00:00राम दर्बार में राम भक्तों ने एक मुकदमा दायर किया कि जहां देखो हनुमान जी बैठ जाते हैं आगे हम लोगों को कोई सेवा नहीं मिलती तो राम ने हनुमान जी से पूछा हनुमान जी ने का महराज हम कोई आगे बैठना नहीं चाहते
00:24इन लोगों को जो जो सेवा ये मांगें इनको दे दो जो सेवा बचेगी ओ मैं ले लूँगा
00:33इज्ञानिना मग्रगण्यम है अनुमान जी भगवान शंकर के अवतार है न अब साब को बड़ी खुशी हुई आज फाम से हैं अनुमान जी
00:46अब सबने मीटिंग करके और ये नहलाएंगे ये करेंगे ये ये करेंगे ये चरन दबाएंगे ये
00:56अरे भग्त तो उनके अनंत है और सेवा तो थोड़ी सी होती है तो सब ने लिख लिख के दे दिया अपनी सेवा
01:05तो हनुमान जी को राम ने रख दिया हो भई ये सेवाएं सब ने बाच लिए है अब आप जो सेवा बची हो ले लो
01:14हनुमान जी ने कहा हां माराज मैंने पढ़ लिया और इन सेवाओं के अलावा एक सेवा बची है वो मैं करूँगा
01:27जब आप जम्भू आएंगे तो मैं चुठकी बजाओंगा अब हर सेवा का तो समय होता है करीब करीब
01:38नहाने का खाने का हर चीज़ का अब जम्भू आएगा आदमी कब इसका तो कोई टाइम होता नहीं
01:50अब लगातार राम की तरफ भगल में बैटके मुह देखते रहे
01:58नहाने जाए तो खाने जाए तो
02:04यहां तक कि जब महल में सीता जी के सास बैठने लगे
02:13तो वहां भी पहुच गए
02:15तो राम ने सीता की वर्द देखा और कहा देख कितना चालाग है
02:26तो कि महराज सोते समय तो खास तोर से आती है
02:31जम्भू आई तो भला मैं बंचित रह जाओंगा सेवा से यह सेवा पराद हो जाएगा
02:39तो इसलिए हमको तो हर समय देखना पड़ेगा मुख को कि कब आती है मैं जम्भू आई
02:46तो सब दासों ने कहा कि महराज जैसे पहले वेचे रहने देए