हौसलों को हकीकत में बदल दो नन्हीं छात्राओं ने कई पदक किया अपने नाम

  • 4 years ago
गोंडा।  पंख से नहीं हौसलों से उड़ान होती है सपने उन्हीं के पूरे होते जिनके सपनों में जान होती है। इस पंक्ति को कक्षा 12 की छात्रा श्रद्धा ने ताइक्वांडो में महज 15 वर्ष की आयु में कई पदक अपने नाम कर साबित कर दिया। होनहार छात्रा को बचपन से ही ताइक्वांडो खेल में रुचि हो गई। श्रद्धा बताती हैं कि खेल के साथ साथ महिलाओं को अपने आत्म रक्षा के लिए यह काफी जरूरी है l सीबीएससी की तरफ से आयोजित नेशनल लेवल ताइक्वांडो खेल चुकी श्रद्धा अंतरराष्ट्रीय खेल में भाग लेने का सपना संजोए हैं  खेल के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र में व चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है l जनपद मुख्यालय के मालवीय नगर की रहने वाली छात्रा श्रद्धा एक प्राइवेट इंटर कॉलेज में इंटर की छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ साथ खेल में अभिरुचि होने के कारण वह प्रतिदिन गांधी पार्क में अपने कोच प्रत्यूष राज की देखरेख में प्रैक्टिस करती हैं। श्रद्धा की प्रेरणा से सैकड़ों छात्र-छात्राएं ताइक्वांडो में अपना कैरियर बना रहे हैं। श्रद्धा के साथ साथ नगर के राधा कुंड की रहने वाली कक्षा पांच की छात्रा अनुष्का ने महज 11 वर्ष की उम्र में राज्य स्तरीय अंतर राज्य महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्रदान कर बहुत ही कम उम्र में जिले का नाम रोशन किया है। यह नन्हीसी छात्रा प्रदेश में आयोजित अलीगढ़ कानपुर देवरिया सहित कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर इसने अपना परचम लहराया है। अनुष्का बताती हैं कि वह ताइकांडो में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का सपना सच होने के साथ-साथ सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर आईएएस बंद कर देश की सेवा करना चाहती है।

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