यूपी में कोरोना की रेफरल व्यवस्था की BJP सांसद ने खोली पोल II अपने ही सांसद की नहीं सुन रहे योगीजी !

  • 3 years ago
कोरोना से बदहाल यूपी में कुछ नेता बेहद संजीदा
सरकार की नीतियों को बदलने की उठाई जा रही मांग
अपने ही सांसदों की गुहार नहीं सुन रही बीजेपी
योगी सरकार की हेकड़ी पर सांसद ने किया कटाक्ष
कोरोना मरीजों के CMO के रेफरल नियम पर उठाए सवाल
सांसद ने तुरंत इस नियम को बदलने की मांग की
लेकिन सांसद की मांग पर नहीं दिया जा रहा कोई ध्यान
अपनी ही सरकार में अनदेखी से सांसद बेहद नाराज

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर अजीबो गरीब नियम कायदों को लेकर विपक्ष तो विपक्ष अब बीजेपी नेता भी सवाल उठा रहे हैं और बीजेपी नेता लगातार सरकार से नियमों को बदलने की मांग कर रहे हैं क्योंकि सरकार के विवादित नियम मरीजों की जान के दुश्मन बन रहे हैं…हालात गंभीर होते जा रहे हैं लेकिन गंभीरता का परिचय देने वाले बीजेपी सांसद की बात को योगी सरकार हठधर्मिता के नाम पर सुनने को तैयार नहीं है…ऐसे में मोहनलाल गंज से सांसद कौशल किशोर ने एक बार फिर सरकार की एक व्यवस्था पर सवाल उठाए और जल्द बदलने की मांग की है…एक खबरिया चैनल से बात करते हुए सांसद कौशल किशोर ने
कोरोना मरीजों के लिए सीएमओ द्वारा रेफरल लेटर वाले नियम को गलत करार दिया और कहा कि इस प्रक्रिया से मरीजों को भर्ती होने मे देरी हो रही है…सांसद ने कहा कि हॉस्पिटल को सीधे भर्ती किए जाने की जिम्मेदारी दी जाए…सांसद कौशल किशोर ने कहा है कि प्रशासन से ये मेरा व्यक्तिगत अनुरोध भी है जो जनकल्याण जुड़ा है…आपको ये भी बताते चलें कि बीजेपी सांसद कौशल किशोर प्रदेश सरकार के कई नियमों को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं और जनमानस की परेशानियों को लेकर लगातार ट्वीट कर रहे हैं…लेकिन प्रदेश सरकार अपने ही सांसद की बात को तवज्जों नहीं दे रही हैं…वहीं मामले पर कई बीजेपी नेता दबी जुबान में कोरोना काल में फैली अव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं…लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है…आपको बता दें कि सांसद कौशल किशोर ने ट्वीट कर लखनऊ प्रशासन पर आरोप लगाया था कि कोरोना काल में मरीजों की मदद करने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है…उनमें से ज्यादातर अधिकारियों का फोन बंद बता रहा है…उन्होंने लिखा था कि लखनऊ में करोना के मरीजों की मदद करने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, उनमें से अधिकांश लोगों के फोन बंद बता रहे हैं…लखनऊ में करोना का कहर बढ़ता जा रहा है और लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं…बहुत से मरीज एडमिट नहीं हो पा रहे हैं…प्रशासन से मेरा आग्रह है कि कृपया सभी जिम्मेदार अधिकारी अपना-अपना मोबाइल बंद न करें…पीड़ित लोगों की बात सुने और उनको सुविधा मुहैया कराए एडमिट कराएं…कोरोना की दूसरी लहर ने राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है उसकी पोल खोल दी है साथ ही दूसरी लहर ने सरकार ने एक साल में क्या व्यवस्थाएं की हैं उसका भी हाल बयान कर दिया है…हर तरफ परेशानी का आलम दिख रहा है लेकिन सरकारी व्यवस्थाएं सिर्फ हांफती दिख रही हैं…ब्यूरो रिपोर्ट

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