाँ? मैं तुम्हारे कसिन की बीवी हूँ.
13:34तुम कितने बेशरम और बेहया निकले हो.
13:38बात सुनो फरहाद, अगर तुमने मेरा सुकून बरबात किया है,
13:41मेरे शोहर को मुझे बजन करने की कोशिश की, तो तुम्हें पश्टाना पड़ेगा.
13:44मैं अपने शोहर से बहुत महवबत करती हूँ.
13:46अगर फाम हाँस में रहने का मकसद वही है,
13:48कि तुम अपने दिमाग में सोच के बैठे हो,
13:49कि मेरे और अली की बीच में दरार डालोगे,
13:51तो तुम्हारी ये सोच गलत है बिल्कुल.
14:04शोहर की साप का बीवी भी साप की तरह, पता नहीं कहां से निकलायी है.
14:10तुम अपना काम करो, अल्मास.
14:13स्टायल देखो ज़रा.
14:15इंजिलीना जूली नहीं बन गई हो.
14:20तुम अपने दिल की बड़ा हसना कहीं और जाके निकलो,
14:22मेरे पास फ़सूल वक नहीं है.
14:33तो मतलब तुम यहां मुझे सिर्फ धंकाने आयी हूँ?
14:35क्या हुआ?
14:37जो राज मैंने तुम्हारी अम्मी से शेर किया पसंद नहीं आया?
14:41मैं जानती हूँ तुम क्या करने की कोशिश कर रहे हो,
14:44लेकिन मैं जाज़ब नहीं दूँगी.
14:45आज जात मैं अपनी शोहर के साथ अकेले डिनर पर जाओंगी.
14:49और तुम्हारा ख्याल भी सहन में नहीं आयेगा.
15:05मेरा ख्याल तो आएगा तुम्हें अलीना.
15:08एकने एक दिन मेरा ख्याल तो ज़रूर आएगा.
15:15ऐसा कभी नहीं होगा.
15:17तुम मेरे शोहर के खलाफ मेरे दिल में शक कभी भी नहीं डाल सकते.
15:38ये पिक्चोर्स वगारा बाद में देख ले.
15:43क्या कहा?
15:46अलीना ने कुछ कहा है क्या?
15:52आज रात में अपने शोहर के साथ अकीले डिनर पर जाओंगी.
15:55और तुम्हारा ख्याल भी सहन में नहीं आएगा.
15:57मैं सोच रही थी कि हम कल रात का खाना बाहर खालें.
15:59मैं घर में रह रह कर बहुत बोल हो जुकी हूँ.
16:01मैं तुम्हें बताओं हम लोग पहले जब डिनर पर जाय करती थे न,
16:04तो अक्सर समंगनर किनारे जाते थे.
16:09क्या हुआ फराज सहार? ठीक तो है न?
16:11मैं तुम्हें बताओं हम लोग पहले जब डिनर पर जाय करती थे न,
16:13तो अक्सर समंगनर किनारे जाते थे.
16:17क्या हुआ फराज सहार? ठीक तो है न?
16:21आज रात हम डिनर पर जा रहे हैं नूर.
16:23क्या कहा?
16:25वही जो तुम्हें सुना.
16:42जब से हम यहाँ पर आए हैं, सारे लोग हमारे ही तरफ देख रहे हैं.
16:47बिल्कुल देखेंगे सब लोग.
16:50इतने फोटो शूट्स, इतनी मैगजीन्स, किसी लाउंचिंग में,
16:53कभी कोई रावत, कभी कोई रावत.
16:55तबी तो मुझे इस सब नहीं पसंद.
16:58इतने फोटो शूट्स, इतनी मैगजीन्स, किसी लाउंचिंग में,
17:01कभी कोई रावत, कभी कोई रावत.
17:03तबी तो मुझे इस सब नहीं पसंद.
17:05तुम कितने बोरिंग हो गया हो अली.
17:07अब इसका मैगजीन, शूट और लाउंचिंग से क्या तालुक है?
17:11मतलब ये लोग हमें अली और अलीना कुजान वाली नजर से नहीं देख रहे हैं.
17:16ये तो हम इसनी देख रहे हैं, कि हम एक दूसरे के साथ अच्छे लगते हैं.
17:21अच्छा खेर, छोड़ो इन सब लोगों को, अब खाना शुरू करो.
17:25मैंने तो हातों में क्या-क्या पहन रखा है, मैं नहीं खा सकती, मेरा शोहर मुझे खिलाएगा.
17:30अलीना, अब ये ख्याल अच्छानक कहां से आ गया तुम्हें?
17:33अरे तो क्या हो गया? कल रात मैंने भी तो तुम्हें अपने हातों से खिलाया था न?
17:37क्या हो जाएगा? तुम भी मुझे खिला दो. मैं थोड़ा सा प्यार से और थोड़ा सा नास उठवा के खाना जाती हूँ.
17:42तुम तवज्ज़ो दो ताकि मेरी आज की राज खुबसुरत हो.
17:44अलीना, मगर मुझे...
17:45यार क्या? क्या होगा? अगर तुम अपनी वीवी को अपने हातों से खाना खिलागे तो तुम्हारी इजद कम हो जाएगी क्या हा?
17:50बताओ मुझे? और मुझे क्या? मुझे तो बस तुम्हारी तवज्ज़ चाहिए.
17:53मैं चाहती हूँ कि मुझे लाट किया जाए. मैं चाहती हूँ कि आज की राज खुबसुरत हो. बस यही चाहती हूँ. और यह मेरा हाक है.
18:01अच्छा, बस ठीक है.
18:14लो.
18:24तुमने ठीक तो सुना है ना? कोई अलटी तो नहीं हुई?
18:27अरे मैं कितनी दफ़ा बताओ बाबा. बहुत जोर से कहा था उन्होंने कि डिनर पर जा रहे हैं दोनों एक साथ.
18:32या नहीं? लूरा भी फराथ साहब के साथ डिनर पर गई हुई है.
18:36जब पानी सर से उचा हो जाएगा तब तुम्हें समझ में आएगा.
18:40वो रात के इस पहर बाहर गई हुई है. उसे याद पर करते हैं.
18:45तुम्हें तुम्हें करते हैं.
18:47तुम्हें तुम्हें तुम्हें करते हैं.
18:48मुझे तो सुनकर ही परिशानी हो गई.
18:51हफीदा वेगम सुन रही हो तुम?
18:53आखिर तुम्हारी बतीर जी क्या करती गुम रही है?
18:55मुझे नहीं पता वो क्या कर रही हो और क्या नहीं है नियर साहब.
18:57ठीक है.
18:58जब पानी सर से उंचा हो जाएगा तब तुम्हें समझ में आएगा.
19:02वो रात के इस पहर बाहर गई हुई है.
19:04उसे यहाँ होना चाहिए था.
19:06फर्हाद के साथ वहाँ कुछ चर्रे उडा रही है.
19:09कोई शर्मोहया नहीं है.
19:11सुनो, अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया,
19:14तो हम किसी को भी मूँ दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे.
19:17अरे क्या हुआ, क्या हो गया ऐसा हद है?
19:20खएर है बाबा, फिकर नहीं करें.
19:22आपका दमाद भी बीवी के साथ गया है.
19:24पॉली, अपनी साप का बीवी के साथ डिनर पर गया है.
19:27तोबा यारब, समझ नहीं आरा क्या हो रहे है?
19:31वो अलग बात है और ये अलग.
19:32अली साहब ने अलीना की हालत के बारे में कुछ नहीं बताया.
19:35उसके पास कोई भी चारा नहीं था, जायर सी बात है.
19:39अपनी लड़की को क्या हुआ है?
19:41अफिजा, उस लड़की को बढ़ा कर समझा लो.
19:44उसका शोहर ऐसी बातें बरदाश नहीं करेगा.
19:47वो अपनी हद में रहे.
19:48ये क्या है?
19:49कि इस वक्त एक गैर मर्द के साथ बाहर खाना खाने जाये.
19:52अल्ला, अल्ला.
19:53मेरा तो वाकिल खुन खोल रहा है.
19:55असम से बता रहा हूँ, अगर वो इस वक्त मेरे सामने आ जाये तो,
19:58मैं उसका मूँ पकड़ करेगा इस वक्त.
20:01बाबा, बस करे.
20:02हम यहाँ खाना खा रहे हैं.
20:04सुभा से नूर की बातें सुन सुन कर कान पक गये हैं.
20:07बाबा जान, मुझे नहीं समझ आता.
20:09आपको ऐसे क्यों लगता है आप इस शादी से कोई फादा उठा पाएंगे?
20:12नूर से उमीदे नहीं लगाए, हाद मलते रह जाएंगे.
20:14चुप रहो तुम. अच्छी बातें निकालो मूँ से.
20:17ये शादी हमारे दर्वाजे पर खुश नसीबी बन कर आई है.
20:21नहीं है, खुदा के लिए बातें बन कर दे, मैंने एक लुक्पा भी निकाया अभी तक.
20:25तुम भी चुप रहो, तुम भी काम करती थी न पहले, अपने दोस्तों कसत खाने पर नहीं गई कभी.
20:30हाँ सही तो कह रही हैं, मगर कॉफी पीते हुए लग रहा था कि इन दुनों में बहुत ज्याता दोस्ती हो गई है.
21:00उसे कैसा अत्तवाग है? मतलब इस्तंबोल इतना चॉता है, ये भी यहाँ आगहे।
21:24अलेना, अपना खाना खाँगा।
21:26तुम्हें क्या लगते हैं?
21:27मैं परिशान हो रही हूँ या मुझे कोई परवा है?
21:29मैं ये सोच रही हूँ कि हम कितने अर्षे बाद अकेले बाहर निकले हैं.
21:33खेर, जादा सोचो मत, दफ़क करो.
21:37तुम भी तो नहीं खा रहे हो, मतलब तुम्हें भी अच्छा नहीं लगा.
21:41शायद मैं समझ सकती हूँ कि तुम फराद की विजद से परिशान हो.
21:44मुझे कोई फरक नहीं पड़ता, मैं तुम्हें समझ सकती हूँ.
21:47जानती हूँ, वो तुमसे अपनी डिल वापस लेनी का घुसा निकाल रहा है.
21:51हाँ, मतलब वो तुम्हारा कजन है, मैं ये बात भी मानती हूँ.
21:55तो फिर कल राँ डिनर पर तुम्हारी बेचानी का क्या मतलब था?
21:58क्या अब वक्त नहीं आ गया है कि तुम अराम से फराद को फार्म हाँस से वापस जाने का कहतो?
22:07मतलब ठीक है, वो तुम्हारा कजन है, लेकिन फिर भी तुम्हें परिशान कर रहा है, तो तुम्हें जाने का बोल देना चाहिए न?
22:15क्या वो इतना ढीड और लापरवाह है कि नहीं समझ पारा? लेकिन तुम भी तो कुछ नहीं कह रहे है.
22:21ठीक है लीना, तुम छोड़ो उन्हें, खाना खाओ.
22:30अगर तुम इससे दादा चुकीं तो नीचे गिर जाओगी.
22:32माफ़ कीज़ेगा, लेकिन मैं आप की तरह सुकून से नहीं बढ़ सकती हूँ यहाँ.
22:36अरे ये तो बस एक इत्तिफाक है, इसमें हमारा क्या कुसूर?
22:40क्या वाकिय इत्तिफाक है?
22:44तुम्हें लगता है मैंने किया ये?
22:47तुम्हें लगता है मैंने किया ये?
22:50मुझे नहीं पता, क्योंकि अब तक मुझे आपकी नियत का अंताज़ा नहीं है न, इसलिए मुझे नहीं पता.
22:57तुम फिकर न करो, मैं बस ये जानना चाहता हूँ कि तुम तीनों में ज्यादा परिशान कौन है?
23:02तुम हो, अली है, या फिर अलीना है?
23:11आप इस सिच्वेशन को इंजॉय कर रहे हैं काफी.
23:15चलो नूर, थोड़ा रिलैक्स हो जाओ.
23:18फार्म हॉस में जो सीन रुजाना देखती हो, उससे यहां क्या मुझ्तलिफ है?
23:21मेरा मश्वरा है कि अपनी हालत और सिच्वेशन के मदाबिक थोड़ा हास लो.
23:26वरना तो महबबद की अपसंड डाउंस में तुम्हारे लिए गुजरना मुझ्किल है.
23:31अच्छा, तो आप भी इसी लिए हास रहे हैं?
23:34अपनी महबबद की अपसंड डाउंस में सलामत रह सको?
23:38मैं तुम्हारी बात का मतलब नहीं समझा.
23:43आप जब अलीना से बात कर रहे थे, तो मैंने सुन लिया था.
23:49यह मैंने क्या कह दिया? बिल्कुल बेवकूफ हूं मैं.
23:53बता है इन बातों से मुझे ऐसा लग रहा है ज़िसे आप मेरे लिए नहीं, अपने लिए ज़्यादा फिकरमन है यहाँ पर.
23:58और अब जब मैं बुलंद आवाज में आप से कह रही हूं तो,
24:02मुझे भी हसी आ रही है कि यह कितनी बेमानी और फ़जूल बात है.
24:06लेकिन मैं ऐसा सोचने पर आप से माफ़ी चाहते हूं, माफ कर दीज़ेगा.
24:12ठीक है, मैं तुमसे मजीद कुछ पूछ कर तुम्हें बेकार में और शर्मिणदा नहीं करूँगा.
24:36प्रिया करती है, मैं भी चाहता हूं.
24:40परदावा मुझे भी चहीए।
25:01ये तुम्हारी बटीजी क्या करती फिर रही है आफीज़ा?
25:04अगर इसके शोहर ने इसे इस तरह हस्ते देखा
25:06तो क्या कहेगा?
25:07परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवाद परवा
25:38आखरी मौका दिया था, अली साहाब ने भूल गईं क्या?
25:40फिकर नहीं कर रहे हैं, अम्मी
25:42अमीन, इसका फून लो फ़ौरण और ले कर मुझे दे दो
25:44छोड़ो, क्या कर रहे हैं आप?
25:46बेटा, तुमने क्या दिमाग खराब कर रखा है अपना?
25:50बात सुनो, मैं तुमसे कह रहा हूँ कि
25:52हमारे सर पर किसमत की चुड़िया बैटी हुई है
25:54और तुम उससे वढाना चाह रही हो
25:56बाबा, मेरे फौन दे मुझे
25:58कोई पागलपन नहीं करने दूँगा मैं तुम्हे
26:00तुम्हारी गलतियों की बज़ा से तुम्हे नौकरी से निकाल दिया गया था
26:02मैंने कुछ नहीं कहा
26:04ठीक है, ये लो मीन, डिलिट करो
26:06यार, दिमाग मत खराब करो, फौन दो
26:08मैं ये बाबा के कहने पर नहीं
26:10इसलिए कर रहा हूँ
26:12ता के तुम नूर को कोई नुकसान न पहुंचा सको
26:14मुझे इस बात को यखीन नहीं आ रहा
26:16एक दिन में कैसे सब नूर के हिमाईटी बन गए
26:38उस लड़की नी तो मेरी बाबा को भी अपने बस में कर लिया है
26:40मैं बागर हो जाँगी वाकिल में
26:56खुशाम दीद साहिट साहब
26:58मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है अलमास
27:00बिलकुल
27:02I understand
27:04क्योंकि आप मुझे ignore कर रहे हैं
27:06लेकिन क्या आप मुझे देख भी नहीं सकते
27:10यह क्या कर रही है अलमास
27:12होश में आओ जाने तो मुझे
27:14इसलिए करही हूं क्योंकि याद आते हैं आप मुझे
27:16मेरी याद आ रहे है न तुमें
27:18कम्जोर जाहिद की याद आ रहे है न
27:20वो पागल जाहिद
27:22जो हमेशा किस्मत के माँने में नाकाम रहा है।
27:24तुम तो मेरे भाई से प्यार करते करते
27:26अपनी किस्मत में जाहिद लिख रही थी न?
27:28अब कहती हो मेरी याद आ रही है।
27:30तुम एक इंतिहाई घटिया लड़की हो।
27:32और मैंने
27:34अपने बेवकुफयों की सजा भुकत लिया अलमास।
27:38जाहिद, जाहिद रुख जाये न?
27:40कितना बचता रही हूँ अन्दासा भी है आपको?
27:42क्या मेरा हाल नहीं दिख रहा आपको?
27:46मेरे अली के लिए सारे जिस्बात
27:48सिर्फ एतराम के थे।
27:51आपको खोने के बाद जाना
27:53मैंने सच्चा प्यार सिर्फ आपसे किया है
27:56और किसी से भी नहीं किया।
27:58जाहिद, प्लीज मुझे एक मौंका दे दे।
28:02प्लीज, देखे।
28:04मैंने बहुत खलतें किये हैं मैंने
28:08और मेरी सबसे बड़ी खलती आपको खो देना थी।
28:20बहुत ख्लता आपको खो देना थी।
28:38मेरे अली के लिए सरे ज़िस्बात सिर्फ एदराम के थी
28:44आपको खोने के बाद जाना
28:50नाजान, खाना नहीं खाओगी क्या?
28:54मैं खाना खा चुकी हूँ, आप आराम से खाईए.
28:58ठीक है नाजान, बस करो, घुसा मत करो.
29:01मतलब फिर से?
29:03एक मां अपनी बेटी की हिमायत करने के लिए फिर से आ गई है, क्या बात है?
29:07नाजान, मैं अपनी बेटी को जानती हूँ, लेकिन मैं तुम्हें भी जानती हूँ.
29:12तुम्हें भी तो क्या किया?
29:14सिर्फ अलीना को घुसा दिलाने के लिए बहुत कुछ किया है.
29:18और ये ढखा चुपा नहीं हमें मालूम है.
29:20तुम्हें भी तुम्हें बीटी को जानती हूँ, लेकिन मैं तुम्हें भी जानती हूँ.
29:24तुम्हें भी तो क्या किया?
29:26सिर्फ अलीना को घुसा दिलाने के लिए बहुत कुछ किया है.
29:30और ये ढखा चुपा नहीं हमें मालूम है.
29:32तुम दोनों के दर्मियान हमेशा से ऐसे है. और आज जो हुआ कुछ नया नहीं?
29:37बिल्कुल नहीं. आज बहुत कुछ बदल चुका है.
29:41मैं इसे आपके चेहरे पर देख सकती हूँ.
29:44क्या है मेरे चेहरे पर?
29:45खौफ है आतुल सहबा. आपके दिल में खौफ चुपा है. अपनी बेटी को खो देने का खौफ.
29:52मैं समझ गई. तुम ने मेरी नर्मी का बहुत गलत मतलब निकाना है.
29:57हम कितने सालों से साथ रहते हैं. मैं इस खौफ को आपके आखों में आसानी से देख सकती हूँ. अगर आपकी बेटी को जहन्यों के गड़े में ले जाने वाला राज...
30:08अपनी जबान को लगाम दोना आसान.
30:10तुम ऐसी जुरत नहीं कर सकती.
30:14शायद.
30:16अगर तुम ने ऐसी जुरत की तो मेरी बेटी का क्या होगा ये तुम ने करते हैं.
30:21तुम नहीं करते हैं.
30:23तुम नहीं करते हैं.
30:25तुम नहीं करते हैं.
30:27तुम नहीं करते हैं.
30:28तुम नहीं करते हैं.
30:30तुम नहीं करते हैं.
30:32तुम नहीं करते हैं.
30:34तुम नहीं करते हैं.
30:36तुम नहीं करते हैं.
30:38तुम नहीं करते हैं.
30:40तुम नहीं करते हैं.
30:42तुम नहीं करते हैं.
30:44तुम नहीं करते हैं.
30:46तुम नहीं करते हैं.
30:48तुम नहीं करते हैं.
30:49खाला, मैं आप लोगों को देखने आया था.
30:59क्या हो नासान?
31:01मुझे भूग नहीं है.
31:03मैं खाना नहीं कहोँगी, तुम इनकी जाकर खाना खाले साहे.
31:05खाना खाले साहे.
31:17देखो इसे, कैसे मज़विस से उससे वाते कर रहा है.
31:22और अलीना हस रही है.
31:28शैतान कह रहा है, जाओ.
31:32और जाकर कुछ करो, नूर.
31:35तुम पहली बार ड्रिंक कर रही है, ना नूर?
31:38तुम्हारे लिए जादा हो गयी है.
31:40और वो भी सुरिफ एक ग्लास में ही है.
31:44तो फिर एक ग्लास और.
31:47ठीक है, ठीक है, बस करो, बस काफी है.
31:49आज के लिए इतनी ही बहुत है तुम्हारे लिए.
31:50आज के लिए इतनी ही बहुत है तुम्हारे लिए.
31:52और नहीं पियो.
31:54नहीं, पियूंगी.
31:56नहीं, बस करो.
31:59नूर लगता है, दिशे में है.
32:02बात सुनीगा, जल्दी से बिल ले कराईंगे.
32:05जल्दी लाईगे.
32:07ये तो जा रहे हैं.
32:08अपने घर जा रहे हैं लगता है.
32:11लेकिन यहां का मीठा भी ट्राय करना था मुझे.
32:13क्या मतलब मीठा, तुमने खाना तक नहीं खाया.
32:15लेकिन अम्मी ने कहा था कि यहां का मीठा बहुत मज़िदार है
32:18और हमें जरूर ट्राय करना चाहिए.
32:19नूर, मैं मदद करणा तुम्हारी. वाश्ट्रेम जाना है तुम्हे नहीं चाहिए.
32:26कोई मदद नहीं चाहिए.
32:35महव करना बहुत प्रसंत है और बूलड पर भी पास नहीं,
32:41आप लोग जा रहे हैं क्या?
32:43नूर, तुम बहुत ज्यादा नश्य में हो।
32:45बहुत!
32:47बहुत!
32:49नहीं?
32:51पहली बार ड्रिंक की है न शायद इसलिए।
32:53हमें भी नजर आ रहा है।
32:59अली सहाँ!
33:01अली सहाँ!
33:03अली सहाँ!
33:05अली सहाँ!
33:07अली सहाँ!
33:09अली सहाँ!
33:11कैसे हैं?
33:13क्या आपका मचली पसंद आई?
33:17बहुत अच्छी थी।
33:19तुमने कुछ कर रहे हैं यहाँ पर?
33:21हमारा अत्ता अच्छा नहीं था।
33:23बस गजारा किया।
33:25जाहर है,
33:27अबने शोहर के हातों से
33:29खाना खाने का...
33:31काड़ी तैयार है, अगर चाहो तो
33:33हम लोग यहाँ से चलते हैं।
33:35लेकिन... घर पे मिलते हैं हम... अभी...
33:37चलो... रुकने देते ना...
33:41क्या कह रही थी वो?
33:43बताओ क्या कह रही थी?
33:45नशे में थी, वो दिखाये नहीं दे रहा तुम्हें।
33:47लेकिन क्या बाते कर रही थी अलि? बतलब...
33:49राज के वक्त मेरे दिमाग खराब कर दिया।
33:51मूट ठीक करने के लिए आई थी, लेकिन
33:53सब कुछ खराब कर दिया इस लड़की ने।
33:55तुम्हें मूट खराब करने के जरूरत नहीं है, चलो शलते हैं।
33:58हाँ जाहरे सब बरबात कर दिया तो जाने ही है।
34:01नूर, ड्रिंक सेध के लिए अच्छी नहीं है।
34:10इश्क, वो नुकसान दे यार, पेरी लिए तो बहुत नुकसान दे।
34:21अलि नुकसान दे यार।
34:28अलि, बहुत हो गया है, थोड़ा सा आइस्थार ड्राइफ करो, जहास नहीं है ये।
34:31या लगा, सबर दे मुझे, सबर दे मुझे।
34:33क्या हो रहा है अलि, किस सबर के बात कर रहे हो, किस बात का खुसा है।
34:37यार बहुत हो गया है अलिना, मैंने कुछ नहीं कहा, तुम भी खामुशी से बैठो।
34:39यार क्या चाहती थी, हाँ एक राद, बस एक राद चाहती थी कि साथ गुजारे हम, लेकिन वो लड़की वहाँ गई, उसने अजीब अजीब सी बातें की और मुझे पागल कर दिया।
34:48और देखो जारा तुम्हारा चेहरा, तुम्हारे चेहरे पर कितना घुसा है अलि, आखर बात तो बताओ मुझे कि बात क्या है।
34:53कर दी रहो, कर दी रहो फुजूल बातें, अलिना हद होती है यार।
34:58मैं तो सोच सोच के पागल हो रहा हूँ, तौबास तक्फरुल्ला क्या देख रहा हूं मैं।
35:06रात के इस वक्त हमारी शादि शुदा बेटी किसी घैर मर्द के साथ गुमने फिरने निकली हुई है।
35:13नहीं नहीं, वो लड़की हमें जरूर कोई ना कोई पश्टावा देखी, मतलब अभी हमने देखा ही नहीं कि हमारी किस्मत कहां ले जाती है, और हमारी बेटी अभी से हमारा मुँकाला कर रही है।
35:23निगर सहाब इन बातों के लगा आपके बास कुछ नहीं होता है क्या, इतना लिहास करने के आपका बेटे आपको सामने बैठा हुआ है।
35:31बात सुनो हफीजा, देखो, अब हम कोजान खांदान के रिष्टिदार बन गए हैं, किस्मत ने अभी सिर्फ मुस्कुरा कर देखा है। उफ, तोबा मेरे मालिक, तोबा। हम सब ने अभी तक कुछ नहीं देखा है, लेकिन वक्त आने पर सब देखेंगे, आखिर अली सहा
36:02अगर तुम्हारी ये भतीजी कोई हिमाकत ना करे, तो हमारी किस्मत का सितारा कभी गुरूब नहीं होगा
36:07बस तुम्हारी ये भतीजी कुछ अकल से काम ले और ठीक तरीखे से बरताव करे
36:11मैं आ गई
36:14ये तो नशे में हैं
36:16याला, ऐसे क्या हो गया?
36:18क्या किया है तुम ने?
36:19आंटी, आपको चूम लूँ
36:25चाँ चाँ, कबड़े मुझा, इससे पहले मैं तुम्हारी हडिया तोड़ दू, चाँ
36:28अमीन, इसको ले जाओ, जहांसे ये मुझे बिलकल भी नजर ना है
36:32वो, क्या हो रहा है?
36:33नहीं, तुम्हें नहीं चूमूंगी अलमास, मैं इतनी भी नैशे में नहीं हूँ
36:48तुम जाओ अलीना, मैं आता हूँ ज़रा
36:51तो मेरा अन्दाज़ा बिलकुल सही था, सब उसी लड़की की वज़से हुआ है
36:56खुदा हाफिस शोहर सहब
37:03पेर में रुण रोय by क्या खुदा हाफिस शोहर सहब
37:27क्या कहा था मैने? मैने कहा था कि मेरी बीवी के दालीब भी नहीं आओगे, तँ?
37:33समर कर वली, अभी तो शुरुवात है।
37:41मैंने कहा ना मुझे काम है अलीना, जाओ यहां से।
38:04मेरी समझ में नहीं आ रहा कि मैं आखर करूँ क्या इन दोनों का।
38:08क्या करते फेल रहे हो ये।
38:33दिल हलके दुखों को तो बयान करता है, लेकिन गहरे दुख गुंगे होते हैं।
38:37जब से आप अम्मी के पास गए हैं, मैं गुंगी हो गई हूँ बाबा।
38:40आपके मताबिक, अब मैं जा रही हूँ, ताकि मैं अपनी जन्नत में सुकुन से रहूं।
38:44दिमाग घुमाओ दिया अपनी शार का?
38:47बहुत खोर, बेवाखूफ अली न?
38:50देखती हुआ इस तमाशे के बाद अली क्या करता है?
38:58हम सब ज़िने के लिए प्रश करके चेकी लिए और प्रश करके चेकी लिए खुँगाना नहीं आपका बहुत पर नहीं है।
39:03देखती हूँ इस तमाशे के बाद अली क्या करता है?
39:12हम सब जिन्दगी में जखमें होते हैं.
39:15बड़े, छोटे, केहरे.
39:16हम सब के पास बड़े, छोटे दर्जणों जखम होते हैं.
39:19वक्त कुछ जखमों पर मरब रक देता है.
39:21कुछ बागी नजर हमें नहीं आते हैं. मैसूस नहीं होते हैं.
39:24लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका निशान बाकी रह जाता है.
39:27उनका खून भी बेहना बन नहीं होता.
39:28वक्त कुछ जखमों के लिए दवा नहीं होता.
39:30उन्हें आँखों से च्छपा लेते हैं, लेकिन दिल में नहीं च्छपा सकते हैं.
39:34अली कोई जान, मखरूर, सखत, बेरहमाद नहीं है.
39:37तुम भी तो शदीर सखनी हो, मेरी तरह.
39:47अब अली को इरिटेट करने का नतीज़ा देखो, अलीना.
39:57अली!
40:01अली!
40:12दाईरी पढ़ रहा है?
40:13क्या हुआ?
40:14चलो जाहिर, सुबह-सुबह क्या हुआ, देखते?
40:16सुबह-सुबह मेरी अम्मी पर एलजाम लगाने की हिम्मग कैसे हुई?
40:19देख रहे हैं आप, किस कतम बततमीजी पढ़ गई है आप?
40:22आईए, आईए, देखे आप भी.
40:24नूर सहबा मेरी अम्मी पर एलजाम लगा रहे है कि उन्होंने उसकी दाईरी लिए है.
40:28मतलब ये चोरी का एलजाम लगा रहे है.
40:33दाईरी?
40:39अब आया ओट पहार के नीचे, अलीना.
40:53अलीना.
41:05अश्क मेरे लिए नकसान दे... अश्क मेरे लिए नकसान दे...
41:16बुढ़ा हुआ. और ज्यादा बुढ़ा होगा अश्हारला.
41:22अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर अपर �
41:52आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर
42:22आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर आपर
42:52उसका शोहर उसके सरपर है
43:10क्या शिर के लिए इसने अपना
43:12क्या शिर के लिए इसने अपना
43:20क्या करूँ मैं तुम्हारा
43:28अभी सारे नशी उतर जाएंगे इसके
43:42अभी सारे नशी उतर जाएंगे इसके
43:50यह क्या हो रहा है यार
43:58पागल हो गए हो क्या तुम
44:04जाहिर है क्योंकि तुम ने कोई किसर नहीं छोड़ी है मुझे पागल करने में
44:06मैने पागल किया है बाकई ऐसा है क्या
44:08अभी वो बासों से पकड़ेगा अग घर से बाहर निकाल देगा
44:10मत कहो ऐसा चुप रहो
44:12बततमिजी होती है बात है सुनना
44:14तुम जाओ
44:16क्या तुम्हें जरा भी अंदाजा है कि तुमने रात में क्या अर्गत की थी हा
44:18हा बिल्कुल मुझे अंदाजा है
44:20सब कुछ याद है मुझे
44:22वो मैने अच्छा किया हो या बुरा
44:24एक एक चीज मुझे याद है कि तुमने रात को मेरे साथ क्या किया
44:26उसे खाना खिला रहे था ये भी याद है
44:28बात सुनो मेरी बस
44:30तुमने रात जो कुछ भी किया है उसे
44:32मेरे सरपे डालने की बिल्कुल भी कोशिश मत करना नूर
44:34जानती हो कि मैं खामुश क्यूँ हूँ अभी
44:36सिर्फ उन लोगों के लिए जो इस फक्त हमारी बाते सुन रहे है
44:38हा तो मेरे कम्रे में आने से पहले
44:40तुम्हें किसी और का ख्याल नहीं आया
44:42ठीक है मैं कल राज तश्रे में थी लेकिन फिर भी
44:44मैंने आकर तुम्हारा डिनर बरबाद नहीं किया
44:46दूर से बैट कर देखती रही मैं
44:48इस बात कभी घुसा निकालो मुझ पर निकालो न
44:50चलो घुसा करो करो

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