प्राणायम | अर्था । आध्यात्मिक विचार

  • 5 years ago
योग विद्वानों का मानना है हर व्यक्ति के जीवन के लिए साँस एक सीमित मात्रा में है। इस वजह से वे प्राणायम का विचार लेकर आये ताकि हम धीमी और गहरी सांस लेकर अपने जीवन को थोड़ा लम्बा खींच पायें. इस वीडियो की मदद से प्राणायाम के आकर्षण का अनुभव करें.

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१ विज्ञान बताता है कि मानव शरीर में साँस लेना ही केवल एक स्वशासनीय प्रणाली जिसे हम भी नियंत्रित कर सकते हैं

२ प्राचीन संन्यासियों ने सचेत श्वास को नियंत्रित करने का अभ्यास करके इस विज्ञान में महारत हासिल की थी, जिसे प्राणायाम कहा जाता है

३ प्राणायम शब्द में, प्राण श्वास प्रक्रिया के लिए है जो जीवन की शक्ति है और यम शब्द प्राण को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया गया है

४ माना जाता है कि प्राणायम योग अनुशासन में सांस रोकने का अभ्यास है जो हमारे प्राण का माध्यम है (अति महत्वपूर्ण जीवन शक्ति )

५ भगवद गीता के एक श्लोक में प्राणायम का उल्लेख किया गया है, " जो पूरी तरह सांसें रोक कर समाधि अवस्था में जाने के लिए अनुवाद किया गया है".

६ विद्वान समझाते हैं कि प्राणायम, योग के माध्यम से व्यक्तिगत शक्ति का विस्तार है. (प्राण , शक्ति + आयम , विस्तार )

७ योग शिक्षकों की अपने छात्रों को एक सलाह होती है कि वे प्राणायाम को अपने दैनिक अभ्यास सत्र का हिस्सा बनाएं

८ कई शोधकर्ताओं ने सूचित किया है कि प्राणायम की तकनीक तनाव सम्बन्धी विकारों के इलाज में लाभकारी सिद्ध होती है.

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