शामली: माहे रमजान के पहले रोजे मुस्लिम समाज ने घरों में रहकर की इबादत

  • 4 years ago
शामली। माहे रमजान का पहले पहले रोजे पर मुस्लिमों ने खुदा से देश में अमन चैन कायम करने तथा कोरोना महामारी से निजात दिलाये जाने की दुआ मांगी। लाॅकडाउन के चलते मस्जिदों में देर रात्रि में तराविह अदा नही कराई गई। वही सेहरी के समय भी मस्जिदों से सिर्फ वक्त की सूचना की दी गई। पहले दिन मुस्लिमों ने घरों में रहकर इबादत की और शाम के समय प्रशासन द्वारा कुछ ठेली चालकों को छूट दिए जाने के दौरान ही खरीदारी की गई। पवित्र माह रमजान शनिवार से शुरू हो गया है। देर रात्रि में चांद दिखने के साथ ही लोगों ने खुदा का शुक्र अदा किया और ईशा की नमाज के बाद घरों में ही तराविह की नमाज अदा की। देश में पहली बार ऐसा देखने को मिला कि रमजान के दौरान मस्जिदे खाली रही और लोगों ने घरों में रहकर इबादत की। कोरोना महामारी को फैलने से बचाव को पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी लगातार मुस्लिम बस्तियों में गश्त करते रहे और लोगों से घरों में रहकर की नमाज अदा करने की अपील की। सवेरे दो बजे मुस्लिम घरों में चहल पहल शुरू हो गई थी और घरों में सवैया आदि सामान बनाया गया। जिसके बाद सवेरे करीब 4ः10 पर मस्जिदों से सहरी खत्म होने की सूचना दी गई, जिसके बाद लोगों ने रोजा की नियत की। माहे रमजान होने के कारण सवेरे लाॅकडाउन में दी गई छूट के दौरान भी बाजारों में लोगों की काफी कम संख्या दिखाई दी। लोगों ने लाॅकडाउन के चलते जहां मस्जिदे खाली रही तो वही लोगों ने भारी गर्मी के बीच रोजा रखकर घरों में खुदा की इबादत की और खुदा से देश में अमन चैन कायम करने तथा कोरोना जैसी महामारी से निजात दिलाये जाने की दुआ की। 

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