Osho as poet

  • 2 years ago
हमको तो गुलिस्ता के हर गुल से मोहब्बत है।
गुलची को हो जो नफरत गुलिस्ता से निकल जाएं।।

ओशो का शायराना अंदाज एक बार जरूर सुने।

Recommended