फिल्म समीक्षा : लाल रंग Movie Review : Laal Rang
  • 5 years ago
जरूरी नहीं है कि अच्छा आइडिया हो तो फिल्म भी अच्छी ही बने। 'लाल रंग' के साथ यही हुआ है। सैयद अहमद अफज़ल ने एक अच्छे उद्देश्य के साथ 'लाल रंग' बनाई है, लेकिन वे बात को सही तरीके से नहीं रख पाए। यहां लाल रंग का मतलब खून से है। खून किसी की जिंदगी बचा सकता है, लेकिन कुछ लोग इसे व्यापार बना लेते हैं। इन रक्त माफियाओं के काम करने के तरीके के इर्दगिर्द घूमती है 'लाल रंग'। फिल्म न तो वे मनोरंजक है और न ही गंभीर मुद्दे को ठीक से उठा पाती है। कुल मिलाकर 'लाल रंग' रंगहीन है।
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