जयपुर नगर निगम हैरिटेज कार्यालयों में दस्तावेज क्यों खुर्दबुर्द किये जा रहे हैं, गेम खेला जा रहा हैं

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जयपुर नगर निगम हैरिटेज जोन कार्यालयों में दस्तावेज क्यों खुर्दबुर्द किये जा रहे हैं, क्यों गेम खेला जा रहा हैं।

पिछले न्यूज बुलेटिन में हमने किशनपोल जोन की जानकारी दी थी लेकिन कारिंदों पर कोई असर नहीं हुआ।

किशनपोल जोन में ही मेयर हाउस में खुले आम दस्तावेजों को रखा गया है। जनता के लिये महत्वपूर्ण दस्तावेजों को खुर्दबुर्द करने का इससे नायाब तरीका क्या हो सकता है?

इस ही तरह हवामहल जोन कार्यालय में रेकार्ड रूम में और उसके बाहर गलियारे में दस्तावेजों को बद्हाल स्थिति में छोड़ा गया है।

आम जनता के साथ उसके रेकार्ड को लेकर जैसे गेम खेला जा रहा हो और अधिकारियों व कर्मचारियों को इस तरह के गेम खेलने में आनंद आ रहा हो।


आम जनता हैरान परेशान है, आरटीआई के आवेदनों की जोन कार्यालयों में बाढ़ आई हुई है लेकिन जनता के साथ गेम खेलने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता, आखीर क्यों?

मोटी प्रसादी के लिये अधिकारियों और कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण पत्रावलियों को इस तरह से पटकने में ही ज्यादा समझदारी समझी लगती है।

लाखों की प्रसादी के बाद अगर सूचना आयोग या अन्य किसी ने 25 हजार का जुर्माना लगा भी दिया तो इन कारिंदों पर क्या फर्क पड़ना है, सूत्र का कहना है कि एक पट्टे की फाईल पर ही इससे डबल मिल जाता है तो क्या नुकसान है?

आम जनता परेशान है, हैरान है, निगम कार्यालयों में आरटीआई के आवेदनों का अम्बार है लेकिन मंत्री, विधायक, पार्षदों, राज्य प्रशासन, जिला प्रशासन, महापौर, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त सहित निगम प्रशासन को कोई शर्म, लज्जा, परवाह आदि-आदि है ही नहीं।

आदर्श नगर जोन कार्यालय में तो अधिकारी और कर्मचारी एसीबी छापे के बाद अब जनता को छापे का डर दिखा कर अधिकारी और कर्मचारी हाजरी लगाने के बाद पूरे दिन लापता रहते हैं। यहां पर आम जनता कई दिनों से परेशान है।

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राजपूताना न्यूज जयपुर ब्यूरो की रिर्पोट

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