पैदल गांव पहुंचे मजदूर को जब गांव की सीमा नजर आई तो उसने क्या जताई प्रतिक्रिया देखिए ये कार्टून
  • 4 years ago
कोरोना वायरस रोकने के लिए देश में लागू लॉक डाउन से भले ही संक्रमण को कुछ हद तक काबू करने में मदद मिली हो मगर मजदूर वर्ग के लिए लॉक डाउन बहुत भारी साबित हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहली बार 24 मार्च को अपने संबोधन में लॉक डाउन की घोषणा करने के बाद से ही मजदूर वर्ग लगातार परेशान है. उद्योग धंधे कारखाने दुकाने आदि बंद होने से एक और तो उनका रोजगार छिन गया वहीं दूसरी ओर उनके नियोक्ता भी उनके ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम करने से पीछे हट गए और उन पर दोहरी मुसीबत आन पड़ी इस स्थिति में मजदूरों ने पैदल ही अपने गृह राज्यों की ओर प्रस्थान शुरू कर दिया. भूखे प्यासे लगातार पैदल चलने से कई मजदूरों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया . हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए उनको उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें और बसें चलाई मगर उनकी संख्या सीमित होने के कारण मजदूरों का पैदल पलायन जारी रहा. सोशल मीडिया पर इस तरह की कई दुखद तस्वीरें सामने आई जो मजदूरों के बदतर हालात को बयां कर रही थी .मगर कई जाबांज फिर भी गिरते पड़ते किसी तरह अपने गांव पहुंची गए और ऐसे ही किसी मजदूर ने जब अपने गांव की सीमा में कदम रखा तो मील के पत्थर पर लिखा जीरो किलोमीटर उसे रोटी के रूप में नजर आया. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का कार्टून
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