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  • 2 days ago
क्या आपने भी इस बार राखी Online Order की या लोकल मार्केट से ली? क्या Quick Commerce से त्योहारों का मजा खत्म हो रहा है? लोकल दुकानदारों को डिजिटल इंडिया से नुकसान हो रहा है ? जानने के लिए देखें वीडियो....

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00:00एक क्लिक से राखी आपके घर पे लेकिन बाजार की दुकानों में सननाटा क्यों है इस बार रक्षा बंदन पर यही सवाल पूरे देश में घूम रहा है कहीं ऑनलाइन प्लाटफॉर्म्स पर रौनक है तो कहीं दुकानदार दिन भर ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं डिजि�
00:30अनलाइन प्लाटफॉर्म्स से उनका धंदा चौपट कहो गया है पहले जहां 10,000 से 20,000 की बल्क ओर्डर मिलती थी अब वो घटकर 5,000 से 6,000 तक आ गई है छोटे वेंडोस के पास ना तो डिजिटल मार्केटिंग का नॉलेज है ना बजट है कि वो सोशल मीडिया पर एड�
01:00अनुकसान कर सकता है अब बात करते हैं इस बार के सबसे बड़े गेम चेंजर की विक कॉमर्स प्लाटफॉर्म्स की बलिंकिट, जेप्टो, स्विगी, इंस्टामार्ट जैसी कंपनियों ने राखी सीजन में भी सूपर फास्ट डिलिवरी और इंटरनाशनल गिफ्टिंग
01:30प्लान तयार किया है खास कर उनके लिए जो लास्ट मिनट पे आद करते हैं कि अरे राखी भेजनी थी इन प्लाटफॉर्म्स की ताकत है स्पीड, कन्वीनियन्स और कस्टमर का बदलता माइंड से जिसे आज पास्ट पेस्टिवलिंग कहा जा सकता है साथी एक पॉस्टि�
02:00इन राखियों की कीमट डेर सो रुपए से बारा सो रुपए तक है और ये सिर्फ बाजार की जरूरत नहीं बलकि महिला शशक्तिकरन का एक मजबूत उदाहरन बन चुका है। पिछले साल इन मंडलों ने दस लाख से ज्यादा की विक्री की थी और इस बार उमीद है कि ये
02:30इन राखियों की भी भरमार है, उपर से गोल्ड और सिल्वर राखियां भी बिक रही है, कुछ की कीमत तो साथ हजार उपए तक पहुच गई है। इसके अलावा राखि हैंपर्स का ट्रेंड भी उफान पर है, जिनमें ऑगनिक स्किन केर, चॉकलेट, बोके, शुगर फ्र
03:002021 में 6,000 करोड और 2020 में 5,000 करोड का व्यपार हुआ था। मतलब साफ है, हर साल राखियों का बिजनेस डबल डिजिट ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहा है, और इसमें सबसे बड़ा रोल निभा रहे हैं, कुरेटेट गिट्स, प्रीमियम प्रोड़क्स और डिजिटल डिल
03:30प्रोड़क्स

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