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  • 2 days ago
पूरा वीडियो: केसरी फ़िल्म, कैसे और बेहतर हो सकती थी? || आचार्य प्रशांत (2019)

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Transcript
00:00आपने भी केसरी फिल्म की बात करी
00:0121 नौजवान सिपाही यूही नहीं भिड़ गए होंगे 10,000 अफगानों से
00:07कुछ उनका अभ्यास था, कुछ उनकी तैयारी थी
00:10सिल्मकार को वो तैयारी दिखानी चाहिए थी
00:13नहीं तो आम जनता को संदेश ये गया है
00:15कि तुम कितने भी औसत इंसान हो, तुम कितने भी साधारन बंदे हो
00:19तुम यूही एक दिन अचानत युद्धा बन जाओगे, ऐसा होता नहीं
00:22वो 21 लोग बहुत खास रहे होंगे
00:25और इतनी धर्म निष्ठा है उनमें, कि गुरुओं की कृपा से फिर वो एक हजारों की फोज से भीड़ गए
00:30आम आदमी औसत आदमी को तो कायरता की
00:33और एक औसत जीवन की आदत लगी होती है
00:35उसके सामने वीरता का क्षण आता भी है, तो उस शण में चूक जाता है
00:40ये 21 खास थे, ये जावास थे, ये चूके नहीं
00:43पर फिल्मकार ने दिखा दिया कि नहीं, ये तो साधारन से पाही थे
00:45मुर्गों की रडाई कराते थे, और हंसी ठिठोली करते थे
00:49और कोई अपनी महबूबा के गीत गा रहा है, कोई सुहागरात के सपने ले रहा है
00:53और फिर यूही जब मौका आया, तो इनका पून रूपांतरन हो गया
00:56और ये भिड़ गए ऐसा नहीं हो सकता, फिल्मकार चूक गया है

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