हमारी बेवकूफीयां कहीं भारत को भी इटली न बना दे - Positive 2

  • 4 years ago
#EkRishtaBharatSang - Episode 3

पूरे विश्व में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखी है। पिछले एक महीने में पूरे विश्व में एक देश का नाम बहुत लिया जा रहा है। जी हाँ मैं इटली कि बात कर रहा हूँ। अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक 115242 कोरोना के केस और 13915 लोगों कि इससे मौत हो चुकी है जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। यह आलम तब है जब इटली की सेहत सुविधाओं को पूरे विश्व में सबसे बेहतर माना जाता है।
कोरोना वायरस के कहर से भारत भी अछूता नहीं है अभी तक 2547 लोग इस वायरस से संक्रमित पाये गए है और 62 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस गिनती के हाल के दिनों में बहुत तेजी से बढ़ने के आसार है क्यूंकि अभी भारत में टेस्ट की गति बहुत धीमी है। भारत सरकार द्वारा 24 मार्च से ही देशभर में लॉक डाउन है मगर अभी लोग इस वायरस को बहुत हल्के में ले रहे हैं जैसे कोरोना हम लोगों को छोड़ देगा।
इस वक़्त पूरे विश्व में इटली कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। मैं इटली और भारत का एक तुलनात्मक अध्यन आपके सामने पेश करता हूँ शायद उससे हम लोगों समझ सके कि यह कोरोना वायरस कितना खतरनाक है।
 1: भारत और इटली दोनों ही विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता मे शुमार होती हैं। इटली जहां ईसाई धर्म और भारत सनातन धर्म का मरकज़ रहा है। इटली को लंबे समय तक Roman Empire की वजह से विश्व शक्ति रहा है।
 2: मौजूदा विश्व मे जहां इटली केवल 3 लाख sq km मे फैला हुआ है तो भारत 33 लाख sq km मे फैला है। आबादी मे भी एक बड़ा फर्क है इटली की आबादी जहां 6 करोड़ के आसपास है तो भारत की 130 करोड़ के करीब।
 3: हैरानी की बात है कि GDP के मामले में भारत की जीडीपी 3 ट्रिल्यन की है तो इटली की लगभग 2 ट्रिल्यन। अब जरा Per Capita पर नजर दौड़ा लीजिये तो फर्क समझ आ जायेगा। इटली में एक व्यक्ति की औसत आमदनी लगभग 33000 डॉलर है और हमारे यहाँ केवल 2300 डॉलर है। भारतीय रुपया और यूरो में कितना बड़ा फर्क है यह किसी को बताने की जरूरत नही है एक यूरो की कीमत भारत में 82 रुपया है।
 4: सेहत सेवाओं की बात करे तो डबल्यूएचओ के मुताबिक इटली की सेहत सुविधायें पूरे विश्व मे दूसरे नंबर पर है जो अपनी जीडीपी का लगभग 10% इन पर खर्च करता है। अब हम भारत की तरफ देखें तो यह तो सभी जानते है कि भारत में बहुत सारे इलाकों में अभी बुनियादी सेहत सुविधायें नहीं हैं बाकी देशों से मुक़ाबला कैसा। हैरानी तो तब होती है जब हम देखते हैं कि भारत अपनी जीडीपी का केवल 1% ही सेहत सेवाओं पर खर्च करता है।
जिस लॉक डाउन का सामना हम भारत में 24 मार्च से कर रहे है इटली में वह मार्च की शुरुआत से ही है। इटली में लोगों का इलाज कर रही एक डॉक्टर का कथन मैं आपको बताता हूँ जिसमें उसने कहा था कि मैंने ज़िंदगी में पहली बार इटली में एक साथ इतने लोगों मरते हुये देख रही हूँ। यह हाल तब है जब हमारे पास वर्ल्ड क्लास सेहत सुविधायें हैं और इतना कहते ही वह फफक कर रो पड़ती है।
भारत तो इतनी घनी आबादी वाला देश है जहां पर एक इंसान को कोई बीमारी हो जाये तो उसके हजारों लोगों तक पहुँचने में देर नहीं लगती है। वहाँ पर यह कोरोना वायरस क्या कहर बरपाएगा आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिये। दुनिया जिन देशों विकसित देश कहती है जहां हर प्रकार कि सुविधायें है और वह देश विश्व में महाशक्ति कि हैसियत रखते हैं अगर वहाँ पर इस वायरस ने इतनी तबाही मचा रखी है तो हम इसे इतना हल्के में कैसे ले सकते हैं।
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