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धराली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे रिपोर्टर, जानिए ताजा अपडेट

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00:00नमस्कार आप देख रहे हैं आज तक और मैं हूँ आपके साथ मुनीश पांडे
00:03उत्तरकाशी में के धराली में आये हुए सैलाब को लेकर अभी भी रिस्क्यू उपरेशन लगातार चल रहा है
00:12और दो दिनों के रिस्क्यू उपरेशन के बाद भी अभी भी हालात वहाँ पर बहतर नहीं हुए है
00:18कई लोग अभी भी वहाँ पर मिसिंग पाय जा रहे हैं अभी भी रिस्क्यू उपरेशन चल रहा है
00:24सैलाप की चपेट में आया उत्तरकाशी को धराली दो दिन बाद भी तबाही से मुक्त नहीं हो पाया है
00:31बटवारी में टूटे हाईवे का एक हिस्ता तो दुरुस्त कर लिया गया है
00:35लेकिन rescue team के सीधे धराली पहुचने के रास्ते में अभी भी काफी दिक्कते आरी है
00:42धराली तक तेजी से पूरी ताकत से राहत और मदद पहुचाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है
00:51लेकिन अभी भी इसके तयार होने में थोड़ा और वक्त लएगा
00:54फिलाल के लिए छोटे हेलिकॉप्टर से ही रेस्क्यू टीम धराली तक पहुच पारी है
01:00और जितना कोशिश है उतना रेस्क्यू वहां से कराने की कोशिश पूरी की जारी है
01:06जितना समय लगेगा उतना ही नुकसान बढ़ने की आशंका है
01:10लेकिन इस वक्त के जो बड़ी खबर आ रही है उसमें ऑपरेशन जिंदगी अभी भी जारी है
01:16रास्टी राजमार का दूसरा हिस्सा खोल दिया गया है जो भटवारी गाउं से गंगवानी को जोड़ता है
01:24किसी भी वक्त इस रास्ते से गाड़ियां आगे गंगवानी की ओर बढ़ेंगी
01:29और जैसे ही आगे गाड़ियां बढ़ना शुरू होंगी उसके बाद से रेस्क्यू आपरेशन में और तेजी आएगी
01:35आगे तूटे हुए पुल को बनाने का सामान भी इसी रास्ते से जाएगा
01:40पुल बनने के बाद धरा दिवार हर्शिल पहुचने की कोशिश करेगा
01:46और दूसरी सबसे बाड़ी बाधा तभी खत्म होगी
01:50लेकर हम बता दें कि धराली में आज तक की टीम पहुच चुकी आज तक की समवाता
02:04मनजीत नेगी वो सबसे पहले शक्स है जो धराली के उस जगे पर पहुचे है
02:10जहां पर सबसे जादा नुकसान हुआ है जहां पर अभी भी रेस्क्यू टीमें जो है
02:16वो पहुचने की कोशिश कर रही है लेकिन मनजीत नेगी आज तक के वरिस समा आता उस जगे पर पहुचे है
02:22देखे उनकी खास रिपोर्ट सीधे ग्राउंड जीरो से
02:26जोलापुल है यह जोलापुल है जो सालों से यहां पर जोलापुल है जो मागंदा का स्थान है
02:42यहां पर जोलने का काम करता है लेकिन इस भागयर्थी का बहा है वो कितना तेज हो गया है
02:49और यह काफी उचा जूलापुल है जो अब पूरा नीचे जो गाद है जो मलवा है उसमें धर्स का है
02:57यह पर यह बारी दरारे पड़ चुकी है और नीचे बिल्कुल मलवे में थच चुका है आलगे बहुत मूचा और गहरा जूलापुल था पहाड़ों में सामाने तोर पर नदियों पर इस तरह के जूलापुल बनाई जाते हैं गाउं को जोड़ने के लिए और फिलाल आब�
03:27लोगों को यहां जोड़ने के लिए और उस दौरान भी जबाप आई थी सेना के जबान इस व्यावन को क्रौस कराने के लिए ठेनाद खड़े हैं
03:40और लोगों को ऐसे इस तरह से निकाला जा रहा है अग है यह चोटे चोटे पूर बनाइस जा रहा है इस तरह से प्षिंख्ला।
04:04तो आप हमारे समवाता मंजीत नेगी जो पहले शक्स हैं जो कि धराली में पहुच पाए हैं और वहां से वो तस्वीरे दिखा रहे थे कि किस तरह से वहां पर तभाई हुई है मंजीत नेगी हमारे साथ में इस वक्त लाइव जुड़े हुए सीधे ग्राउंड जीरो से मंज
04:34ına अपने किस तरह की तस्वीरे देखी हैं क्योंकि जो जानकारी अमारे पास में इसके पहले बियाप कई बार हर्शिल इलाके में जा चुके हैं लेकिन इस बार जब आप पहुंचे हैं किस तरह की तस्वीरे किस तरह कि तवाही आपको देखने को मीली मंजीत
04:47मुनिश हरसिल मुझे क्योंकि सेना की कवरेज के लिए कई बार जाना हुआ
04:56लेकिन आज की जो कवरेज थी परसों दिल्ली से चलने के बाद तीन दिन आज तीसरा दिन है
05:03और कल काफी मश्रक्त के बाद में हरसिल पहुंच पाया
05:06वहां से करीब पांच किलोमेटर जो पहाड़ी रास्ता है जो सेनाने का अस्ताई रास्ता तैयार किया है
05:12रसियों के सारे हम वहाँ पहुंचे हैं
05:15और अगर अगर अब ताजा हालात की बात करें तो धराली जो सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाका है
05:21जहां पर डिर्ट सो से दो सो दुकानी थी फाइब मन जो रिजॉर्ट थे बड़े पांच मन जिला रिजॉर्ट और मौजूद थे लेकिन आज पूरा इलाका फ्लैट हो चुका है
05:31चालीस से पचास फीट जो मलवा है वो धराली में नजर आ रहा है सिर्फ बलवा ही मलवा नजर आ रहा है
05:38और ऐसा लगता है कि मा भागिरती नदी ने पूरे इलाके को अपना किनारा बना लिया है
05:45वहां पर कुछ भी इस वक्त मौजुद नहीं है
05:47और तीन दिन के बाद अगर हालात की मैं बात करूँ तो जो सेना की लोग हैं अटी आरफ की लोग है
05:54सेना सबसे पहले एक तरसे फस्ट रिस्पॉंडर के तरो पर वहां पर पहुँची थी
05:59क्योंकि हरसिल में सेना का अपना एक बेस है चीन सरहत को लेकर सेना की यूनिट और मौजूद है
06:04फोर्टीन जो राजपताना राइफल है वो तैनात है चीन सरहत पर
06:08उन लोगों वो लोग करीब एक बचकर चालीस बिनिट के आसपा जब उनको सूचना मिली गाओं
06:13और वहाँ पर एक सिस्टम है क्योंकि जो नदी के इलाके हैं वहाँ का जो परधान है वो जो नजदी की यूनिट होती है आई टीवीपी की आर्मी की उसका नंबर उनके पास होता है
06:24और तुरंद अगर कोई नदी में बहुतेज होने लगता है तो जानकारी देते हैं इसी से उनको जानकारी मिली सेना के टुकड़ी पांच मिनट बार वहाँ पर पहुंच गई और उसके बाद काफी बड़ी संख्यावे लोगों को बचाने का काम किया पिछले तीन दिनों क
06:54वहाँ पर उनके अभी भी आज तीसरा दिन है नौ सोल्जर मिसिंग है जिसमें एक जेश्यो शामिल है इसके लावा से नक के दस से ग्यारा जवान बुरीतर से घायल हुए जिसमें एक ट्वाइसी लेफ्टन कमांडर घायल है जिने देरादून ले जाय गया है तो इस तरह
07:24में गंगोत्री और चारधाम यात्री आसपास के लौकों में चाहे बाद धराली की करें या हम हरसिल की करें हरसिल एक टूर्स स्पॉर्ट है बड़ी संख्या में लोग हाँ मौजूद थे उन सब को निकाला जा रहा है
07:37तो तीन दिन की मशक्कत के बाद मंजीत आप उस जगे पर पहुँच पाए जहां पर सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ था जो जगे को बोला जा सकता है कि इंपैक्ट सबसे पहले वहीं पर हुआ था
07:50हमारे दर्शकों तक यह तस्वीर पहुचाने के लिए मंजीत आपका बहुत बहुत शुक्रिया लेकिन मंजीत एक और बात आप बताईए कि क्या कोई आकड़ा मिल पाया है कि कितने लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं क्योंकि तीन दिन का वक्त गुजर चुका है �
08:20देखें मुनिश जहां तक परशासन के आकड़ों की बात करें उनका यह कहना है कि जो स्थाने लोग जो धराली जो सबसे बड़ा परभावित इलाका है वहाँ पर नौ स्थाने लोग अभी मिसिंग है जिसमें एक डेड बोडी मिल गई है जिनका अन्तिन समस्कार आज वहा
08:50मज़़ूर मिले जो हमारा माइक आज तक का माइक देखने के बाद वहां पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के तीन लोग किसी ने कहा चार उनके साथी गायव है तो वो आकड़ा अभी भी पचास से उपर का है जो लोग अस्थाने लोगों का और जो लोग
09:20अब जीवन के संभावना बहुत नगरने रह जाती है उसमें एक जेश्वियो शामिल है सेना के गैरा जवान घायल हुए जिसमें एक उनका लेफ्टन कमांडर करनल शामिल है उनको वो सभी लोगों को अब धरादो निलिटरी हॉस्पिल में एड्मिट करा लिया गया है ले
09:50रुकते थे जहांपर डेट सो से दो सो बड़े फाइव स्टार रिजोर्ट वहाँपर मौझूद थे पांच मंजिला होटेल वहाँपर मौझूद थे वहाँपर ऐसा नहीं माना जा सकता कि कुछ पांच से दस लोगों दो लोग ही उस दुर्गटना का शिकार हुए हूँ
10:20पहुचाने के लिए मंजीत हमारे समवा था पहले वो शक्स है किसी न्यूश चैनल से जो ग्राउंड जीरो तक वहाँपर पहुचे हैं तीन दिन का समय लगा उन्हें वहाँपर पहुचने के लिए लेकिन जब मंजीत वहाँपर पहुचे और जैसी वह जानकारी दे रहे �
10:50पर देखे हमारे समवाता मंजीत नेगी की ये एक्सक्लूजिव रिपोर्ट इस वक्त धराली में जो खीरगाड का मुहाना है जहां से ये आपदा की शुरुवात भी उपर हर शुला परवत से घीरगाड का ये जो छोटा परसाती नाला है इसने विक्राल रूप भरन किया
11:20दिन जब टेड़ बजे के असपास ये आपदा आई तो यहां मंदिर में जाता लोगों की जान इसने बच पाई कि इसी मंदिर में जो अब आधा मलवे में दबा हुआ है यहां पर एक पूजा का करेमन था जिसमें 40-50 महलाएं पूजा कर रही थी और उनकी जान बच पाई
11:50दोसों के आसपास यहां पर घर, रिजॉट, मकान मौजूद थे उस वक्त और यहां पर सेना की जो पहली टुकडी यहां पर पहुंची थी उन्होंने अपने सामने इन घरों को इन होटल, होटल्स को रिजॉट को मलवे में दबते देखा यह गरीब 50-40-50 मलवे में यह पा
12:20मलवे के अंदर तब चुके हैं, पूरा जो एक छोटा सा नाला था उसमें विक्रा लूप पाज अगस्त को भरण किया और उसकी चपेट उसकी जग में जो कुछ भी आया वहांते हुए ले गया, अगर इस इलाकियों को देखे तो यह दंगोत्री को जोडने वाला हाइवे
12:50है माघंदा की, वहाँ पर वो स्थाबित होती है, और ये घराली गाओ, माघंदा का ही गाओ है, जो गंगोत्री जाने वाले तीर त्यात्रों के लिए एक बड़ा केंद्र है, बड़ी संक्या, हाला के अगस्त के महने में बरसाद में आपर तूरिस्ट कम होता है, लेकिन अ
13:20अस्थानियों लोग यहाँ पर मिसिंग है, उसके अलावा अभी तक एक डेड़ बोडी जहाँ पर मिली है, और हाला के अब तीसा दिन है, जो लोग मल्वे में दवे होंगे, उनके जीवित रहने की समभावनाएं बहुत कम रह जाती हैं, लेकिन उसके बावजूद यहाँ
13:50अपरेशन को अंजाम देने की पूरी कोशिश कर रही है, उसी जगह पर पहुचे हमारे समभाता मनजीत नेगे भी
13:57पांच अगस्त की भीषण आपदा के बाद आस्तक की टीम दिली से रिशी के उतरकाशी होते हुए, हम बड़ी मुश्किलों के साथ यहाँ पर पहुचे हैं करी किमेटर पैदल चलने के बाद, हम आस्तक पर आपको इस भीषण आपदा की एक्सूसिफ पस्रीव जखा रहे
14:27यहां पर मौजूद तुल था गुंदुत्री हाइवे को जोड़ने आले तुल था और हरसिल कस्बे को जोड़ता है तो फुल बहा और उसके बाद आप देखें कि पूरा जो यह उलागा है 15 फी घरवा है उसे दब चुका है यहां पर कुछ भी अब नजर नहीं आ रहा है �
14:5715 फी त्यास पास यह बलगा है जिसका कुछी में नहीं आ रहा है तो बेट पत्थर और यह पानी और सामने ठागी पर बहां अब यहां पर अभी भी लोगों को इस वांसे का सेलाप का शिकार दूए है उनको भूने का निकालने की कुश्चिन चल रही है हाला कि यहां पर क्
15:27सब्सक्राइब की बात करें पिसले दो दिनों में सेना ने देट सिर्ट दो सो लोगों को निकालने में काम्यावी हासिल की अभी नौ आट जवान और एक जेश्यों भी मिसिंग है इस तरह से उस चारवजी के अस्ता से हास्ता हुआ उसके बाद में यह नाला है ना यह नाल
15:57तीस फिट नीचे दव चुक्या है इसके उबर पूरा सहलाव आगया यहां जो आप खड़े हैं यह अरसे लोग होना रहे यह नाला विल्पल यहां से तुमसों तीस मीटर आगे से चल गया यहां पर विल्डिंग बनी हुई थी पूरा केम्प था यह पूरा केम्प बन्या
16:27अपर पूरा केम्प था जो कि आप देख रहे हैं एक बिल्डिंग बची हुई हमारी यह पूरा इस तरीका से बन्या हुआ था कि पूरा केम्प था लोगर केम्प बोलते हमां इसको हमारा था अर्भी गेट से निकलते ही और यह चारों तरप से मलवे से पंद्रह से बीच �
16:57और यहां पर अब कुछ नहीं जूड़े हमारा अब हम आपको दिखाते हैं कि हरसिल के सार्मी कैप में कैसे सेना जो रहतर बचाव का काम हैं उनकी जो मिसिंग जवान है उनको ढूने के मिशन में चुटी है यहां पर यह जो दो ती चुटी बिल्डिंगे बची में उनमें
17:27। जिसमें मैसका सामान हो बोचु का है
17:29यह बड़े गॉससें है जिसन जरुँ सिसासे सामान रहता है और उनमें आप श ценख की जवाण चटार राइफल के जवान � medications
17:41अब में उन साथियों को भूल की जा रही है जो आठ जवान एक जिस्यों इस हाथसे में भूना जाएगा यह देखिए यह पर्स मुझे नजर आ रहा है यह पर्स एक आईकार्ड इस तरह से यह पूरा जो आप सिर्फ मात्र यह चूर्टी बिल्डिंग यह पर बच्ची ही ज�
18:11सेनमय को भी यह समान है इनको पर जुना जा रहा है यह बीपी जैकेट जनर आ रही है और सेना सेनिकों का जरूरी समान यहां पर यहां पर सेनिक मौजूद होते थे और अब सिर्फ यह पर पर मलवा ने तरहे
18:41बिल्डिए थी विए पी मेस्ट थी लेकिन खुछ भी अब यहां पर बचा नहीं है वारा जो सारी चीजें हैं तो फंदरा से प्री स्पीट मलवे में कप्पीर हो चुकी है मातर कुछ दोचार जो चुके स्ट्रॉक्टर है वो नजर आ रहे हैं तो उससे इस बात का अंदाज
19:11किसी भी चीज को नहीं चुड़ा वारी चीजें एक तरह से मलवे में तप्दीज हो गई यह यहां पर जो आर्मी मेस्ट मौजूद थी उसका यह किचन है और यह इसकी हाइड़ देखें तो यह बारा फिट उंची किचन थी और अब इसकी हाइड़ देखें यह मलवे में �
19:41में पसके अफ़िये और शिजें देखें यह फृज हो आधिकरी और बाकी पर घृते थे खाले देखें यह बन दखें थी यह होग जुरा ऑफ़ देखें आरा फिर्ज होगे च
20:05वासंनय है
20:08तो आप सुन रहेते हैं किस तरह से जो आर्मी के वहाँ पर जवान मौजूद हैं
20:15वो भी बता रहेते हैं क्या नुकसान हुआ है या वहाँ पर
20:18किस तरह से कई फुट तक 15-20 फुट तक मलबा आ चुका है
20:22जो आर्मी का वहाँ पर मिस हुआ करता था, टेंट हुआ करता था, उस सब कुछ अब तबाह हो चुका है, सैलाप के नीचे दब चुका है
20:30दरसल धराली में आई इस तबाही का सबसे जादा जो अशर देखने को मिला है, वो है हर्शिल में
20:37हर्शिल धराली के पास का एक बड़ा इलाका है, वहाँ से देखिए रिपोर्ट
20:43हर्शिल घाटी में आई आपदा से सेना का ये कैंप पूरी तह से खत्म हो गया, आप देखिए वो भीशी का किस तरह से बड़ी बड़ी गाडिया
20:55ये एक सिविल गाड़ी है सफारी, ये उस सेल आप का शिकार ही आर्मी का बड़ा ट्रक है जो उस दरान वहां पर लोगों बचाने जाए तेज बहाँ के बाद ये तेज बहाँ के बहाँ आप देखिए यहां पर मौजूद बचाव का का काम चल रहा है, वो लगाता चल रह
21:25बचाने के तेज बहाँ में बहाँ गई ये ट्रक की हालत आप देखें इतना मजबूत इस सेना के जो ट्रक है वो और यहां के पर आप देखें यहां मौजूद यहां पर एक आर्मी का बड़ा ये इंफरस्ट्रक्टर था लूर कैम जिस पर आर्मी मेस्क के अलावा काफी �
21:55इस बल्वे में तब्दील हो चुका है अब हम आपको दिखाते हैं कि किस तरह से पांच अगस्त को हर शिला जो उपर परवत हैं वहां साथ ताल में बादल फटने के बाद किस तरह उसने एक बड़े सेलाव का रूप लिया और यहां पर वो इस गंगोतरी हाईवे को बहात
22:25में बादल फटने के बाद वो सर्वर फटने के बाद पूरी किदार घाटी में इसी तरह की तबाही आई थी और आप देखें यह गंगोतरी हरसिल को जाने को रास्ता है पूरी तरह बह चुका है हाईवे बह चुका है लेकि सबसे महत्वपूर्ण यहां पर यह आर्मी का �
22:55नहीं आ रहा है भागी नदी के साथ यह पूरा जो लाका है सपाट हो चुका है कई मीटर जो मलवा यहां पर आप देखें बड़े बड़े पत्थर बोल्डर और रेट से पुरा इलाका तब दबाव का नजर आ रहा है कुछ भी यहां पर नजर नहीं आएसा नहीं लग रह
23:25एक सेलाब ने पूरे ना सिर्फ धनारी जो गाव है और उसके अला हर्शिल घाटी में तबाही लेकर आया मंजितनेगी हर्शिल आस्तर तो आपने देखे हर्शिल की तस्वीरे किस तरह से वहां पर तबाही आई है और किस तरीके से वहां पर रेश्क्यू आपरेशन को इस
23:55लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है वहां पर ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं हमारे समवाता आशुतोष मिश्रा देखे उनकी रिपोर्ट
24:02तो इस पूरे अभियान में जो सबसे पहला पढ़ाव है वह है इवैक्वेशन इवैक्वेशन के लिए कोई साधन नहीं है देखे पहला पढ़ाव कि अपने एक रिपोर्ट देखी ये जो दूसरा रास्ता था यहां मैं खड़ा हूँ एक ब्रीफ आपको तस्वीरों के ज
24:32ये जब बनेगा तब आगे जो है राहत बचाव किती है दूसरा जो फेज होता है वह है रेस्क्यू ऑपरेशन से आप जिनको इवैक कर लिया गया उनको हेलिकॉप्टर से जो छोटे-जोटे हेलिकॉप्टर चल रहे है चार सीटर पांच सीटर उनके जरियों उनको उत्तर
25:02उनिलाकों से निकलना चाहते थे उनको रेस्क्यू किया गया
25:04तीसरी जो चुनोती है वो सर्च उपरेशन की
25:06सर्च उपरेशन के लिए इस समय देड़ सो से ज्यादा मैन पावर वहाँ पर है
25:10जिसमें ITBP है जिसमें SDRF के लोग हैं
25:12वहाँ जो राजरिफ की टीम थी जो उस्थानी है जो वहाँ पर बेस कैमता मिलिटरी का
25:16वो वहाँ मौझूद थे उसी के साथ एंडियारेफ के कुछ लोग वहाँ पहुँचे हैं
25:20अब सर्च ऑपरेशन में सबसे बड़ी मुश्किल आएगी
25:22कि जितना एरिया वो जा पाएंगे मार्किंग कर पाएंगे वहाँ तो ठीक है
25:26लेकिन जहां घर एक से डेड़ फिट मलबे में है उसको आप कैसे निकालेंगे
25:30तो अब वहाँ सबसे बड़ी कमी है वो संसादनों की है
25:33और तीसरा जो इसमें सबसे बड़ा मिशन है चौथा फेज वो है रीस्टोर करना कनेक्टिविटी
25:37कनेक्टिविटी में सड़क भी आती है यहां के सड़क ठीक हो गई है
25:40एक सौ मीटर का स्टेच और बाग यह वो हो जाएगा
25:43बिजली का जो है बिजली के लिए लोग वहाँ पर भेजेगे बिजली भी भाग के
25:46वो देख रहा है कि लाइन कहां से डैमेज़ए एक बार बिजली रीस्टोर हो गई
25:49तो वही 1.500 पौने 200 लोग रात के समय भी भी उस टेरेन पर उपरेशन कर पाएंगे
25:53क्या संभाब ना हो सकती किसी के जीवित होने की
25:56उसी तरह कनेक्टिविटी को वहाँ से भी सुद्रुट करने की कोशिश करेंगे
25:59हरशिल धराली से आगे लिच्छी की और कि यहां से ज्यादा से ज्यादा मदद पहुँचे
26:03आखरी फेज होगा रिलीफ ऑपरेशन उस रिलीफ ऑपरेशन में नुकसान कितना है
26:07नुकसान को अंदाजा लगाये जा सकता है
26:09जो लोग हैं वापस उनका पुनरवास हो जाए
26:11तो जो छे अस्तर पर ये जो अपरेशन होते हैं हमेशा इस तरह और पहाडों में
26:15जो मुश्किले होते हैं मौसम की हैं
26:17आज वैली खुली है और इसलिए जो है कई सौटी हमने सुबह से देखी हुई है
26:20वैली के साथ दूसरी अच्छी बात रही कि प्रशासन ने देर से सही
26:24लेकिन मौबलाईएशन काफी अच्छा किया है
26:26काफी ज्यादा मशीनरी भेजी हैं और मैन पावर आये हैं
26:29क्योंकि सडक मार्ग को मजबूत करना ही समय सबसे बड़ा मार्ग है
26:32वही सबसे बड़ा रास्ता है और उसी के साहर ये निर्भर करेगा
26:35कि वहाँ जो आपरेशन पहाडों में उपर हर्शिल और धराली में चल रहा है
26:38उसमें कितनी तीवरता आएगी
26:40यानि की युद अस्तर पर जो आर्मी है जो वहाँ पर रेस्क्यू की टीम है
26:47ये सारी टीम में मिलकर आई टी बी पी ये सारी टीम में मिलकर वहाँ पर लोगों को रेस्क्यू करा रही है
26:53और रेस्क्यू कराने के बाद उन में से जायता लोगों को चाहे वो धराली के हो या अस्पास के हो उन्हें दह्रा-दून लेकर आय जारहा है
27:01जिन लोगों को रेस्क्यू कराया गया उनसे बाच्चीत की हमारी समधा सरीटाले सुनिये
27:06दखराली में बादल फटने के बाद लोगों का रेस्क्यू यहां पर किया जा रहा है, कई सारे लोगों को तरकासी यहांपर लाया जा चुbig है और यहांसे उनको जो है दहरादून लेके जा
27:32देसे, कवीता
27:33कवीता जी आप बैंगलोर से वहांपर घूमने के लिए
27:35हां हम लोग गूमने आय थे
27:36तोच रहा था किय ऐसा कुछ हो जाएगा
27:50पास में ही ऐपल के औरचर्ड थे
27:52एक मंदिर था
27:53तो हम लोग सुबह साथ बजे निकले थे
27:56वहाँ जैस पैदल गए थे
27:58कुछ फोटोस निकाले औरचर्ड में
27:59और फिर हम लोग वापस अपने रूम में चले गई थे और फिर देड़ बजे के आज पास आजा गया था और सब लोग ऐसे विसल कर रहे थे
28:10तो हमने दरवाजा खोल के देखा तो पूरा मलवा मतलब आ गया आ रहा था पूरा और मतलब हमारे होटेल के सामने पूरा तब तक सब कुछ हो चुका था और फिर मतलब हमको भी ऐसा लग रहा था कि अभी क्या होगा क्या होने वाला है तो वो मतलब इतना जलबाजी के चकर म
28:40और ये भी मतलब लोग बोल रहे थे कि आपका होटेल ठीक है बाकी जो आसपास वाले बिल्डिंग है वो सब बह गए तो लखिलियो न आप जिस होटेल में थे वो नहीं ढ़ा आप बच गए हम बच गए हम बच गए हम बच गए मतलब जहां पर हम लोग सुवे गए थे और ए
29:10है दब गए है वो क्या है अभी तो मतलब हम लोग फिर वहां से हरशील के रेस्क्यू कैम्प में आ गए तो बस इंफोमेशन है जो लोगों ने बोला है कि मतलब वहां पर आर्मी का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है जब हम लोग पैदल निकले थे तो बहुत सारे अंबिल
29:40बारिश लोड़ा कम हो गया तो और भी आर्मी के लोग गए थे वहां पर रेस्क्यू करने तो आप ही सात्मी थे आप लोग सात्मी के आप लोगों ने जैसे देखा की मलबा आ रहा है सबसे पहले दिबाग में क्या है जसके लोग ने बताया कि बस सामान उठाया और भागन
30:10देंजरस स्ट्णने उलोग को मालुम बढ़ गया इसलिए हम लोग बार आगया हम लोग पैकेज करके बार आगे आँए आपनी लोग भी लोग को हम लोग बोला बार निकलने के लिए यह तो बहुत आत्मी लोग सुन नहीं वो लोग उर रस्तार्न में जा रहा है अम लोग
30:40तो मतलब पैनिक होके ही तो हम लोग इतनी जल्दी निकल गए नहीं तो मतलब थोड़ा शौक हो गया था अभी कैसा मैसुस कर रही है अभी तो मतलब रेस्क्यू काने के बाद सब लोग बोले कि आप इतना लगी हो लगी हो तो हमको भी ऐसा ही लग रहा है कि हम लोग बहुत �
31:10उसके बाद क्या हो गया यह बैंगलोर्ड से दंपती कविता जी और उनके हस्बेंट जो है घूमने आये थे धराली में उस वक्त मौझूद थे और जो खौफना का मंजर इन्होंने अपनी आँखों के सामने देखा वो ताश की पत्तों की तरह जो जो वहां पर होम स्टे�
31:40कुछ बयां कर रही है क्योंकि ऐसी आपदा से खुद को बचा पाना और सुरक्षित वहां से अब अपनी घर तक पहुंचना यह बहुत बड़ी बात है और जिस हिसाब से मैंने कहा कि इनके जो मुस्काने स्माइल है वो काफी कुछ यहां पर बयां कर रही है जो आप समझ स
32:10भटवाडी तक एब दी रास्ता खोला जाका है उसके आगे भी जो रास्ता है कैसे खोला जाएगा उसकolf लेकर काम चल रहा है उसके अलावा सेना के इंजीनियर है वो भी जहां पे पुल तूटे हुए
32:23उन पुलों को बनाया जा रहा है
32:24ताकि जितनी जल्दी पुल बन जाये
32:26rescue operation शुरू हो पायेगा
32:28और साथ ही साथ
32:29जो लोग वहाँ पर rescue कराये जा रहा है
32:32या जो उस इलाके में रहने वाले लोग है
32:34उनका आवागमन भी वहाँ पर शुरू हो जाएगा
32:36तो तमाम तरीके की कोशिशें चल रही है चाहे सेना की बात करें या फिर जो बाकी की स्टेट एजिंसिया है उनकी बात करें पूरी तरह से कोशिश की जारी है कि अभी भी अगर किसी को बचा सके तो उनको बचा लिया जाए और पहले की तरह जो जीवन है वो आम दिनों की त
33:06सारे जो सड़क और पुल को बनाने के लिए किस तरह की जद्दु जहद वहाँ पर हो रही हैं देखे रिपोर्ट
33:11उत्तर काशी के धराली में आई प्रले कारी आपदा का आज तीसरा दिन है
33:37पहले दिन जो आफ़त आई थी उसके बाद वहाँ सिर्थ गिने चुने सैनिक और स्थानिय प्रशासन के लोग मदद कर पा रहे थे
33:45दूसरे दिन मुख्यमंत्री का दोरा हुआ हेलिकॉप्टर से फसे लोगों का रिस्क्यू हुआ और तीसरे दिन अब सड़क खुलने के बाद युद स्तर पर राहत बचाव शुरू हो रहा है
33:56धराली के राहत बचाव कारे में सबसे बड़ी राहत उस वक्त मिली जब दो दिन तक दिन रात मेहनत करके भटबारी इलाके वाली सड़क खुल दी गई
34:0724 गंटे पहले जो सड़क सेक्रों मीटर में तबाह हो चुकी थी
34:13वहां से इनसानों का गुजरना भी मुश्कल था
34:16वहां जबानों इंजीनरों और प्रशासर की मेहनत ने एक दिन के अंदर एक मोटरेबल सड़क खुल दी है
34:22इस सड़क के खुलने से राहत बचाव को कितनी रफ़तार मिल पाएगी उसे इस नक्षे पर समझे
34:29तो ये नीचे यहां उतरकाशी है और उपर यहां धराली है
34:34इसके बीच की सड़क में तीन जगे अवरोध है
34:36पहला अवरोध इस भटबाडी इलाके में था जहां की सड़क अब खुल चुकी है
34:41इसके बाद गंगनानी में एक पुल बह गया है
34:44उस जगे पर सेना के इंजीनियर वेकलपिक पुल बनाने वाले है
34:48इसके बाद हर्शिल में हुए नुकसान को पार करने के बाद धराली तक रास्ता क्लियर हो पाएगा
34:54बटवाली में जो राजमार्क बह गया था
34:56महस चालिस घंटों के भीतर उसे बियारों के टीम ने दुरुस्त कर लिया है
34:59अब वो रास्ता खुल गया है
35:01और इन्ही रास्तों से पीछे आई टी वीपी की टीम
35:03इसी के साथ अट एंडियर एफ और उन तमाम एजिंसियों का पूरा सामान
35:08पूरा अमला आगे बढ़ेगा धराली के लिए
35:11हरशिल के लिए दरसल बड़ी चुनोती थी
35:13कि पूरा राश्ती राजमार जो है नदी का शिकार हो गया था
35:16उसी के साथ साथ गिर रहा था मलबा
35:17पहाड को चीर करके इस पूरे हिस्से को चीरते हुए अब जो आगे बढ़ रही है
35:21ये हमारी सहयोगी अंजली इस्टवाल वो आगे इस रास्ते से बढ़ रही है
35:25और आज तक की पहली गाड़ी इस काफिले में चुकि हम यहीं पर इंतजार कर रहे थे
35:28रास्ता कुलने का हमारा सफर आगे जारी रहेगा
35:31तो हमारी सहयोगी अंजली इस्टवाल और नासिर खान यहाँ पर है
35:35अंजली बहुत-बहुत मुबारक हो आपको आपने पहली बार ये रास्ता पार कर लिया
35:39हम पहली टीम है आज तक की और इंडिया टुड़े की जिसने यह रास्ता क्रॉस कर रहे जो पीछे इंतजार कर रहा है
36:03अब वो आना शुरू हो गया है
36:05भटपाडी में यह रास्ता तो खोल गया
36:09लेकिन इससे आगे अब बड़ी चुनौती भटपाडी से 15 किलो मीटर उपर के गंगनानी इलाके में है
36:14यह गंगनानी की तस्वीर है
36:18यहां सैलाब और लैंड स्लाइड में पूरी पुलिया ही बह गई है
36:22यह पुलिया के दोनों तरफ के स्पैन नजर आ रहे हैं
36:25लेकिन बीच का पूरा पुल बह चुका है
36:27इसे युद स्तर पर तैयार करने की चुनौती आज सेना के इंजीनरों और जबानों पर है
36:33इसके बाद बैली ब्रिज को हुए नुकसान को दुरुस्त करने के बाद ही हर्चिल तक पहुँचा जा सकता है
36:39फिलहाल उमीद यही है कि किसी सूरत में जल्द से जल्द धराली तक मोटरेबल रोड बनाई जा सके
36:45और उमीद है कि अगर मौसम ठीक रहा तो कल तक धराली में आसानी से बाहन आ जा सकेंगे
36:51भटबाडी उत्तरकाशी से आशुतोष मिश्टा के साथ आज तक वेरो

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