Locust Attack: असमंजस में किसान

  • 4 years ago


खरीफ की बुवाई करें या नहीं

कपास नष्ट कर रही टिड्डियां

दवा का भी नहीं हो पा रहा छिड़काव
टिड्डी का खात्मा नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। खरीफ की बुवाई के समय से पहले टिड्डी के बढ़ रहे हमलों से किसान परेशान हैं। चिंता इस बात को लेकर भी है कि बुवाई करे तो फसलें टिड्डी खा जाएगी, नहीं करें तो रोजी.रोटी कैसे चलेगी। टिड्डी हमले के आंतक से परेशान भीलवाड़ा जिले के किसान शुक्रवार को उस समय और अधिक परेशान हो गए जबकि भीलवाड़ा जिले के कई उपखंड क्षेत्रों में टिड्डी दल ने हमला किया और इन टिड्डियों को नियंत्रित करने में लगी टीम भी हमले के समक्ष बेबस नजर आई। परेशान किसान खुद ही बर्तन बजाकर इन्हें भगाने का प्रयास करते हुए दिखाई दिए।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से उन्हें पहले ही काफी नुकसान हो चुका है और अब किसान फिर से हिम्मत जुटा कर फसल लगाने की शुरुआत करने लगे तो टिड्डियों का आतंक शुरू हो गया। इन दिनों अधिकांश खेतो में कपास की फसल लगाई जा चुकी है जिसको टिड्डियां भारी नुकसान पहुंचा रही है। शुक्रवार सुबह टिड्डी दल बीगोद पंहुच गया और जमकर आंतक मचाया। वहीं मांडलगढ़ उपखंड क्षेत्र में लगातार तीन सप्ताह से टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों के पास टिड्डियों से अपनी फसल को बचाने के लिए एक मात्र हथियार सिर्फ बर्तन है जिसको बजाकर टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु टिड्डियों का दल गुम फिरकर वापस लौट आता है। मालिखेड़ा निवासी गुलाबी देवी ने बताया कि टिड्डियों ने सात बीघा कपास की फसलों को कुछ ही मिनटों में चट कर दिया और आसपास के खेतों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सहायक कृषि अधिकारी अशोक जोशी के अनुसार मांडलगढ़ क्षेत्र में टिड्डियों का दल पहली बार आया है वह भी कई दलों में बंटा हुआ है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में टिड्डियाँ इलाके में पहले कभी नही आई।

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