बच्चों के अंदर मोबाइल को छोड़कर खेलों की भावना कैसे जागृत हो?
  • 4 years ago
पत्रिका कीनोट सलोन में ध्यानचंद ने बताया कि आज के बच्चों में खेलों में रुचि कम हुई है, उन्होंने कहा कि खेल एक ऐसी चीज है जो मान-सम्मान के साथ आपके करियर को बेहतर बना सकता है। अगर खिलड़ी राषट्रीय स्तर पर कोई खेल जीतकर आते हैं तो सरकारें उन्हें अच्छी खासी रकम देकर पुरस्कृत करती है। लिहाजा खेलों के प्रति बच्चे को आगे आना चाहिए।
Recommended