भविष्य से उम्मीद और अतीत से जुड़ाव || आचार्य प्रशांत (2017)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ मई २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
भविष्य कहने का क्या आशय है?
भविष्य से इतने उम्मीदें क्यों लगाए बैठे है?
क्या भविष्य के बारे में सोचना व्यर्थ है?
अतीत से इतना जुड़ाव क्यों लगा रहता है?
अतीत की यादों से कैसे बचे?
अतीत का अच्छी बात या बुरी बात ही सिर्फ क्यों याद आती है?
वर्त्तमान में कैसे जीये?

संगीत: मिलन दाते

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