कलेक्टर का दावा- जिले मंडला का हर आदमी पढ़ा-लिखा... लेकिन मगर क्या है हकीकत?

  • 2 years ago
संसद में केंद्र सरकार ने रिपोर्ट पेश की है कि मप्र के किसानों की आय में कमी आ चुकी है और दूसरी तरफ मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल ने द सूत्र के ही माइक पर कहा कि केंद्र ने गलत आंकड़े पेश किए.. अब सरकार के आंकड़े को ही सरकार के मंत्री झुठलाएं तो आंकड़ों की विश्ववसनीयता पर सवाल उठते हैं.. अब आंकड़ों की बाजीगरी कैसे होती है इसकी जीता जागता उदाहरण है आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला.... मंडला को लेकर दावा किया गया है कि ये जिला कार्यात्मक रूप से पूरी तरह साक्षर हो गया है... कार्यात्मक रूप से साक्षर मतलब जिले का प्रत्येक नागरिक अपना नाम लिख लेता है... उसको अक्षर ज्ञान है... और गिनती भी कर लेता है.. लेकिन क्या वाकई में ऐसा है... द सूत्र ने पड़ताल की कि क्या है इस दावे की हकीकत..

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