रहस्मयी बुखार से हो रही मौतों पर सरकार हुई सख्त, वित्त मंत्री ने जिला अस्पताल पर मारा छापा
- 6 years ago
The government has become hard on death due to cheerful fever
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पिछले 10 दिनों में रहस्यमयी बुखार की चपेट में आने से 27 की मौत हो चुकी है। मौतों की खबर सुनने के बाद सरकार अब नींद से उठ चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और लोगों से अस्पताल में होने वाली समस्याओं के बारे में जाना। इस दौरान राजेश अग्रवाल ने अस्पताल के डॉक्टरों को लताड़ भी लगाई।
तहसील क्षेत्र में बुखार बेकाबू हो गया है। क्षेत्र में बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं के दावे दम तोड़ रहे हैं। लोग झोलाछापों के सहारे हैं। पिछले कई दिनों से बुखार के कारण बरेली के एक अस्पताल में इलाज करा रहे धर्मपुर के 55 वर्षीय रामौतार की गुरुवार को मौत हो गई। गांव में दर्जनों लोग बुखार से तप रहे हैं। इसके अलावा ग्राम सिकरोडा में प्रत्येक घर मे वायरल व मलेरिया का प्रकोप है। स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के बाद भी आज तक किसी ने वहां की सुध नहीं ली।
हालात यह है कि सीएचसी मझगवां पर प्रत्येक दिन छह सात सौं बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सक इन्हीं को नहीं देख पा रहे हैं। ऐसे में गांव में कैम्प करना मुश्किल है। डा. वैभव राठौर ने बताया कि गुरुवार को ग्राम मण्डोरा में कैम्प लगाकर दवाइयां बांटी गईं थी।
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पिछले 10 दिनों में रहस्यमयी बुखार की चपेट में आने से 27 की मौत हो चुकी है। मौतों की खबर सुनने के बाद सरकार अब नींद से उठ चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और लोगों से अस्पताल में होने वाली समस्याओं के बारे में जाना। इस दौरान राजेश अग्रवाल ने अस्पताल के डॉक्टरों को लताड़ भी लगाई।
तहसील क्षेत्र में बुखार बेकाबू हो गया है। क्षेत्र में बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं के दावे दम तोड़ रहे हैं। लोग झोलाछापों के सहारे हैं। पिछले कई दिनों से बुखार के कारण बरेली के एक अस्पताल में इलाज करा रहे धर्मपुर के 55 वर्षीय रामौतार की गुरुवार को मौत हो गई। गांव में दर्जनों लोग बुखार से तप रहे हैं। इसके अलावा ग्राम सिकरोडा में प्रत्येक घर मे वायरल व मलेरिया का प्रकोप है। स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के बाद भी आज तक किसी ने वहां की सुध नहीं ली।
हालात यह है कि सीएचसी मझगवां पर प्रत्येक दिन छह सात सौं बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सक इन्हीं को नहीं देख पा रहे हैं। ऐसे में गांव में कैम्प करना मुश्किल है। डा. वैभव राठौर ने बताया कि गुरुवार को ग्राम मण्डोरा में कैम्प लगाकर दवाइयां बांटी गईं थी।