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  • 6/6/2020
गुजरात की चार सीटों पर 19 जून को राज्यसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस यहां संकट में दिखाई दे रही है। जबकि राज्यसभा चुनावों के ऐलान के बाद गुजरात में भाजपा और कांग्रेस दोनों को दो—दो सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा था। मार्च से अब तक कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस यहां दूसरी सीट बचा पाएगी, इस पर संशय है। कांग्रेस के दो उम्मीदवार यहां उतारे गए हैं। कांग्रेस की ओर से दो सीटों पर शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को खड़ा किया गया है। वहीं भाजपा ने यहां तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारें हैं। अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा और नरहरि अमीन राज्यसभा जाने की कतार में हैं।

आपको बता दें कि मार्च के महीने में राज्यसभा की इन सीटों के लिए चुनाव का ऐलान हुआ था तब से लेकर अब तक कुल कांग्रेस के 5 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इसके साथ ही राज्यसभा में दूसरी सीट की संभावना कांग्रेस खोती नजर आ रही है। विधानसभा में अब कांग्रेस के 66 विधायक बचे हैं। भाजपा ने यहां 2017 के विधानसभा चुनावों में 182 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने यहां 77 सीटें जीती थीं। सालों में पहली बार कांग्रेस भाजपा का वोट बैंक यहां तोड़ने में सफल रही थी, लेकिन कांग्रेस के अपने ही विधायकों ने यहां पार्टी की हालत फिर खराब कर दी है। इसी सप्ताह तीन विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। इससे पहले मार्च में भी पांच विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जबकि हर हाल में यह राज्य कांग्रेस के लिए अहम है। राज्यसभा में भी चार में से दो सीटें कांग्रेस के खाते में जाती तो राज्य में भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में पार्टी रहती, लेकिन यह स्थिति कांग्रेस के अपने विधायकों ने पेचीदा कर दी है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल राज्य में सक्रिय हो गए हैं। विधायकों और अन्य नेताओं की यहां पर बाड़ाबंदी शुरू की जा चुकी है। ताकि एक सीट बचाने के साथ कांग्रेस अपनी साख बचा सके। जो नेता विधायकों को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें भी अलग जगहों पर ले जाया जा रहा है। हालांकि यहां पर कांग्रेस को एनसीपी, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक और निर्दलीय जिग्नेश मेवानी का समर्थन प्राप्त है।

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