श्रीमद् भागवत कथा केवल सार नहीं, साक्षात श्रीकृष्ण हैं: श्री अनिल शर्मा
  • 3 years ago
शाजापुर। श्रीमद् भागवत को केवल पुस्तक ओर सार समझना हमारे लिए बड़ी भूल से कम नही होगी यह तो साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं। शहर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में योगेश्वर महादेव मंदिर में नगरवासियों के सहयोग से आयोजित संगीतमयी भागवत कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से कथावाचक पंडित अनिल जी शर्मा श्री धाम वृंदावन ने श्रोताओं को संगीतमयी भागवत की अमर कथा का रसास्वादन कराया। पंडित अनिल शर्मा ने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मों से बढ़कर है। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान व से वैराग्य और त त्याग जो हमें जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते है। इसके साथ-साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म की कथा को विस्तारपूर्वक सुनाई।
Recommended