स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक विचार ll swami Vivekanand ji quotes in hindi

  • 4 years ago
1_उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए
2- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है
3- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है फिर भी हर एक सत्य ही होगा
4- बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है
5- ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं वह हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है
6- विश्व एक व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं
7- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो
8- शक्ति जीवन है निर्बलता मृत्यु है विस्तार जीवन है संकुचन मृत्यु है प्रेम जीवन है द्वेष मृत्यु है
9- किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या ना आए तब आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं
10- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ
11- जब तक जीना तब तक सीखना अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है
12- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते
13- चिंतन करो चिंता नहीं नए विचारों को जन्म दो
14- हम वह हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं शब्द गौण हैं विचार रहते हैं वह दूर तक यात्रा करते हैं
15- जैसा तुम सोचते हो वैसे ही बन जाओगे खुद को निर्मल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे
16- कुछ मत पूछो बदले में कुछ मत मांगो जो देना है वह दो वह तुम तक वापस आएगा पर उसके बारे में अभी मत सोचो
17- जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है शारीरिक बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो
18- किसी की निंदा ना करें अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं तो जरूर बढ़ाएं अगर नहीं बढ़ा सकते तो अपने हाथ जोड़िए अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिए और उन्हें उनके मार्ग पर जान जाने दीजिए
19- एक विचार लो उस विचार को अपना जीवन बना लो उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो उस विचार को जियो अपने मस्तिष्क मांसपेशियों नसों शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो यही
सफल होने का तरीका है
20- क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं है बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढ़ता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चाहिए धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा
21- हम जो बोलते हैं वह करते हैं हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं
22- जो सत्य है उसे साहस पूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं इस और ध्यान मत दो दुर्बलता को कभी प्रश्न मत दो सत्य की ज्योति बुद्धिमान मनुष्यों के लिए यदि आध्यात्मिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है और उन्हें बाहर ले जाती है तो ले जाने दो वह जितना शीघ्र बह जाए उतना अच्छा ही है
23- यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता तो मुझे यकीन है की बुराइयों और दुख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता
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