मरकज का बड़ा बयान, डीएम से लेकर एसीपी तक को थी खबर

  • 4 years ago
दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाका इस समय सुर्खियों में है। वजह, यहां मरकज में एक साथ रह रहे कुल 1033 लोगों को यहां से निकाल कर इलाज के लिए अस्पतालों में भेजा गया है। इनमें 24 कोरोना पॉजिटिव हैं तो 333 संदिग्ध हैं। इसी बीच मरकज की ओर से प्रेस स्टेटमेंट जारी कर दिया गया है। मरकज के लोगों की ओर से दिए बयानों की मानें तो उनकी स्थिति के बारे में डीएम से लेकर एसीपी तक को पता था। फिर भी कोरोना महामारी को देखते हुए इन लोगों को यहां से निकालने का काम युद्ध स्तर पर तब नहीं हुआ और ना ही दिल्ली सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय या गृहमंत्रालय को इस स्थिति से अवगत करवाया गया। क्योंकि मरकज से जुड़े लोगों का कहना है कि डीएम तक जानते थे कि विदेशी भी इस मरकज में ठहरे हुए हैं। वे लौट नहीं सकते थे, लेकिन इस भीड़ को अलग करने के लिए खास कदम प्रशासन की ओर से उठाए जा सकते थे। ये कदम पहले उठाए जाते तो मरकज में रह रहे लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकता था। आपको बता दें कि इस मरकज में एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, दिल्ली के आसपास के शहरों के लोग थे। चारों ओर से कोरोना संक्रमण को फैलाने की निंदा झेल रहे तबलीगी जमात की ओर से अब एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया कि जब देश में जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लागू होने पर उसी दिन से मरकज की गतिविधियों को बंद कर दिया गया। किसी भी बाहरी आदमी को अंदर नहीं आने दिया गया बल्कि, जो लोग यहां रह रहे थे, उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। इससे पहले ही 21 मार्च से ही रेल सेवाएं बन्द होने लगी थी, इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल हो गया। जो आसपास के इलाकों के 1500 लोग थे उन्हें घर भेजा गया। लेकिन 1000 लोग मरकज में ही रह गए, क्योंकि उनके राज्यों तक जाने का उपाय नहीं था। प्रेस स्टेटमेंट में बताया गया कि 22 मार्च से 31 मार्च तक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। इस वजह से परिवहन के रास्ते बंद हो गए और लॉकडाउन के तहत लोग मरकज के बाहर नहीं निकले। इसके बाद 24 मार्च को अचानक निज़ामुद्दीन थाने के एसएचओ ने मरकज प्रशासन को धारा 144 का उल्लंघन करने का नोटिस भेजा। मरकज की ओर से उसी दिन जवाब में बताया गया कि मरकज को बन्द कर दिया गया है। यहां एक हजार लोग ठहरे हैं, इनमें विदेशी नागरिकों के होने की सूचना भी एसएचओ को दी गई।

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