जयशंकर प्रसाद आधुनिक हिंदी साहित्य जगत के बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रमुख हिंदी साहित्यकारों में से एक है। जिन्होंने नाटक, कहानी, उपन्यास तथा निबंध जैसी हिंदी साहित्य की विधाओं को एक ही समय पर अपनी प्रतिभा से प्रकाशित किया। यह हिंदी साहित्य के छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं, जिन्हें छायावादी युग को स्थापित करने का श्रेय प्राप्त है।