तुझको चलना होगा || आचार्य प्रशांत: वैराग्य या आलस या ग़ैरज़िम्मेदारी (2018)

  • 5 years ago
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शब्दयोग सत्संग
२४ मई, २०१८
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा

गीत: तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा

ओहोहो …
ओ नदिया चले चले रे धारा
चन्दा चले चले रे तारा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
ओहोहो …

जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है
आँधी से तूफां से डरता नहीं है
तू ना चलेगा तो चल देंगी राहें
है रे है रे है रे है रे

ओ … तू ना चलेगा तो चल देंगी राहें
मंज़िल को तरसेंगी तेरी निगाहें
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
ओ नदिया चले चले रे धारा…

पार हुआ वो रहा वो सफ़र में
ओ … पार हुआ वो रहा वो सफ़र में
जो भी रुका फिर गया वो भंवर में
नाव तो क्या बह जाये किनारा
ओ … नाव तो क्या बह जाये किनारा
बड़ी ही तेज़ समय की है धारा

तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा

ओह… नदिया चले चले रे धारा…
गीत: तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा
संगीतकार: मन्ना डे
फ़िल्म: सफ़र (१९७०)
बोल: इंदीवर


संगीत: मिलिंद दाते