आस्था और विश्वास का प्रतीक मुहांस का संकटमोचन मंदिर यहां मिलने वाली बूटी से जुड़ जाती हैं टूटी हुई हड्डी साल 1984 में रखी गई थी मंदिर की आधारशिला बजरंग बली की हजारों साल पुरानी प्रतिमा है विराजमान मंदिर में दर्शन के लिए लगता है भक्तों का तांता हड्डी जोड़ने वाले हनुमान जी के नाम से जाना जाता है मंदिर मंदिर में हर रोज दी जाती है मरीजों को औषधि यहां से कभी खाली हाथ नहीं लौटते हनुमान भक्त कोई स्ट्रेचर पर तो कोई मरीज को एम्बुलेंस में आता है भगवान हनुमान की शक्ति से स्वयं हो जाता है इलाज ऑर्थोपेडिक हनुमान जी के पास हर मर्ज का इलाज