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धराली में कुदरत का कहर, मलबे में जिंदगी की तलाश जारी, देखें ख़बरें असरदार

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00:00नमस्कार मैं श्वेता सिंग आपका स्वागत करती हूँ वक्त है खबरे असरदार का और इस वक्त सब चाहते हैं कि उत्तरा घंड के धराली में पूरे जीजान से जो रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है वो मुकाम तक पहुँचे ताकि जीवन बचाया जा सके जहां हालात अ�
00:30इलाके से निकाला जा चुका है इन लोगों को हर्शिल और मातली पहुचाया गया है वहीं 112 लोगों को अलग-अलग स्थानों से एर लिफ्ट करके देहरा दून के जॉली ग्रांड एपोर्ट तक लाए गया है
00:43उत्राखन के धराली में कुद्रत ने पांच अगस्त को प्रलेंग कारी तबाही मचाई प्रकृती के महाविनाश से जूजता इंसान अब आस के भरोसे जद्दो जहद में जुटा है पिछले चार दिनों से सेंक्णों जवान असंभव को संभव करने में जुटे हैं
01:05सेंक्णों जाने अब तक बचाई जा चुकी हैं विनाश से आस तक अभी क्या है धराली का हाल देखे
01:12चार अगस्त की रात इस गौमें शद्धा भक्ति का उत्सव था भक्ति पूजन था
01:31पांच अगस्त के दोपहर में ये धराली गौम मंदिर में लगे मेले में जुटा था और उधर पहाड़ी से महाविनाश ने ऐसी दस्तक दी कि पूरा गाउम मलवे के नीचे समा गया
01:40अब उसी मलवे में से एक-एक जिंदगी खोजने की जद्दो जहर चल रही है
01:45पांच अगस्त क आवाद धराली में अब बस मलवे नज़र आते हैं
02:00धराली में अब यही नज़र आता है
02:06कहीं टूटे मकान, मलवे में दवी बहुमंजिला इमारत, उन इमारतों में से ढून ढून कर बुज़ुक महिलाओं को पीट पर लेकर सुरक्षि जगों पर ले जाते जवान
02:15कहीं सेना, ITVP और NDRF, SDRF के जवान रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं
02:23कहीं संचार की सुविधा बाहल करने की जद्दो जहर में जुटे हैं
02:26हम सबसे पहले यहां धराली पहुँचे हैं
02:33जहां पर पांच एकस की भीशन आपदा के बाद सब कुछ तहष नहस हो गया
02:38यहां पर करीब देड़ सो मकान दुकाने और रिजॉर्ट थे जो अब इस कई फीट गहरे मलवे के नीचे दब चुके हैं
02:48कुछ भी यहांबर बचा नहीं है और यह जो सहरा आप देखने हैं धराली बजार है पूरा गाउं ख़तम हो गया है पचास से साथ लोग अनमानित तैजल्टी हम मान रहे हैं ज्यादा भी बढ़ सकती है
02:59मैं यहीं पर हूँ और यहांपर आप खड़े हैं यह हमारा होटल है उस समय जब यह डिर्ड बजे के असपास जब यह आपदा आई तो मैं और मेरा भाई हम इस जगा पर मौजूद थे जहांपर आप खड़े है उस समय पार गाउ मुकवा है वहां से सिटी अब बजनी ल�
03:29तो हम दोनों भाई ने जब इसके उपर देखा सामने वाले जो खीरगाट का मैं आपको दिखाऊंगा उपर साइड में, तो कम से कम डेर सो से दो सो फिट के उपर जो पानी का गुबार था, वो धराली मार्केट और गाउं के लिए आगे बढ़ रहा था, एक दिन में कम से कम
03:59एक बड़ा केंद्र है, बड़ी संक्या हाला कि अगस्त के महने में बरसाद में आपर टूरिस्ट कम होता है, लेकिन अभी भी जो जानकारी हमें यहाँ पर ग्राउंड पर मिल रही है, इस दोरान यहाँ पर डेड़ दो सो लोग मौजूद थे जिसमें बड़ी संक्या में �
04:29आप महाविनाश की वो यादे हैं, जो यहाँ के लोग दुनिया को बताना चाहते हैं, दूसरी तरफ वो खामोश कोशिशे हैं, जो इस महाविनाश में आज की दीपक जलाती है।
04:59रहात और बचाओ का काम चल रहा है, फाइवे हैं, जो 500 मीटे का ही हाइवे पहच चुका है, और अब यहाँ पर रोड से कम्मिनिकेशन नहीं हो पा रहा है, हेलिकॉप्टर से रहत बता सामधरी आ रही है, इसलिए सेना यहाँ पर जोन का भी इस्तमाल कर रही है, जिसके ज
05:29जिनका घर और आश्रेट है गया था, उनको हमने हर्शिल में हमारे बचालेट कोटर में रिलोकेट किया है, जहां पर उनके लिए रहने और खाली की व्यवस्ता ठी गई है
05:36आपदा के बाद राली में पहली प्रात्मिक्ता आवाजाही का रास्ता बनाने की है, सेना और राहत बचाव टीम के जवान भागी रती पर आवाजाही के लिए जगह जगह वो उपाई कर रहे हैं
06:06धराली आपदा के कारण उपर गंगोत्री से लेकर धराली तक तीर थियात्री भी फसे हैं, वो भी धराली पैदल पहुँच रहे हैं ताकि वहां से आगे भीजे जा सके
06:36इसके बाद जब हम वहां पर दर्शन करके नीचे आए तो यहां पर पता चला कि लोंग स्लैंड हो गया है तो वहां पर भेरो खाटी पर हम लोग को रोग दिया गया रहा है
06:43तीन दिन हम यह तिसरा दिन हैं अमारा भी हम लोग तब से वहां पर फसे हैं
06:48गंगोत्री के दर्शन करके यहां से सेना की मदद से आई टीवी की मदद से लोग हरसे होते हुए उतरकाशी पहुँचेंगे
06:55तो बड़ी संख्या में यह गुजरात और दूसरे लाकों की यात्री हैं बुजुग हैं जो अपनी यात्रा चारधाम की यात्रा पर निकले थे लेकिन इस आपदा के वजह से इन्हें परिशानी जहलनी पड़ी लेकिन अब यह वापस अपने घरों की तरफ जा रहे हैं
07:08धराली में राहत बचाव का काम दिन राज चल रहा है बिजली नहीं है फोन नहीं है रोड नहीं है किसी तरह सेना और सुरक्षा बलों के जवान अपने सिमित संसाधनों के जर्ये इस आपदा में से जिंदगी तलाश में की पोशिश में जुटे हैं मन जीतने की धराली आ�
07:38कई-कई एजिंसियां बस एक जिंदगी के तलाश में लगी हुई है धराली में मलवे से पटे इलाके के अंदर एके की पत्थर दीवारें छटों के नीचे से तलाशी जा रही है जहां भी जिंदगी के आसार मिल रहे हैं वहां फॉरन रेस्क्यू ऑपरेशन लॉंच किया �
08:08सांसों की तलाश करने में लगे हुए हैं हालां कि अभी तक राहत बचाओ टीमों ने जितने लोगों को सुरक्षित मौके से निकाला है उनके घर के कुछ हिससे मलवो के चपेट में आये थे और जिन्हें इलाज की जरूरत थी उन्हें निकाला गया है लेकिन जिस तरह से �
08:38भी इलाके में हुई बर्बादी के बीच फंसी जंदगी के तलाश जारी है धराली में जिस तरह कुदरत का कहर हुआ है वो हम सब ने देखा मगर कुदरत के इस तांडव के बीच मौत को मात देकर कुछ लोग आये हैं उनकी जुबानी हम आपको बताते हैं जिस वक्त तब
09:08कि उनको खौन करो बचाओ बचो वहां से बचो वहां से लेकिन तब तक इतना भयानक नदी का प्रभाव जो था वो इतना तेज आ गया कि उसमें कुछ नहीं छोड़ा सिर्फ मंदीर में जो लोग कर मंदीर के जो वो था वही लोग बच पाए और बारफात में जो हैं साम क
09:38में थे देव पूजा के समय वही लोग बच पाए है जहां तक हमारे कहने की बात है या हमारी सोच की बात है बाकि जो लोग मार्केट में थे होंगे या होटलों में थे होंगे उन लोगों की बचने के बहुत कम संभावना है कि जो भाग पाए होंगे भाग पाए हम खुद
10:08और अब मध्यप्रदेश की वो खबर जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए
10:15क्या बच्चे वोट नहीं देते और बच्चों के नाम पर वोट नहीं मिलता
10:18इसलिए लॉलिपॉप की कीमत में कुपोशन दूर करने का दावा किया जाता है
10:22खबर यहे कि मध्यप्रदेश में सरकार कुपोशन बच्चों को पोशन वाले आहार के नाम पर रोज के 8 रुपे से लेकर 12 रुपे देती
10:30सवाल यहे कि 8 से 12 रुपे में कैसे किसी को स्वस्त रहने वाला आहार मिल सकता है
10:34मध्य प्रदेश में ये केवले कुपोशित बच्चे का वीडियो नहीं है
10:47बलकि पूरी तरह से कुपोशित वो चुकी सरकारी सोच का प्रतीक है
10:5112 महीने के कार्तिक कोस की दादी हल की बाई लेकर
10:54शियोपूर के पोशन पुनरवास के इंद्र लाई है
10:56यहाल आदीवासी मोती के दो जुड़वा बच्चों गौरव और सौरव का भी है
11:01उम्र 6 महीने लेकिन 5 साल सत्ता में आने का माउका लेकर
11:05जीवन भर के बदलाव का वादा करती सरकार और सरकारे व्यवस्था
11:08मध्य प्रदेश में कुपोशन को दूर नहीं कर पा रही
11:26उनके लिए केवल सरकार से दिन के 8 रुपए से लेकर 12 रुपए देकर सोचा जाता है
11:31कि तगड़ा तंदुरुस्त कर दिया जाएगा
11:33इसलिए हमने कहा है
11:35सरकार व्यवस्था के दिल दिमाग में कहीं को पोशित बच्चों का सुरक्षित पोशन है ही नहीं
11:41उनको चिंता है तो सिर्फ वोट देने वाली गाय के पोशन की उनको अधिकारियों के पोशन की चिंता है
11:45लेकिन मध्यप्रदेश के बच्चों को लॉलिपॉप की कीमत में स्वस्थ करने का खेल खिला जाता है
11:51आज तक हर खबर को सबूतों के साथ सामने लाता है
11:56सबूत विधान सभा में दिया गया सरकारी जवाब का पन्ना है
11:59यहां लिखा है 6 महीने से 6 साल की बच्चे को पूरक पोशन अहार सेवा के तहत
12:048 रुपए प्रती बच्चा प्रती दिन और अतिगंभीर को पोशित अतिकम वजन के बच्चे को
12:0912 रुपए प्रती बच्चा हर दिन का पूरक पोशन अहार दिया जाता है
12:14एक लॉलिपॉप पांच रुपए का आता है
12:1810 रुपए में एक कप दूद भी जहाने मिलता
12:20वामत्य प्रदेश में सरकार चाहती है
12:22रोज के 8 रुपए में कोपोशित बच्चे को
12:24और 12 रुपए में रोज अति कुपोशित बच्चे को स्वस्त आहार मिल जाए
12:28यही वजा है कुपोशित बच्चों के पोशन के नाम पर
12:32ख्याली पुलाव खिलवारे ही सरकार से सवाल पूछने वाले
12:35विपक्ष की विधाया खबरदार करते हैं
12:38आप खुद की दर्ष्टी से देखिए कि अगर आपके बच्चे में आपके परिवार में अगर कुपोशित होगा
12:43कि 8 रुपे में काम हो जाएगा
12:4470 रुपे लीटर में तो दूद मिलता है
12:46दो केले भी नहीं आएंगे तो कुपोशन कहां से दूर होगा
12:48मध्य प्रदेश वो राज्जी है जहां तमाम जिलों में हर चार में एक बच्चा कुपोशित है
12:53प्रदेश में 1,36,000 बच्चे कुपोशन का शिकार है
12:5730,000 बच्चे गंभी रूप से कुपोशित है
12:591,000,000 से ज्यादा बच्चे मध्यम रूप से कुपोशित है
13:02कुपोशन की राश्ट्री औसत दर 5.40 प्रतिशत है
13:06मध्यप्रदेश में इदर 7.79 पीस दी यानि राश्ट्री औसत से ज्यादा
13:10लेकिन वोट के लिए लाडली बहना योजना का पैसा बढ़ा कर
13:15सब्ता साथने का सोचती सरकार बच्चों की जीवन सुरक्षा के पैसे के नाम पर केंद्र के पाले में गेंड डाल देती है
13:21आज तक खबरदार करके पूछता है अगर गाय के लिए 40 रुपए प्रतिदिन का बजट सरकार बना सकती है
13:44तो बच्चों के लिए 8 से 12 रुपए का बजट क्यों है
13:46अगर वोट देलाने वाली लाडली बहना योजना में रोज 49 रुपए सरकार दे सकती है
13:51तो कुपोशित बच्चों के पोशाणाहार पर केवल 8 से 12 रुपए क्यों
13:55क्या इसलिए क्योंकि बच्चे वोट नहीं देते
13:58विधान सभा में सरकार कहती है कि वो कुपोशन खत्म करने के लिए संजीता है
14:03लेकिन सवाल ये है कि 8 और 12 रुपए रोजाना खर्च कर कैसे कोई बच्चा सेहत मन बन सकता है
14:12क्या इतने रुपएों में उसे जरूरी पोशन विटामिन या भरपेट भोजन मिल सकता है
14:19या फिर ये भी सिर्फ आकडों का कोई खेल है जिसमें बच्चा कागजों पर स्वस्त रिखाई देता है
14:25शोपूर से खेमराज दुबे के साथ रवीश पाल सिंग भोपाल आज तक
14:31और अब आपको जनता के लिए एक असरदार योजना में अपना करप्शन का सुराख करने वालों की खबर दिखाते है
14:39खबर 36 गड़ की जहां दावा है कि जल जीवन मिशन पर 11,600 करोड रुपए खर्च तो किये गए
14:45लेकिन फिर भी घरों तक पाइप लगाकर नल लगाकर दावा कर दिया गया कि पानी भी पहुँच गया
14:51वहाँ पानी की एक बूंद अब तक नल से नहीं आई
14:54प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में कौन गड़बड़ी कर रहा
15:06किसने प्रधान मंत्री की जन हित में जरूरी योजना पे कागज पर केवल पानी बहा दिया
15:12किसने देश में जनता को घर तक पानी पहुंचाने वाली योजना में तंकी खड़ी करके सिर्फ आक्णों का खेल खेला है
15:20आज तक संबाद्धाता सुमी केवल पटेल की 36 गढ़ से हवरदार करती एक्स्क्लूजिव पढ़ता है
15:2636 गढ़ में धमतरी का बिजना पूरी है
15:42जल सूखा पड़ा है क्योंकि यहां कभी पानी पहुंचा ही नहीं
15:45कागस परदावा है
15:48सौफीस दी हर घर नल से जल योजना पूरी हकीकत में दो साल से यहां पर नल लगा कर दिया
15:54जल नहीं दिया
15:55मेरे आगे आप यह जो नल देख रहे हैं
15:59जल जीवन मिशन के तहट इसे बिजनापूरी के हर इक घर के सामने लगाया गया है
16:06हर घर नल योजना के तहट
16:08आप देखेंगे इसमें तोती तक भी नहीं दी हुई है
16:11दो साल से इस नल को बनाकर यहां पर छोड़ दिया गया है
16:14दो साल से दस्तावेजों में तो बिजनापूरी में पूरे तरीके से connection दे दिया गया है
16:19pipeline बिछा दी गई है
16:20घर घर के तहट नल भी इंस्टॉल कर दिये गया है
16:23ओवर हेड टैंक यानि कि जो पानी की टंकी है वो भी बना दी गई है लेकिन लापरवाही ऐसी कि आज तक एक बूंद भी इन नलों से निकल नहीं पाया है
16:32खबरदार करतीस ग्राउंड रिपोर्ट को आगया आज तक ने बढ़ाया पता चला वक्त का पहिया जितना तेजी से सरकारी योजना के नाम पर कागज पर घुमाया जा रहा है
16:40हकीकत में ऐसा है नहीं राजनांद गाउं का बुंदेली कला गाउं गाउंवाले भी संबाद्धात असुमी की तरह महीनों से पानी की टंकी को निहारते रहते हैं
16:50क्योंकि यहां टंकी तो खड़ी है लेकिन खाली पड़ी है
17:10इसका कोई काम नहीं है क्योंकि connections अभी भी घर तक नहीं पहुचे हैं
17:15हर किसी की घर में नल दे दिया गया है लेकिन तीन साल से वो पानी का ही इंतजार कर रहा है
17:20सोचिये जिस जल जीवन मिशन योजना की वहवाही की बांग सरकारी अधिकारी दिल्ली तक सुना देते हैं
17:27वहवाही के अंडे राज्य सरकार बटोर लेती हैं
17:30जमीन पर काश को या कर ज्ञाक लेता कि पाइप लगा कर जिस गाउं को कागज पर नल से जल योजना पर पानी से लपालप भरा बता दिया गया, वहाँ पर आम आदमी कहीं पाइप की ये हाथ में, कहीं टोटी घुमा घुमा कर चेक करता रहता है, पानी आया या फिर नहीं.
18:0036 गड़ में ही कागज पर नल दिखा कर योजना पर पानी फेर दिया जा रहा है, 11,600 करों रुपए जहां जल जीवन मिशन पर खर्च हो चुका है, वहाँ आप भी ये बिना नल वाले पाइप पूछते हैं, कि पानी का सूखा क्यूं है?
18:30सरकार, अब सवाले की जिम्मेदार कौन है? ग्रश्टा चार पहले की सरकार में हुआ? या फिर अंदेखिय और करप्शन के आरोप अब तक कि राज में कायम है? जहां बीजेपी सरकार की राज को डिर साल बीच चुके हैं, लेकिन हालात नहीं बदले हैं.
19:00अनेक कमपनियों को ब्लेक लिस्ट किया है, उनके काम को टर्बिनेट किया है, लगातार कारवाईयां हो रही है, और हम उस काम को अब आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
19:122024 ही जिस मिशन में लक्ष था, वह अगर दो-दो-तीन-तीन साल से सिर्फ पाइप खीच कर भुला दिया गया, तो सवाल है क्या आप जांच होगी कि चूक और जिम्मेदारी किसकी है, या फिर सरकार ने मान लिया कि कागज पर पानी बहाव, बाकि जनता चाहे उसी नल से पा

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