Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 11/23/2019
वीडियो जानकारी:

२५ अप्रैल, २०१९
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
अहंशब्देन विख्यात एक एव स्थितः परः।
स्थूलस्त्वनेकतां प्राप्तः कथं स्याद्देहकः पुमान्॥ ३१॥

भावार्थ: अहम् शब्द से प्रसिद्ध परमात्मा एकमात्र स्थित है अर्थात् वह अनेक तत्वों का संघात नहीं है। फिर जो स्थूल है और अनेक भावों को प्राप्त हो रहा है, वह देह पुरुष कैसे हो सकता है?

~ अपरोक्षानुभूति

मन क्यों लगातार बदल रहा है?
क्या कुछ ऐसा भी है जो लगातार कायम रहता है?
क्या संसार प्रतिपल बदल रहा है?

संगीत: मिलिंद दाते

Category

📚
Learning

Recommended