अर्थी को मुखाग्नि देने के लिए इकलौते बेटे को तलाशती रही मां की आत्मा, नाती ने किया 96 घंटे बाद दाह

  • 3 years ago
करीब 96 घंटों तक सत्तर वर्षीय मां की आत्मा बेटे का इंतेजार करती रही कि इकलौता बेटा सलाखों से बाहर आकर उसकी चिता को मुखाग्नि देगा, लेकिन उसकी अंतिम इच्छा पूरी नही हो सकी। कानूनी दांव-पेंच के चलते जहां जिला प्रशासन परमीशन देने में अक्षम था वहीं कोर्ट ने मृतका के बेटे के जघन्य अपराध को देखते हुए पैरोल अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद नाती ने मृतका की चिता को मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि मामला मुंशीगंज थाना क्षेत्र के बंदोइया गांव का है। बीते 29 अक्टूबर की शाम इसी गांव में प्रधानपति अर्जुन घर से लापता हुआ और देर रात उसकी गांव में ही एक हाते के अंदर वो अधजली अवस्था में पाया गया था। परिजन गंभीर अवस्था में उसे लेकर ट्रामा सेंटर लखनऊ जा ही रहे थे कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। अर्जुन की पत्नी छोटका गांव की प्रधान हैं, उनका कहना है कि पति चौराहे पर गए थे वहीं चौराहे से केके, आशुतोष, रवि, संतोष, राजेश सब लोग पकड़ ले गए और केके के हाते में जला दिया था। सब पैसा मांग रहे थे, प्रधानी में ढ़ेर पैसा आया है़ हम लोगों को भी दो। जब पैसा ही नही है़ तो क्या दें इसीलिए मार डाले।  

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