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  • 3 days ago
उत्तराखंड के कारीगर जीवन जोशी ने चीड़ की छाल से कलाकृतियां बनाकर दी राष्ट्रीय पहचान, 15 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

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00:00. . . . . . .
00:30जीवन के हाथों में निर्जी वस्तु में जान डालने का ऐसा हुनर है जिसे देख कर हर कोई हैरान रह जाता है
00:3765 वर्षे जीवन को बचपन से ही कलाकृतियां बनाने का शौक रहा है
00:42पहाडों में रहने के दौरान उत्तराखन के जंगलों के लिए अभिशाप माने जाने वाले चीड की छाल को ही उन्होंने अपने हाथों से तराशना शुरू किया
00:51जो अब उनकी पहचान बन चुकी है
00:53वो चीड की छाल से ऐसी ऐसी कलाकृतियां बना लेते हैं जिसे देखने वाला तारिफ की ये बिनान नहीं रह सकता
01:00जीवन जोशी की कलाकृतियां संप्रित संस्कृतिक विरासत को दरशाती है
01:05This is the reason that he has been involved in a senior fellowship with a senior fellowship.
01:35PM Modi bhi من کی بات اپیسوڈ میں جیون چندر جوشی کی اس کلا ان کے ہنر اور آتم وشواس کی سرحانہ کر چکے ہیں.
02:05और अब उने राष्टपती द्रापदी मुर्मू स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने जा रही है.
02:11राष्टपती का निमंत्रन पाकर जीवन चंदर जोशी काफी उतसाहित है.
02:35जीवन जोशी के हुनर को मंच दिलवाने में CCRT के कोडिनेटर गौरी शंकर कांडपाल नी भी एहम योगदान निभाया है.
02:51तो यहां पर इनको मैंने जब कला को देखा तो निश्ची तुर्प से नायाब कला है, दुरलब कला है, जिसको आगे बढ़ाना बहुत आउच सकता.
02:58तो इस कड़ी में मैंने इनकी कला को तरासने का काम जोई कर रहे थे, उसको मैंने मंच देने का प्रियास किया.
03:03CCRT नई दिली की सीने फेलोशिप में मैं इनको पहुचा पाया, यह मेरे लिए भी गॉरब के पल है, इसके पचात इस कला को इभिन मंचो में, IISF इंडिया इंटरनेशन साइंस फेस्टिवल जैसे मंचो पर चार बार हम पहुचा चुके हैं, इसके पचात छोटी-मोटी �
03:33भले ही दोनों पैरों में पोलियों होने की वजह से जीवन चंद्र जोशी की पढ़ाई केवल दस्वी तक ही हुपाई, लेकिन उतराखन की कला, संस्कृती और देव भूमी की आत्मा को अपनी कलाकृतियों में समेटने वाले जीवन चंद जोशी आज देश भर के लिए मि
04:03झाले झाले ब मिड़ resist ako के लिए टूमी कैसा नहीं होती ऐसाने क्र 그리고 को लिए मिएल देशों में जीवना होईuito फिन समेट Arizona

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