इस अक्षय तृतीया, कमाइए ऐसा धन जिसका कभी क्षय न हो — श्री राधा रानी के चरणों में प्रेम का धन! 🌸 चलिए आज भगवान से यही वरदान माँगें — “हे प्रभु! मैं आपके चरण कमलों का मधुप बन जाऊँ, सदैव आपके चरणों के दिव्य रस को पीता रहूँ।” प्रेम रस मदिरा — जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा रचित वह अमूल्य काव्य, जो हृदय में हरि-गुरु के प्रति अखंड प्रेम और अनुराग जगाता है।