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धराली में कुदरत का कहर, गांव मलबे में समाया, रेस्क्यू में आ रही चुनौतियां, देखें

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00:00आप देख रहे हैं आज तक पर दस तक और आज हम उस खबर पर दस तक देने जा रहे हैं जिससे पूरा उत्तराखंड खंड खंड हो गया है जहां उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली में ऐसा बादल फटा कि रेस्क्यू उपरेशन में काफी परिशानिया आ रही
00:30का एक गाउं समाधी ले चुका है जहां पूरा का पूरा धराली गाउं मलबे में दब चुका है
00:36तो आज हम धराली की एक एक तस्वीर आपको दिखाएंगे जो खौफनाक तबाही के कहानी बया कर रही है
00:43तो आज हम आपको ये भी दिखाएंगे कि धराली में रिस्क्यू उपरेशन में अर्चने क्यों आ रही हैं तो आपको ये भी हम दिखाएंगे कि आखर धराली में इतना इतनी भेंग कर बार क्यों आई क्यों तबाही की बार ने लोगों को जान बचाने के लिए भागने तक क
01:13धराली में गुदरत ने कैसे मचाया कोहराम बादल फार तबाही की तस्वीरें
01:21पहले प्रलय आया पूरा गाउँ धरती में समाया अब रेस्क्यू आपरेशन का चैलेंज
01:35मलबे में दवा धराली इमारतें धराशाई सेलाब मिलापता लोगों की तलाश जारी
01:41इंडियार, आईटी बीपी और भारती सेना का ओपरेशन जिंदगी सामने मौसम की चुनावती
01:57सेलाब ने उत्रा खंड को खंड खंड कर दिया तबाही के 32 घंटे खौफ का वही मन्सर
02:04ड्रोन से ले गई धराली की ये तस्वीरें बता रही हैं
02:18कुद्रत की बादल फार तबाही ने धराली का क्या हश्र कर दिया है
02:21आपको सिर्फ और सिर्फ मलबा नजर आएगा
02:24पुल से लेकर इमारतें या तो सेलाब में समाध ही ले चुकी हैं
02:29या फिर उनके अवशेश दिखाए दे रहे हैं
02:31और जो इका दुका इमारतें बची हुई हैं
02:33वो भी मलबे में पूरी तरह से गड़ी हुई नजर आ रही है
02:37आपको ध़स्त हुआ पुल भी मलबे में धसा हुआ नजर आएगा
02:40आपको सेना और NDRF के जवान रेस्क्यू उपरेशन में जुटे नजर आएगे
02:44तो आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं
02:46कि क्यूं धराली के अंदर रेस्क्यू उपरेशन में चुनावतियों का सामना करना पड़ रहा है
02:51गंगोत्री तीर्थ्यात्रियों के प्रमुख पड़ाव धराली गाउं के बाजार, मकान, होटेल सब बह गए
02:58खीर गंगा नदी में पहाडों से बहकर आए मलबे में अब सब कुछ दपनो चुका है
03:0358 सेगंड की तबाही ने धराली की सूरत बदल दी है
03:07पहले आपको मैप के जर्ये धराली का पूरा इलाका दिखाते हैं
03:11ताकि आपको समझ में आ सके कि हुआ क्या और क्यूं अब रेस्क्यू आपरेशन एक बड़ा चैलेंज बन रहा है
03:17धराली गाउं में करीब 900 लोगों की आबादी रहती है
03:20200 से ज्यादा घर यहां बताए जाते हैं
03:2320 से 25 होटेल है
03:24जब 5 अगस्त की दोपहर करीब पौने 2 बजे बादल फटा और सैलाब आया
03:31तो धराली गाउं को बहा ले गया
03:33कुछ लोग जान बचा कर भागते हुए नजर आए
03:35लेकिन सैलाब ने भागने का मौका भी नहीं दिया
03:38अब आपको दिखाते हैं सैलाब ने धराली में कितना घातक प्रहर किया है
03:43ये देखें ग्राउंड जीरो की तस्वीने आपको पूरा चट्यल मैदान सा नजर आएगा
03:53जबकि चंद घंटे पहले यहां होटेल और रिहाशी मारतें खड़ी थी
03:57या फिर सैलाब के प्रहर से जो एक का दुकाई मारतें बच गई
04:01तो उनकी सिर्फ छटे नजर आ रही है जबकि पूरी की पूरी मारतें मलबे में गड़ी हुई है
04:06देखने से ही पता लगता है कि पूरा इलाका सैलाब में समाधी ले चुका है
04:11और ये देखे यही वो पूल है जो भागी रती नदी के ऊपर बना है
04:16जब बादल फटने से सैलाब आया तो ये पूरा पूल ही धराशाई हो गया
04:20अब इसके दोनों छोर दिखाई दे रहे हैं
04:22पूल की केबल दिखाई दे रही है लेकिन पूल का जो पूरा हिस्सा है यानि बीच का हिस्सा वो मलवे में मिल चुका है
04:29और यही रेस्क्यू अपरेशन के रास्ते में सबसे बड़ा चैलेंज बना हुआ है
04:33आपको इस पूल पर सेना के जवान दिखेंगे जो रेस्क्यू अपरेशन के लिए रास्ता तैयार कर रही है
04:40भारती सेना की साथ टीमें लगातार मोर्चे पर डटी हुई है
04:44जिस तरह से धराली में कुद्रत कयामत लेकर आई
04:47खौफ का वो मनजर अब भी लोगों के तिलों में बैठा है
04:50तो आईए आपको कुछ चश्म दीदों को सुनवाते है
04:53खतना किस्तिती और बहुत ज़्यादा डरानी इस्तिती यहां पर हो
04:58हम इदर थे पासे में फिर देखा हमने कई आदमी उड़के जा रहे थे निच्चे
05:02कई मकान बैगे इदर हट थे सारे पेड़ थे खतम हो गए
05:07उसमें इतना भेंकर देवी आपदा है कि इसमें कि लोगों को भागने तक का मोका नहीं मिला
05:12उत्राखन के सीम पुषकर धामी ने धराली गाउं का हवाई सर्वे किया
05:32धामी ग्राउंड जीरो पर पहुँचे और वहां के लोगों से सैलाब की पूरी सच्चाई जानी
05:36खुद धामी बताते हैं कि जब वो हिलकॉप्टर से जायजा लेने के लिए निकले तो दो प्रियास तो फेल हो गए
05:42तीसरी बार में वो धराली तक पहुँच पाए
05:44दो बार पहले जाने का हमने प्रियास किया नहीं जा पाया
05:49और उसके बाद तीसरी बार में हम वहाँ जाने में हमको सफलता मिली है
05:55माँ जाकर मैंने बगोरी गाउं के लोगों से, हरसिल के लोगों से और हमारा प्रभावी चेतरे सभी लोगों से आगे के हाल चाल जाना है
06:09सरकार सभी ब्यूस्ताइ़ करने के लिए पुरी तरह से प्रतिवियर्ध है
06:13आदरी क्रधान मंतری जी ने भी
06:14हमको हर संभव सहेटा देने के लिए कहा है
06:17और उनके मारण। दर्सन्न समय
06:20हम आपदार पिडितों को ठीक प्रकार से सहेटा करेंगे
06:24अब यही से अंदाजा लगा सकते हैं कि रेस्क्यू उपरेशन में कितनी दिक्कते हो रही है
06:36क्यों हर्शिल और धराली के पास में और हर्शिल में भारती सेना का कैम्प है
06:40तो वह सेना के जवान जल्दी पहुँच गए और रेस्क्यू उपरेशन शुरू किया
06:43आपको बता दें कि उत्तरकाशी सिले में तीन जगह विनाशकारी सेलाब आया
06:51थराली, हर्शिल और सुखी टॉप अब इन तीनों जगहों पर रेस्क्यू उपरेशन चल रहा है
06:56राली में ये फ्लेश फ्लड आया है, उसमें चार डोग डेट बताए जा रहे हैं
07:04तकरीबन पचास से ज़ादा लोग मिसिंग हैं
07:06इसके साथ ही दो और जगहों पर भी हर्शिल में और सुकी टॉप में ये फ्लेश फ्लड आया है
07:13अपने एक वीडियो देखा होगा, जिसमें जब सहलाब आया
07:43तो मलबे से एक शक्स निकलने की कोशिश करता है और बड़ी मुश्किल से वो सैलाब से निकल पाता है
07:48इस DRF, NDRF, ITBP और आर्मी बचाव कारे में जूटी है
07:55ITBP के माने तो अब तक 400 से ज्यादा लोगों को इलाके से निकाल लिया गया है
08:00जबकि 100 से ज्यादा लोग अब भी ला पता है
08:02क्यों आ पता कि 32 घंटे बाद भी रेस्क्यू आपरेशन पूरा नहीं हो पाया है
08:07इसके बारे में ITBP से सुनगे
08:09अब देखें ऐसा है कि inclement weather है, incessant rain है यह आप सब जान रहे हैं
08:14में चीज क्या होता है ऐसे में कि resource क्योंकि मान लीज़े आपको पास लोग जादा है
08:19लेकि resource नहीं है, tools नहीं है, जो JCBs वगरा नहीं है
08:23तो आपके पास manpower का utilization नहीं होगा
08:26optimum utilization तभी हो सकता है, जबकि matching amount में आपके पास resource हो
08:30आज क्या हुआ है कि हमारे senior officers जो है, डीजी मोहद है और खुद हमारे जो IG Northern Frontier है
08:35इन्होंने resources को channelize किया है, दूसरे sister agency से अच्छा coordination है
08:39उत्राकंड government का एक अच्छा coordination हो रहा है
08:43तो आज क्या हुआ है कि हमें tools मिले है, resource मिले है
08:46सेलाब में जो भारती सेना के 11 जमान लापता हुए है
08:51उनकी तलाश अभी भी पूरी नहीं हो पाई है
08:54कहा ये भी जा रहा है कि केरल के 28 टूरिस्ट का ग्रूप धराली की घटना के बाद से लापता है
08:59जगा जगा लेंट स्लाइड है, इसलिए इनका पता नहीं चल पा रहा है
09:02इस आपदा में धराली में स्थित प्राचीन कल्प केदार महादे मंदिर भी मल्बे में समाधी ले चुका है
09:08भागी रती नदी किनारे बना 500 साल पुराने ये मंदिर पंच केदार परंपरा से जुड़ा है
09:14स्थानी लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंदर था
09:17अब रहस की ऑपरेशन में चिनूक से लेकर MI-17 हिलकॉप्टर भी जुड़ गए है
09:21सड़क यातायाद पहाल करने के लिए चिनूक हिलकॉप्टर से भारी मिशनरी भी पहुचाई जा रही है
09:27आज तक देरो
09:29और आईए अब आपको दिखाते हैं कि कैसे प्रकृती नहीं सिर्फ धराली या फिर हर्शाली नहीं बलकि पूरे उत्तरा खंड को खंड करके रख दिया
09:40बेहसाब वर्शा हो रही है भूसकलन हो रहा है नदी नालों में बाढ़ आ गई है जो सब कुछ बहा ले जाने पर आमादा है
09:48पुल बह गए सड़के दोस्त हो गई और इसलिए धराली और हर्शाली में जो टीमें रेस्क्यू आपरेशन करने के लिए निकली हैं वो रास्तों में ही अटक गई है
09:56सिर्फ हेलिकॉप्टर से ही अभी तक रेस्क्यू आपरेशन चल पा रहा है और जिस तरह से धराली गाओं पूरा मल्बे में समा गया
10:03यहां तक की मशिनरी का पहुँचना वहां बहुत जरूरी है लेकिन एक भी मशिन नहीं
10:08जो रास्ते ना होने से यहां वहां जहां तहां अटकी हुई है लेकिन धराली नहीं पहुच पा रही है
10:15आज तक के रिपोर्टर उस भी धराली और हर्शाली तक पहुचने वाले रास्तों के बीश में हैं
10:19और एक एक तस्वीर आप तक इस बर्बादी की खुद्रत के खहर की पहुचा रहे है
10:49धराली और हर्शल में आए तबाही के सैलाब को पूरे 32 घंटे हो गए हैं
10:58लेकिन बड़ी बात यह है कि अभी तक रेस्क्यू आपरेशन पुल स्पीड में शुरू नहीं हो पाया है
11:06अब सबाल ये है कि आखिर क्यों तो आईए आपको ग्राउंड रिपोर्ट के जरीए समझाते हैं
11:11ये समझ लीजे हर्शल और धराली तक जाने के लिए खुद्रत ने किसी भी रास्ते को नहीं छोड़ा है
11:19मैं आज तोष मिश्रा इसमें पहुंचा हूँ धराली के बेहत नजदीक हरसिल से महस कुछ किलोमेटर की दूरी पर
11:26ये जो इलाका है ये वो आखरी पड़ाव है जिसके चलते अभी भी राहत बचाव कारे में सबसे बड़ी बाधा है
11:32क्योंकि ज्यादा तर जितने भी राकें जहां पर सडके बही हैं उन्हें बनाया जा सकता है
11:36लेकिन ये जो रास्ता आगे जोड़ता है दरसल इस पर एक पुल था सिमिंट का
11:41और सामने से आता हुआ सैला पहाडों से जो जहरना वो प्रपात इतनी तेज था कि बीती शाम को वो पुल को अपने साथ ले करके चला गया
11:49और जैसे ही वो पुल बहगे देखे इसके साथ यहां पर पूरी पूरी जो सडक है वो दरकती हुई चली गई
11:54अमूमन यही तस्वीर हमने दूसरे इलाकों में देखी है लेकिन यहां साडक का हिस्सा महफूज है यह सुरक्षित है लेकिन इसके आगे जैसे आप जाते हैं यहां पर दरारे बढ़ रही है लेकिन सबसे ज़्यादा जो नुकसान हुआ वो इसकी वज़ेसे क्योंकि आप
12:24आए हैं जब ज़रना उपर से तेज आया तो वो बह करके आगे और यह सारा हिस्सा यानि यहां तक पानी था यह जो नदी है आगे इस नदी का स्तर यहां तक आया था जिसने तबाही का चार और यह मन्जर फैला हुआ है
12:38ऐसा लगता है कि खुद्रत ने जैसे सब कुछ तहस तहस कर डाला है पूरे उत्तरा घंड में खुद्रत अपना ड्रॉदर रूप दिखा रही है रास्ते पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं अब धराली तक पहुचते के लिए काम चल रहा है
12:53अगर यह रास्ता नहीं खुला तो यह तो हम पहुचे नहीं पाएंगे वहाँ राहत बचाव कारी भी नहीं शुरू हो पाएगा
13:00सर देखिए रोड की कनेक्टिविटी तो जो मशीन है जितना कर पाएंगी वो पूरा आपके सामने चल रहा है
13:05सबसे बड़ी चुनोती कौन से यह तो फिर भी बन जाएगा धराली तक क्या आज पहुच पाएंगी रेस्क्यू टी में
13:10आज तो सर जैसे हम देख पा रहे हैं आज तो मुश्किल है कि आज टीम पहुच पाए बाकी बड़ी बज़े क्या है
13:17गाड़ियां तो नहीं जाएंगी बाकी यह जो टीम है अपनी ऐसा डीए बगेरा वो आपको पैदल पहुच रही है
13:26एक पुल है आगे कॉंक्रीट का वो भी बह गया है लिम्ची गाड़ ब्रीज है वो पूरा कंप्लेट लिबागा
13:31ऐसे में सिर्फ हेलिकॉप्टर ही ऐसा विकल्ब है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन की टीमे धराली तक पहुच रही है
13:58इस वक्त हम उत्रकाशियों में ITVP के कैम मातली में मौझूद हैं जहांपर यह हेलिपैट है जहांपर धराली में जो घायल लोग हैं और खास्तों सेना के जवान हैं उनको हेली के जरी हेलिकॉप्टर के जरी यहां लाया गया है और यहां ITVP के इस हॉस्पिटल में उनको �
14:28जोड़ने के लिए जरूरी जो खास्तों सेना के जरूरी जो घाया है और धराली में विनाशकारी और इस विनाश लीला के पीछे वैग्यान एक तीन तीन थियूरी देख रहे हैं लेकिन धराली में प्रकृती के कोहराम ने कैसे खतरे की घंटी बजा दी है हम आपको इस ड
14:58कि जल प्रले का खत्रा भी टला नहीं है
15:29हिमाले से मिले संकेत बहुत डराने वाले हैं धराली अभी ट्रेलर है महा तबाही बाकी है पहाड में छिपा जल प्रले का नया खत्रा धराली के सर्वनाश के पीछे अनसुना सर्च
15:49जल प्रले की ये तस्वीरे रोंग के खड़े कर देने वाली है चंद सेकंड में देखते ही देखते धराली गाउं मलवे के धेर में तबदील हो गया
16:02है आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि धराली में आये जल प्रले की वजय क्या है जल प्रले को लेकर दीम करक्ती थ्योरी सामने आई
16:15पहली थियोरी जल प्रलय के पीछे बादल बम दूसरी थियोरी जील ने धराली में मचाया कोहरां तीसरी थियोरी ग्लेशियर टूपने से आया जल प्रलय
16:31आखिर धराली में आए जल प्रलय के पीछे की असली वज़ा क्या है आपको तीनों थियोरी के जरिये समझाते हैं यानि कल धराली में जो हुआ क्यूं हुआ
16:43थियोरी नमबर वन बादल बम वज़्यानिकों के मताबिक पहाडी इलाकों में अचानक तापमान कम होने की वज़े से एक ही जगह बहुत ज्यादा बारिश हो जाती है जिससे बादल फटना कहा जाता है
16:58धर्ती में आये जल प्रलै को शुरुवात में बादल फटने की घटना से जोड़ा गया लेकिन मौसम विभाग की माने तो धराली में बीते दिन इतनी बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई है जिससे बादल फटना कहा जाए
17:10लेकिन कुछ वैज्यानिकों का कहना है कि भारतिय मौसम विभाग के आंकडे उनके केंद्रों पर निर्भर हैं जिनके शमता सीमित है ऐसे में अगर नासा के सैटलाइट डेटा को देखें तो धराली के उपरी हिस्से में पिछले साथ दिनों में जबरदस्त बारिश हुई
17:40लेकिन जिस तरह का क्लाउट सिस्टम बना हुआ था जो हायर रीचर्स थे माउंटेंस के महां बहुत इंटेंस क्लाउड सिस्टम था इसको देखते उसको कम्प्रीटी रूल आउट भी नहीं कर सकते के हायर रीचर्स पर ऐसा एक्टिविटी नहीं होगी लेकिन अपर डे�
18:10पहार में मौझूद जील का भटना हो सकता है दरसल उत्तरकाशी के इलाकों में निचली जमीन और ग्लेशियर के बीच में कटोरे की शकल में बारिश का पानी जमा हो जाता है जिसे ग्लेशियर जील कहा जाता है कभी कभी जील में लगातार बारिश के चलते ज्यादा पानी
18:40जीले, घटना स्थल से काफी दूर और बिख्री हुई, और जिस तरह की तबाही नसित धराली बल्कि आसपास के इलाकों में देखी गई है, वो किसी जिलॉफ के पैटन को नहीं दर्शाती है.
19:10दूसरे क्या है कि ये बहुत पड़ा इस्ती सुलूप है, रॉक का, लेंसेट को भी दिखा रहा हो, अब पाने आ रहा है और इसके उपर अलकपल का सुनूदू.
19:23त्योरी नंबर थ्री, ग्लेशियर बंप
19:26ज्यादतर वईज्यानिक इस थियोरी को सबसे मजबूत मान रहे हैं, क्योंकि धराली और उसके आसपास मची तबाही के पैटन से ये थियोरी मेल खा रही है.
19:34वईज्यानिकों की माने तो धराली इलाके में समुद्र तल से करीग 14,000 फीट की उचाई पर बने ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा तूटा और जिसके गिरने से जल प्रलह आया.
19:45धराली में आये जल प्रलह ने खत्रे की घंटी बज़ा दी है, क्योंकि हिमाले रेंज में कुद्रती आपदाओं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.
19:56नई रिसर्च में भूवज्यानिक को कश्मीर से हिमाचल तक उत्राखंट से लेकर अरुनाचल तक हिमाले रेंज पर आपदाओं का नया पैटन दिख रहा है.
20:10अब सवाल यही है कि हिमाले से बार-बार खत्रा सिर्क्य उठा रहा है. आज पूरा का पूरा हिमाले रेंज खत्रे की घंटी क्यूं बजा रहा है? तो इसका इतिहास और भूगोल समझ जिए.
20:22इन आपदाओं को समझने से पहले हिमाले का इतिहास जान लिजिए. हिमाले दुनिया की सबसे नई परवस शिंखला है. परवत की नई शिंखला होने की वज़े से हिमाले रेंज के पहाड नाजुक पत्थरों से बने हुए है. ऐसे में ज्यादा बारिश होने पर भूस खल
20:52भारी बारिश होने पर पहाडों के निचले हिस्सों में बार का खत्रा हमेशा बना रहता है. वज्यानिक मानते हैं कि हिमाले की उंची उंची चोटियों के चलते बारिश के मौसम में बादल का रास्ता रुख जाता है. एक जगह पर बादलों में ज्यादा पानी एकठा हो
21:22पेड़ों की कटाई से पहाडों की मिट्टी अपनी पकड़ खो देती है ऐसे में ज्यादा बारिश होने पर भूस खलन की खटनाएं बढ़ जाती है नई रिसर्च से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग से हिमाले के ग्लेशियर पिखल रहे हैं और ग्लेशियर पिखलने से �

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