लहू के अल्फाज // Sad HD Shayari ___******************__ देखकर मेरा नसीब मेरी तकदीर रोने लगी लहू के अल्फाज देखकर तहरीर रोने लगी हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई सुरत को देखकर खुद तस्वीर रोने लगी
वक्त नूर को बेनूर कर देता है थोडा सा दर्द दिल को नसूर कर देता है कोन चाहता है अपनों से दूर रहना पर ये वक्त हमको मजबूर कर देता है
कोई रात भर याद आता है वक्त मेरा ऐसे ही गुजर जाता है खुशी और गम दोनों में नजर आतें है हम क्योंकि ये पागल आशिक किसी को बहुत चाहता है
वो करीब ना आये तो इजहार क्या करते खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते मर गये पर खुली रही आँखे इससे ज्यादा इजहार क्या करते
एक तो वक्त और दूसरा प्यार दोनों जिन्दगी में खास होते है पर वक्त कीसी का नही होता और प्यार हर किसी से नही होता